लखनऊ नगर पालिका की  टीम द्वारा कश्मीरी ड्राई फ्रूट विक्रेताओं को परेशान करने का दावा भ्रामक है ….

Communal Misleading

सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसमें दो शख्स रास्ते से ड्राई फ्रूट इकट्ठा करते नज़र आते हैं। वायरल वीडियो के साथ यूजर ने दावा किया है कि लखनऊ नगर पालिका टीम द्वारा गरीब कश्मीरी ड्राई फ्रूट विक्रेताओं को परेशान किया गया । 

वायरल वीडियो के साथ यूजर ने लिखा है- लखनऊ नगर पालिका टीम द्वारा गरीब कश्मीरी ड्राई फ्रूट विक्रेताओं को परेशान किया गया। वे इन गरीब लोगों को क्यों निशाना बना रहे हैं?

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क्या दावा किया गया है?

वायरल वीडियो के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि लखनऊ में नगर पालिका द्वारा गरीब कश्मीरी ड्राई फ्रूट विक्रेताओं को परेशान किया जा रहा है।

आईए जानते है कि इस वीडियो की सच्चाई क्या है..

अनुसंधान से पता चलता है कि…

पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो के बारे में जानने के लिए अलग अलग की-वर्डस का इस्तेमाल किया जिसके परिणाम में हमें दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट मिली। खबर के अनुसार कश्मीरी मुस्लिम युवक गोमती नगर गांधी सेतु के फुटपाथ पर सामान बेच रहे थे। इसे देखते हुए नगर निगम ने उनके ठेलों को वहां से हटाने का अभियान चलाया। इसके बाद वहां मौजूद भीड़ भड़क गई जो हंगामा करने लगी।

इतना ही नहीं, उन्होंने नगर निगम दस्ते के साथ काम कर रहे ट्रैक्टर नंबर 2921 के ड्राइवर विपुल के साथ भी मारपीट की और उसके कपड़े भी फाड़ दिये। ड्राइवर को चोटें आईं। ड्राइवर को नजदीकी अस्पताल से अपना प्राथमिक उपचार के लिए भेजा गया था। 

मामला क्या था?

वहीं अन्य मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लखनऊ शहर के वीआईपी मार्ग पर कोई भी दुकान नहीं लगा सकता है। नगर निगम ने मार्ग पर लगी दुकानों को हटाने के लिए कई बार अभियान चलाया है। वहीं हाल ही में टीम गोमती नगर गांधी सेतु के फुटपाथ पर ड्राई फूड बेच रहे कश्मीरी युवकों को वहां से हटाया गया था। वीआईपी मार्ग एक ‘नो वेंडर ज़ोन’ है जहाँ किसी भी विक्रेताओं को आपना समान बेचने की अनुमति नहीं है।

इस मामले में पुलिस क्या कहती है?

मामले को लेकर लखनऊ पुलिस ने भी बयान जारी किया है। उन्होंने बताया कि 1090 चौराहे से समतामूलक के बीच गोमती पुल वीआईपी मार्ग है। इस रोड से कई बार अतिक्रमण हटाई गई है। 17 दिसंबर को भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उस वीआईपी रोड से गुजरे वाले थे। तो नगर निगम द्वारा  उस सड़क से अतिक्रमण हटाया जा रहा था। तभी हाथापाही हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस ने आवश्यक बल प्रयोग कर सभी युवकों को थाने ले आई और उनका चालान किया । इस संबंध में सभी युवाओं से कहा गया है कि यह वीआईपी मार्ग है, यहां कोई ठेला ना लगाए।

इसके आलावा फैक्ट क्रेसेंडो ने गोमती नगर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर दीपक कुमार पांडे से संपर्क किया, जिन्होंने हमें बताया कि “सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा दावा गलत व भ्रामक है। इस पुल पर किसी भी विक्रेताओं का ठेला लगाने की अनुमति नहीं है, इन्हें कई बार इस पुल से हटने को कहा गया है,परंतु वे वहां से जाते ही नहीं। उस जगह पर कई कश्मीरी मुसलमान विक्रेता ड्राई फ्रूट जैसे सामान बेचते थे। पुलिस व प्रशाशन द्वारा उन्हें कई बार वहां से हटने को कहा गया था। इस मार्ग पर विक्रेताओं  का कुछ भी बेचना प्रतिबंधित हैं। इस वजह से नगर पालिका के तरफ से अतिक्रमण हटाने का प्रयास किया गया था।”

निष्कर्ष- 

तथ्य-जांच के बाद हमने पाया कि, लखनऊ नगर पालिका टीम द्वारा कश्मीरी ड्राई फ्रूट विक्रेताओं को परेशान करने का दावा भ्रामक है। वीआईपी मार्ग में अतिक्रमण करने पर नगर पालिका टीम ने ये कदम उठाया था। पहले भी कई बार वीआईपी मार्ग में ठेला लगाने पर रोक लगाई गई है।

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Title:लखनऊ नगर पालिका की टीम द्वारा कश्मीरी ड्राई फ्रूट विक्रेताओं को परेशान करने का दावा भ्रामक है ….

Written By: Saritadevi Samal 

Result: Misleading