प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक १० सेकंड वीडियो क्लिप वर्तमान में सोशल मंचो पर काफी चर्चा में है, इस वीडियो में हम प्रधानमंत्री मोदी को ये कहते हुए सुन सकते है कि “सेना में जो जवान होता है वो युद्ध भूमि में मरने के लिए जाता है इसी का उसको तनख़्वाह मिलती है |” वर्तमान में भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव व हाल ही में गलवान में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के मद्देनज़र प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया ऐसा वक्तव्य संशय पैदा करता है |
पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “भक्तों के नाजायज़ और साहेब की सुनिए “सेना में जो जवान होता है वो युद्ध भूमि में मरने के लिए जाता है इसी का उसको तनख़्वाह मिलती है”, इतनी घटिया सोच भक्तों के नाजायज़ का ही हो सकता है और इधर कुछ दिन से पुरी भाजपा, गोदी और दोगली मीडिया आदरणीय राहुल जी के पीछे लगी है की सेना का मज़ाक़ उड़ाया राहुल गाँधी ने |”
अनुसंधान से पता चलता है कि….
जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो क्लिप के लम्बे वर्शन को गूगल रिवर्स इमेज सर्च के माध्यम से ढूँढने से की, जिसके परिणाम से हमें यूट्यूब पर १४ मार्च २०१७ को अपलोड किया गया वीडियो मिला | यह वीडियो ६ मिनट ९ सेकंड का है | इस वीडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि “मोदी का तिरंगा यात्रा से संबंधित भाषण |”
इस वीडियो का एक २ मिनिट का वर्शन २०१२ में भी यूट्यूब पर अपलोड किया गया था जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “नरेंद्र मोदी की काशमीर में बहादुरी का अनुभव” |
६ मिनट का यह वीडियो मोदी जी द्वारा दिए गये उसी बयान से शुरू होता है जिसे वायरल क्लिप में इस्तेमाल किया गया है | हालाँकि, निम्न कथन सोशल मीडिया पर वायरल अधूरे बयान को अधिक संदर्भ देता है | वायरल क्लिप में कहे गये बयान के बाद मोदी जी आगे कहते है कि
“देखिये मित्रों सेना में जो जवान होता है ये युद्ध की भूमि में मरने के लिए जाता है……इसलिए की उसको तनख्वाह मिलती है ? उसको तनख्वाह मिलती है इसलिए वो सेना का जवान युद्ध की भूमि में मरने के लिए तैयार नहीं होता है…वो मरने के लिए इसलिए तैयार होता है इस मिट्टी को वो प्यार करता है…अगर आप अपने जीवन में किसी चीज़ को प्यार करो … मैं आपको एक उद्धारण देना चाहता हूँ |”
उपरोक्त वीडियो से हम स्पष्ट हो सकते है कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो क्लिप को सन्दर्भ से बहार फैलाया जा रहा है | मूल वीडियो से १० सेकंड के क्लिप को सोशल मीडिया पर एक गलत कथन देते हुए फैलाया जा रहा है | यह वीडियो २०१२ से इन्टरनेट पर उपलब्ध है और इसका वर्तमान से कोई सम्बन्ध नहीं है|
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | नरेंद्र मोदी के एक पुराने वीडियो को भ्रामक रूप से वर्तमान में हो रहे लद्दाख में भारत-चीन के बीच LAC को लेकर विवाद की पृष्ठभूमि में गलत संदर्भ के साथ फैलाया जा रहा है |
Title:Edited Clip- प्रधानमंत्री मोदी के ८ साल पुराने वीडियो को भारत के सैनिकों की मौत से जोड़कर गलत सन्दर्भ में फैलाया जा रहा है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
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