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विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंदुओं को पत्थरबाजी करने का दावा फर्जी, ये वीडियो एक परंपरा का है….

एक मैदान में लोगों को एक दूसरे पर पत्थर फेंकने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो क्लिप को शेयर कर हिंदू , भगवा और सरकार पर निशाना साधते हुए यूज़र्स दावा कर रहे हैं कि विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंदु पत्थरबाजों को देखें।

वायरल वीडियो के साथ यूजर ने लिखा है- पत्थर बाज़ों को कपड़ों से पहचान कर क्या अब इनके घर गिराने चाहिए या नहीं ????

फेसबुकआर्काइव 

अनुसंधान से पता चलता है कि… 

पड़ताल की शुरुआत में हमें वायरल वीडियो पर अंग्रेजी में बग्वाल 2024 लिखा हुआ देखा जा सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए हमने आगे की सर्च की। 

आगे हमने वायरल वीडियो के कुछ स्क्रीनशॉट लिए। मिली तस्वीरों का रिवर्स इमेज सर्च करने पर वायरल वीडियो हमें एक यूट्यूब चैनल पर मिला। 20 अगस्त 2024 को प्रकाशित इस वीडियो में जानकारी दी गई है कि ये वीडियो देवीधुरा बग्वाल मेला का है।

मिली जानकारी की मदद लेते हुए आगे की सर्च करने पर वायरल वीडियो का लंबा वर्जन हमें यहां और यहां पर मिला। 19 अगस्त को यूट्यूब चैनल ‘रैबार उत्तराखण्ड देवभूमि’ पर भी इस मेले का वीडियो दूसरे एंगल से अपलोड किया गया है। इसे भी बाराही मन्दिर देवीधुरा का बताया गया है। निम्न में वीडियो देखें। 

क्या है बग्वाल मेला- 

जांच में आगे बग्वाल मेले के बारे में जानकारी लेने के लिए हमने अलग अलग की-वर्ड के साथ सर्च करना शुरु किया। परिणाम में हमें ईटीवी भारत की एक रिपोर्ट मिली। प्रकाशित खबर के अनुसार हर साल की तरह इस साल भी 16 अगस्त को  उत्तराखंड के देवीधुरा में प्रसिद्ध बग्वाल मेले की शुरुआत हुई।  जिसका उद्घाटन केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा ने किया। मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ देवीधुरा बग्वाल मेले का परंपरा मनाया गया।

हमने इस परंपरा के बारे में अधिक जानने के लिए उत्तराखंड के पर्यटन मंत्रालय की वेबसाइट जांच किया।  जिसमें देवीधुरा बग्वाल मेले के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। चंपावत जिले में रक्षा बंधन के दौरान हर साल आयोजित किया जाता है। यह आयोजन देवी बराही के देवीधुरा मंदिर में होता है। इस मेले में चार कबीले एक-दूसरे पर पत्थर फेंकते हैं, यह पौराणिक कथाओं से जुड़ी एक रस्म है जो देवी के लिए एक प्राचीन मानव बलि परंपरा के प्रतिस्थापन का प्रतीक है। 

श्रावण के महीने में होने वाले इस समारोह के दौरान प्रतिभागी लकड़ी की ढालों से खुद को बचाते हैं, जिन्हें फर्रा कहा जाता है।

इस जश्न का वीडियो निम्न में देखा जा सकता है।

निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद, हमने पाया कि, विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंदुओं द्वारा पत्थरबाजी करने का दावा फर्जी है। वायरल वीडियो त्तराखंड के चंपावत जिले में हर साल रक्षाबंधन के मौके पर होने वाले बग्वाल मेले का है। इसकी परंपरा काफी पुरानी है। 

Title:विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंदुओं को पत्थरबाजी करने का दावा फर्जी, ये वीडियो एक परंपरा का है….

Fact Check By: Sarita Samal

Result: False

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