यह खबर पुरानी है। इसका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के रिटायरमेंट से कोई संबन्ध नहीं है।
इस वर्ष 25 जुलाई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रिटायर होने वाले है । इसके चलते एक खबर का स्क्रीनशॉट शेयर किया जा रहा है जिसमें उन्होंने न्यायपालिका में ओबीसी, एससी-एसटी और महिला जज की संख्या कम होने के बारे में सवाल उठाया है।
इस पोस्ट को साझा कर यूज़र दावा कर रहे है कि राष्ट्रपति कोविंद अब रिटायर हो रहें है तब यह सवाल कर रहे है। उनके कार्यकाल के पांच सालों में उन्होंने यह सवाल कभी नहीं उठाया।
वायरल हो रहे पोस्ट में लिखा है,“पिछले पांच साल भाजप और संघ का मुखौटा ओढ कर इतने बडे पदपर रहते हूये कभी ऐसी बात नही करने वाले महामहिम को आज बिदाई होते समय ये सबकी याद आयी है! कैसे संस्कार मिलते है,इनके संघ और सहयोगमे?” (शब्दश:)
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अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुआत हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च कर की। परिणाम में हमें यही खबर दैनिक भास्कर के वेबसाइट पर 5 साल पहले प्रकाशित की हुई मिली। आप नीचे देख सकते है।
इसमें लिखा है कि राष्ट्रीय विधि दिवस पर नीति आयोग और विधि आयोग ने दो- दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया था। जिसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने न्यायपालिक में महिला, एससी-एसटी और ओबीसी जजों की कम संख्या पर चिंता जतायी थी।
उन्होंने कहा कि देश की अधीनस्थ अदालतों, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के 17 हजार जजों में सिर्फ 4700 महिलाएं ही है। यानी के चार में से सिर्फ एक महिला जज। उन्होंने न्यायपालिका को इस स्थिति में सुधार लाने को कहा। उन्होंने न्याय और न्यायपालिका को लेकर और भी मुद्दे उठाये थे व उनपर चिंता भी जतायी थी।
आगे बढ़ते हुये हमें भारत के राष्ट्रपति के आधिकारिक चैनल पर उनके इस संबोधन का वीडियो 25 नवंबर 2017 को प्रसारित किया हुआ मिला। उसमें बताया गया है कि उस दिन राष्ट्रपति कोविंद ने नई दिल्ली में भारत के विधि आयोग और नीति आयोग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित राष्ट्रीय कानून दिवस सम्मेलन का उद्घाटन किया था। इस वीडियो में आप उनके इस बयान को 10.20 मिनट से आगे तक देख सकते है।
इससे हम समझ सकते है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यह बयान वर्ष 2017 में दिया था, जब वे देश के राष्ट्रपति बने ही थे।
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निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रही तस्वीर के साथ किया गया आंशिक रूप से गलत है। राष्ट्रपति कोविंद ने रिटायर होते समय नहीं, बल्कि राष्ट्रपति कार्यकाल के शुरुआत में हीं न्यायपालिक में महिला, एससी-एसटी और ओबीसी जजों की कम संख्या पर चिंता जतायी थी।
Title:क्या रिटायर होते समय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पिछड़े वर्ग और महिला जजों की कमी नजर आई? जानिए सच्
Fact Check By: Samiksha KhandelwalResult: Partly False
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