वायरल तस्वीर एडिटेड है, मूल तस्वीर में जशोदाबेन आरटीआई का दस्तावेज पकड़े खड़ी है।
सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पत्नी जशोदाबेन की एक तस्वीर शेयर किया जा रहा है। इस तस्वीर में हम जशोदाबेन को उनके हाथ में एक पेपर को पोस्टर जैसे पकड़े खड़े देख सकते है। इस पोस्टर पर लिखा गया है कि “जब मेरे पति मेरे ना हो सके तो आपके या कैसे हो देशवासियों के कैसे हो सकेंगे? क्या येही है महिला सशक्तिकरण?- जशोदाबेन मोदी” इस तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि पोस्टर में दिख रहे वाक्य को पीएम मोदी के पत्नी जशोदाबेन ने खुद कहा है।
वायरल हो रहे पोस्ट के कैप्शन में लिखा गया है कि “इन्हें तो पहचानते ही होंगे देशवासी और मोदीभक्त भी।”
अनुसंधान से पता चलता है कि….
जाँच की शुरुआत हमने वायरल तस्वीर को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम से हमें 11 फरवरी 2016 को प्रकाशित नई दुनिया की रिपोर्ट मिली, जिसके अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी जशोदाबेन ने अहमदाबाद के पासपोर्ट कार्यालय में आरटीआई आवेदन दायर किया था। जशोदाबेन ने मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहते अपना पासपोर्ट हासिल करने के लिए जमा किए गए शादी से जुड़े दस्तावेजों का ब्यौरा मांगा है। इस रिपोर्ट के साथ दिख रही तस्वीर में हम जशोदाबेन के हाथ में RTI का आवेदन देख सकते है नाकि पीएम मोदी पर तंज कसते हुए वाक्य।
इसी रिपोर्ट को 2014 में NDTV ने अपने चैनल पर प्रसारित किया था, जिसके अनुसार प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी जसोदाबेन ने एक आरटीआई अनुरोध दायर कर सरकार से उन्हें मिलने वाली सुरक्षा के बारे में स्पष्टीकरण मांगा था। मई में मोदी के चुने जाने के बाद, जशोदाबेन को चौबीसों घंटे सुरक्षा दी गई थी।
नीचे आप वायरल हो रहे एडिटेड तस्वीर और मूल तस्वीर के बीच की तुलनात्मक तस्वीर देख सकते है। असली तस्वीर में जशोदाबेन ने आरटीआई आवेदन का दस्तावेज पकड़े हुए हैं।
निष्कर्ष-
तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने वायरल हो रहे तस्वीर को एडिटेड पाया है। पीएम मोदी की पत्नी जशोदाबेन प्रधानमंत्री मोदी की निंदा करते हुए पोस्टर नहीं पकड़े हुए है। वायरल तस्वीर एडिटेड है, मूल तस्वीर में जशोदाबेन आरटीआई का दस्तावेज पकड़े खड़े है।
Title:पीएम मोदी की निंदा करते हुए जशोदाबेन की तस्वीर एडिटेड है।
Written By: Drabanti GhoshResult: Altered
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