१ जून २०१९ को पीटीआई बन्नू नामक एक फेसबुक पेज पर एक विडियो पोस्ट किया गया | विडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि “भारत में मुस्लिम महिलाओं को सार्वजनिक रूप से पीटा जाता है हिंदुत्व (भाजपा + आरएसएस)” | विडियो में हम एक औरत को पेड़ से टंगे हुए देख सकते है | उसे एक आदमी द्वारा लोगों के सामने पीटते हुए देखा जा सकता है | आस-पास हम कई लोगों को खड़े होकर चुपचाप तमाशा देखते हुए देख सकते है | इस विडियो के माध्यम से यह दावा किया जा रहा है कि विडियो में दिखाई गयी औरत एक मुसलमान औरत है जिसपर भाजपा और आरएसएस के कार्यकर्ता इस तरह अमानवीय अत्याचार कर रहे है और लोग भी इस बात का विरोध नहीं कर रहे | इस विडियो को लगभग २०००० व्यूज मिल चुकी है | फैक्ट चेक किये जाने तक यह विडियो ५९० से ज्यादा प्रतिक्रियाएं प्राप्त कर चुका था |
क्या वास्तव में मुस्लिम समुदाय की महिलाओं के साथ इस तरह का व्यवहार सार्वजनिक रूप से किया जाता है ? हमने इस विडियो का सच्चाई जानने की कोशिश की |
संशोधन से पता चलता है कि..
जांच की शुरुआत हमने इस विडियो को कीवर्ड्स के माध्यम से यू-ट्यूब पर ढूँढने से की | परिणाम से हमें यह विडियो कारण शर्मा नामक एक यू-ट्यूब यूजर द्वारा २३ मार्च २०१८ को अपलोड किया हुआ पाया | विडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि “पेड़ से बंधी महिला, पति ने की पिटाई उत्तरप्रदेश बुलंदशहर” | यह विडियो एक साल पुराना है |
इसके पश्चात हमें यह विडियो २२ मार्च २०१८ को ‘टाइम्स नाउ’ द्वारा प्रसारित विडियो में मिला | विडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि “औरत को पेड़ से बांधकर व्यभिचार का आरोप लगाते हुए उसके पति ने पीटा” | विडियो में कहा जा रहा है कि एक महिला को उसका पति पंचायत का आदेश मिलने के बाद पेड़ के लटकाकर पीट रहा है | उस औरत पर एक दुसरे आदमी के साथ संपर्क रखने व उसके साथ भागने का आरोप था | उसे तब तक मारा गया जब तक वह बेहोश नहीं हो जाती है | यह वायरल विडियो १० मार्च २०१८ का बताया गया है | यह घटना उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की है |
हमने इस खबर से जुड़े मीडिया रिपोर्ट को गूगल सर्च पर ढूँढा | हमें २२ मार्च २०१८ को हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा प्रकाशित खबर मिली | खबर में लिखा गया है कि यह घटना १० मार्च को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगभग ४०० किलोमीटर दूर लौंगा गाँव में घटी है | उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में एक अन्य व्यक्ति के साथ भागने के आरोप से गाँव की पंचायत के आदेश पर एक महिला को उसके पति ने कथित तौर पर पेड़ से बांध दिया और उसे सार्वजनिक रूप से पट्टे से पीटा | घटना के एक वीडियो क्लिप के सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल होने के बाद महिला के पति, एक पूर्व पंचायत प्रमुख और उसके बेटे को गिरफ्तार किया गया था |
इस खबर को इंडिया टुडे द्वारा २३ मार्च २०१८ को प्रकाशित किया गया था | खबर में लिखा गया है कि उस औरत ने दावा किया है कि गाँव के पूर्व प्रधान शेरसिंह ने आदेश दिया था कि पीटते वक्त का विडियो रेकॉर्ड किया जाए ताकि इस विडियो को भागने के परिणाम के उदाहरण के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है |
टाइम्स ऑफ़ इंडिया द्वारा प्रकाशित खबर में यह भी कहा गया है कि उस औरत को घंटों पेड़ के लटकाकर मारने के बाद गाँव के कुछ लोगों द्वारा उसके साथ अतिप्रसंग भी किया गया है |
इस खबर को २२ मार्च २०१८ को एएनआई युपी ने अपने ट्वीट के माध्यम से प्रकाशित किया | ट्वीट में लिखा गया है कि “प्रवीण रंजन सिंह, एसपी बुलंदशहर के अनुसार, ‘पुलिस ने मामले में महिला के पति, पूर्व पंचायत प्रमुख और उसके बेटे को गिरफ्तार किया है’ |”
निष्कर्ष: तथ्यों की जांच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | हालाँकि यह मन को विचलित करने वाला वीडियो वास्तविक है लेकिन इसके साथ दिया गया कथन लोगों को भ्रमित करने के लिए इस्तेमाल किया गया है | इस विडियो का कोई हिंदू-मुस्लिम एंगल नहीं है | इस विडियो को लोग भ्रामक तरीके से सांप्रदायिक हिंसा का रूप देना चाहते है | यह घटना पिछले साल बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश में हुई थी |
Title:क्या भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ता द्वारा इस औरत के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया ?
Fact Check By: Drabanti GhoshResult: False
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