Political

क्या योगी आदित्यनाथ पैसे देकर मतदाताओं को लुभा रहे थे?

२४ मार्च २०१९ को रक्षा मंत्री यादव नामक एक फेसबुक यूजर ने एक विडियो पोस्ट किया | विडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि भाजपा अपनी औकात पे आ चुकी है नोट लो वोट दो के सिद्धान्त पर !!” विडियो में हम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आम जनता को पैसे देते हुए देख सकते है | विडियो के माध्यम से यह दावा किया जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ भाजपा को मतदान करने के लिए मतदाताओं को पैसे देकर उनका वोट खरीद रहे है | यह विडियो फेसबुक पर काफ़ी चर्चा में है | फैक्ट चेक किये जाने तक इस विडियो को लगभग १८००० प्रतिक्रियाएं मिल चुकी है | इस विडियो के ३ लाख १७००० व्यूज भी प्राप्त किया है |

आर्काइव लिंक  

क्या वास्तव में चुनाव २०१९ में वोट प्राप्त करने के लिए योगी आदित्यनाथ मतदाताओं को पैसे देकर वोट खरीद रहे है? क्या है इस विडियो का सच? आइए जानते है |

संशोधन से पता चलता है कि..

जांच की शुरुवात हमने इस विडियो का स्क्रीनशॉट लेकर यांडेक्स रिवर्स इमेज सर्च करने से की | परिणाम से हमें एक मिलता जुलता तस्वीर मिला जिसके साथ कुछ कीवर्ड्स और एक लिंक साझा किया गया है | लिंक पर क्लिक करने से हम एक दूसरी ही वेबसाइट की खबर पर पहुँचते है |

इसके पश्चात हमने यांडेक्स में दिए गए की वर्ड्स को लेकर यू-ट्यूब पर इस विडियो को ढूँढा | यू-ट्यूब पर हमें विजय कुमार गौतम नामक एक यू-ट्यूब यूजर द्वारा प्रसारित विडियो मिला | यह विडियो २१ अप्रैल २०१२ को अपलोड किया गया था | वीडियो उस समय का है, जब योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से सांसद थे |

१ मिनट ११ सेकंड के विडियो में एक आदमी को एक सूची में लोगों के नाम पुकारते हुए और उन्हें पैसे सौंपते हुए देखा जा सकता है | विडियो में १३ सेकंड को हम उस आदमी को “फागुलाल” कहते हुए सुन सकते है | नाम पुकारने वाले व्यक्ति को यह कहते हुए सुना जा सकता है,  “फागुलाल, क्या यह तुम्हारे भाई का नाम है? क्या तुम लोगों ने दो स्थानों पर बोया? ‘

इसके उत्तर में लाभार्थी कहता है, “हमने दो स्थानों पर एक ही चीज़ बोई थी |” इस बात पर योगी आदित्यनाथ कहते हैं, “उनके भाई को बुला दो |”

बातचीत से ऐसा लगता है कि वितरित किया जा रहा पैसा फसलों के नुकसान का मुआवजा है |

विजय कुमार गौतम के फेसबुक अकाउंट पर लिखा गया है कि वे फोटो जर्नलिस्ट है | ‘क्विंट’ने विजय कुमार गौतम से संपर्क किया, जहाँ गौतम ने स्पष्ट किया कि आदित्यनाथ का यह वीडियो वोटों के लिए लोगों को रिश्वत देने का नहीं है |

“अप्रैल २०१२ में, गोरखपुर में कई खेतों को जला दिया गया था | तब उस सीट से सांसद योगी आदित्यनाथ थे | जिन किसानों की फसल जल गई थी उनके लिए मौद्रिक सहायता देने के लिए योगी आदित्यनाथ आगे आए थे | उन्होंने प्रति परिवार को लगभग १०००-२००० रुपये खेत के आकार के अनुसार वितरित किए |” ऐसा गौतम ने द क्विंट को बताया |

निष्कर्ष: तथ्यों की जांच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | यह वीडियो सात साल पुराना है और इसका अभी चल रहे लोकसभा चुनावों से कोई लेना-देना नहीं है | वीडियो को अब आम चुनावों संभावित ‘कैश फॉर वोट्स’ घोटाले के आरोप के संदर्भ में भ्रमित रूप से साझा किया गया है |

Title:क्या योगी आदित्यनाथ पैसे देकर मतदाताओं को लुभा रहे थे?

Fact Check By: Drabanti Ghosh

Result: False

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