३ जून २०१९ को तविंदर नरूला नामक एक फेसबुक यूजर ने एक तस्वीर पोस्ट की | तस्वीर के शीर्षक में लिखा गया है कि “यह तस्वीर प.बंगाल की है। इनका कसूर मात्र इतना था की ये लोग भाजपा के पोलिंग ऐजेंट बने थे |” तस्वीर में हम तीन लड़कों को रास्ते में लेटे हुए देख सकते है | उनके हाथ और पैर बंधे हुए है | इस तस्वीर के माध्यम से यह दावा किया जा रहा है कि तस्वीर में दिखाई देने वाले लोगों पर अत्याचार किया गया है क्योंकि वे भाजपा के पोलिंग एजेंट बने थे | यह तस्वीर सोशल मीडिया में काफ़ी चर्चा में है | फैक्ट चेक किये जाने तक यह तस्वीर १७०० से ज्यादा प्रतिक्रियाएं प्राप्त कर चुकी थी |
क्या वास्तव में पश्चिम बंगाल में भाजपा के पोलिंग एजेंट का इतना बुरा हाल किया गया ? हमने इस तस्वीर की सच्चाई जानने की कोशिश की |
संशोधन से पता चलता है कि..
जांच की शुरुआत हमने इस तस्वीर का स्क्रीनशॉट लेकर यांडेक्स रिवर्स इमेज सर्च करने से किया | परिणाम से हमें दो बंगाली न्यूज़ के वेबसाइट का लिंक मिला जहाँ इस तस्वीर का उल्लेख किया गया है |
हमें सबसे पहले ७ सितम्बर २०१७ को कालेर कोंटो द्वारा प्रकाशित खबर मिली | तस्वीर का उल्लेख करते हुए लिखा गया है कि यह घटना टेक्नाफ़ के कॉक्स बाज़ार की है | गूगल सर्च से पता चलता है कि टेक्नाफ़ बांग्लादेश में स्थित है | यह कॉक्स बाज़ार जिले का एक उपजिला है | खबर के अनुसार म्यांमार से नाफ नामक एक नदी पार करते हुए रोहिंग्या समुदाय के लोग बांग्लादेश आते है | इसी दौरान तीन घुसपैठियों ने लगभग हर दिन गरीब रोहिंग्या लोगों के कपड़े और सोना छीन लेते है | बांग्लादेश के यूनियन परिषद् के सदस्य अब्दुल गफ्फार ने इन घुसपैठियों को रंगे हाथों लोगों को लूटते हुए पकड़ा है | उन्होंने (अब्दुल गफ्फार) कहा है कि “गावं वालें इस घुसपैठियों से बेहद परेशान थे क्योंकि वे अक्सर लोगों को लूट कर भाग जाते थे |” इन घुसपैठियों को टेक्नाफ़ के पुलिस के हवाले कर दिया गया है |
८ सितम्बर २०१७ को शीर्ष खबर नामक एक न्यूज़ वेबसाइट ने भी यही खबर प्रसारित की | खबर में लिखा गया है कि तस्वीर में दिखाए गए लड़के असल में घुसपैठिये है जो नाफ नदी को पार करते हुए रोहिंग्या लोगों के कपड़े, पैसें और गहने लूटते है |
इससे हम स्पष्ट हो सकते है कि यह घटना दो साल पुरानी है और बांग्लादेश के टेक्नाफ़ नामक इलाके की है | तस्वीर के दिखाए गए लड़के भाजपा के पोलिंग एजेंट नहीं है वे रोहिंग्या समुदाय के लोगों को लूटने वालें लूटेरें है जिनको लोगों ने रंगे हाथों पकड़ा है और पुलिस के हवाले कर दिया गया है |
निष्कर्ष: तथ्यों की जांच के पश्चात उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | यह तस्वीर बंगाल की नहीं, बल्कि बांग्लादेश की है | तस्वीर में दिखाए गए लड़के लूटेरें है |
Title:क्या बंगाल में भाजपा के पोलिंग एजेंट बने युवाओं के साथ इस तरह का अत्याचार हुआ ?
Fact Check By: Drabanti GhoshResult: False
भारतीय सेना की तरफ से पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई के दावे से वायरल वीडियो अप्रैल…
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने भारत में…
यह वीडियो पहलगाम आतंकी हमले से सम्बंधित नहीं है, यह वैष्णो देवी रोपवे के विरोध…
पहलगाम हमले के बाद सोशल मीडिया पर एबीपी न्यूज की एक वीडियो रिपोर्ट के जरिए…
CAA प्रदर्शन के दौरान की पुरानी तस्वीरों को फर्जी कम्युनल एंगल से शेयर किया जा…
बीआर आंबेडकर की यह प्रतिमा चीन की नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा की है,…