सोशल मीडिया पर एक जलती हुई गाड़ी की तस्वीर को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर एन.सी.पी नेता संजय शिंदे के साथ हुई दुर्घटना की है | साथ ही दावा किया गया है कि संजय शिंदे पालघर में हुए मॉब लिंचिंग के मुख्य आरोपी है |
पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि
“जलती हुई कार जो आप देख रहे है वास्तव में अंदर एनसीपी के संजय शिंदे की चिता जल रही है जो पालघर में मारे गए साधुओं की हत्याओं का आरोपी था । जब कल्पवृक्षगिरी जी चोट खाते हुए भी मुस्कुरा रहे थे तो उनका भाव यही था कि ईश्वर के घर देर है पर अंधेर नहीं न्याय अवश्य होगा..साधु अवग्या करि फल ऐसा,जारइ नगर अनाथ करि जैसा..!”
अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुवात हमने सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से किया जिसके परिणाम से हमें २३ मार्च २०१८ को पत्रिका द्वारा प्रकाशित एक खबर मिली जिसके अनुसार हरमाड़ा थाना क्षेत्र के अजमेर दिल्ली हाईवे स्थिति अप्पू घर के पास गुरुवार देर रात चलती कार में शॉर्ट सर्किट हो जाने से कार में आग लग गई | खबर के अनुसार यह तस्वीर उसी घटना की है |
यह पता चलने के बाद की यह तस्वीर एन.सी.पी नेता संजय शिंदे के गाड़ी की नहीं है, हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च कर यह पता लगाने की कोशिश की क्या संजय शिंदे की भी ऐसी कोई सड़क दुर्घटना हुई है | परिणाम में हमें १४ अक्टूबर २०२० को टाइम्स नाउ न्यूज़ द्वारा प्रकाशित एक खबर मिली जिसके अनुसार नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता संजय शिंदे को मंगलवार को उनकी कार में जिंदा जल गये | मुंबई-आगरा हाईवे पर पिंपलगांव बसवंत टोल प्लाजा के पास उसके गाड़ी में शॉर्ट-सर्किट के कारण आग लग गई थी और काफी प्रयास करने के बावजूद वे गाड़ी से निकल नही पाए |
इसके आलावा हमें संजय शिंदे के गाडी में लगी आग की असली फुटेज भी मिला जिसे आप नीचे देख सकते है |
नीचे आप सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर और एन.सी.पी नेता संजय शिंदे के साथ हुई दुर्घटना की तस्वीर का तुलनात्मक विश्लेषण देख सकते है |
एन.सी.पी नेता संजय शिंदे और पालघर मॉब लिंचिंग का क्या संबंध हैं?
गूगल पर कीवर्ड सर्च करने पर हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें उल्लेख किया गया था कि पालघर लानचिंग मामले में संजय शिंदे को मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया गया था | संजय शिंदे महाराष्ट्र के साकोर के निवासी थे, जो पालघर से २०० किलोमीटर से अधिक की दूरी पर स्थित है |
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने २२ अप्रैल को पालघर मामले में हिरासत में लिए गए १०१ लोगों की सूची ट्वीट की थी | इसमें एन.सी.पी नेता संजय शिंदे का नाम नहीं हैं |
फैक्ट क्रेसेंडो ने पालघर में एस.आई पाटिल से एन.सी.पी नेता संजय शिंदे व पालघर लिंचिंग के सम्बन्ध में संपर्क किया उनके द्वारा हमें बताया गया कि..
“इस घटना के चलते १०० लोगों पर केस बना था जिनपर चार्जशीत भी हो गई है | यह घटना असल में मॉब लिंचिंग की थी, जो कि गावं में कुछ भ्रम होने के कारण गांववालों द्वारा अंजाम दी गई थी | इस घटना में किसी एक व्यक्ति को मुख्य आरोपी का नाम नही दिया गया था और इस घटना से संबंधित किसी भी व्यक्ति का कोई राजनैतिक जुड़ाव नही मिला है | साथ ही एन.सी.पी नेता संजय शिंदे का नाम इस पुरे मामले में कहीं भी नही आया है | सोशल मीडिया पर पालघर हादसे और संजय शिंदे को जोड़कर लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है, जो कि सरासर गलत है |”
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट के माध्यम से किये गये दावे कि हाल ही में कार दुर्घटना में मारे गए एनसीपी नेता संजय शिंदे, पालघर मामले के मुख्य आरोपी है सरासर गलत हैं |
Title:एनसीपी के संजय शिंदे का नाम पालघर लिंचिंग आरोपियों में नहीं था |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
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