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मजदूरों को गरीब और किसान को दुखी बताने वाला नितिन गडकरी का वायरल वीडियो अधूरा है।

नितिन गडकरी का गरीब, मजदूर और किसानों के दुखी होने का अधूरा वीडियो गलत और भ्रामक दावे से वायरल

लोकसभा चुनाव को लेकर देश की सत्ता पर काबिज़ पार्टी बीजेपी ने 195 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। बीजेपी की पहली लिस्ट में 28 महिलाओं, 47 युवा उम्मीदवार, 27 एससी, 18 अनुसूचित जनजाति और 57 पिछड़ा वर्ग को टिकट दिया गया है। इस बीच केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हुआ है। जिसमें वो यह कह रहे हैं कि आज अच्छे रोड, अस्पताल, स्कूल और पीने के लिए शुद्ध पानी न होने की वजह से गांव के गरीब लोग, मजदूर, और किसान दुखी हैं। इसी वीडियो को यूजर ने इस दावे से साझा किया है कि, गडकरी खुल कर अपनी ही सरकार की बुराई कर रहे हैं। वीडियो इस कैप्शन के साथ साझा किया जा रहा है…

आज गांव, गरीब, मज़दूर और किसान दुखी हैं। गांवों में अच्छे रोड नहीं, पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं, अच्छे अस्पताल नहीं, अच्छे स्कूल नहीं हैं। 

-मोदी सरकार के मंत्री नितिन गडकरी

फेसबुक पोस्टआर्काइव पोस्ट

हमने इस वीडियो को जहां कांग्रेस की तरफ से साझा किया हुआ पाया। तो वहीं फेसबुक पर अन्य यूज़र्स ने इसे व्यापक तौर से शेयर किया है।

अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने पोस्ट की पड़ताल  में ये ध्यान दिया कि इसमें लल्लनटॉप का लोगो है। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने लल्लनटॉप पर जा कर वीडियो को खोजना शुरू किया। हमें वायरल वीडियो का लंबा वर्जन द लल्लनटॉप के यूट्यूब चैनल पर मिला। जिसे 9 फरवरी, 2024 को अपलोड किया गया था। ये लल्लनटॉप के शो जमघट का इंटरव्यू है। जिसमें नितिन गडकरी से उनकी पॉलिटिकल करियर के साथ ही मंत्रिमंडल पोर्टफोलियो और सरकार द्वारा किए गए तमाम सवाल पूछे गए। इसी वीडियो के 18 मिनट 20 सेकंड के टाइमलाइन पर हम वायरल वीडियो वाला हिस्सा देखा जा सकता है। असल में पत्रकार सौरभ द्विवेदी, नितिन गडकरी से किसान आंदोलन के बारे में बातचीत कर रहे थें। इसी में उनसे फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन याने (FPO) के बारे में सवाल पूछा जाता है। जिसके जवाब में गडकरी कृषि ऊर्जा और बिजली क्षेत्रों की ओर विविधीकरण की बात करते हैं। जिसमें गडकरी कहते हैं कि आज गांव, गरीब, मजदूर, किसान दुखी हैं। फिर आगे गडकरी बोलते हैं कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट हुआ है, लेकिन उतना नहीं हुआ जितना बाकी जगहों में हुआ है। बीजेपी की सरकार आने के बाद इस क्षेत्र में बहुत काम कर रहे हैं। गडकरी को आगे उन्हें सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए भी देखा जा सकता है।

अपनी खोज में आगे बढ़ते हुए हमने 1 मार्च 2024 को केंद्र सरकार के प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो की तरफ से एक ट्वीट को देखा। जिसमें वायरल वीडियो का खंडन किया गया है। इस ट्वीट में बताया गया है कि नितिन गडकरी का ये वीडियो गलत संदर्भ में शेयर किया जा रहा है। वीडियो में वो वर्तमान सरकार से पहले कमजोर रहने वाली ग्रामीण कृषि अर्थ व्यवस्था के बारे में बात कर रहे थे। 

इसके अलावा नितिन गडकरी के आधिकारिक ट्विटर हैन्डल ने भी वायरल हुए इस अधूरे वीडियो के जरिए कांग्रेस पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया है।

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि मूल वीडियो से हिस्से को बीच से काटकर भ्रामक संदर्भ में फैलाया गया है। 

निष्कर्ष-

तथ्यों के जांच से यह पता चलता है कि नितिन गडकरी के अधूरे बयान को गलत तरीके से फैलाया गया है। मूल वीडियो में वो यह कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि काम नहीं हुआ है। बीजेपी ने ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए काफी काम किया है। पर अब भी बाकी जगह की तुलना में वहां उतना विकास नहीं है जिस वजह से लोग दुखी हैं।

Title:मजदूरों को गरीब और किसान को दुखी बताने वाला नितिन गडकरी का वायरल वीडियो अधूरा है।

Fact Check By: Priyanka Sinha

Result: Missing Context

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