वायरल वीडियो में शिव मूर्त्ती दावा किया जा रहा पथर असल में मिस्र के राजा द्वारा बनाए गए मंदिरों का अवशेष हैं। तस्वीर का सऊदी अरब या फिर हिंदू धर्म से कोई संबंध नहीं है।
सऊदी अरब के मक्का मदीना में भगवान शिव की मूर्ति मिलने के खबरें सोशल मीडिया वायरल हो रही है। इसी बीच एक वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि सऊदी अरब में आठ हजार साल पुराने सनातन धर्म के मंदिर के अवबशेष मिले है।
वायरल वीडियो को शेयर करते हुए यूजर्स ने लिखा है – सऊदी अरब में 8000 वर्ष पुराना मंदिर मिला है एवं सनातन धर्म को मानने वाले अवशेष मिले है तथा पूरी एक बस्ती एवं बाजार मिला है। जय सनातन धर्म की अब मुस्लिम देश मे मिलना क्या कहलायेगा।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
रिवर्स इमेज करने पर वायरल तस्वीर आर्किओलॉजी न्यूज़ ऑनलाइन मैगझिन के ट्विटर अकाउंट पर मिली। 8 फरवरी को प्रकाशित इस पोस्ट के मुताबिक जर्मन-इजिप्शियन पुरातात्विक मिशन ने मिस्र के एल मटारिया क्षेत्र में नैक्टानेबो नामक राजा के प्रार्थनास्थल के अवशेषों की खोज की है।
11 जुलाई 2021 को आर्किओलॉजी न्यूज़ नेटवर्क में प्रकाशित मुताबिक मिस्र में आर्कियोलॉजिकल टीम को राजा नैक्टानेबो के भव्य मंदिर के 2,400 साल पुराने अवशेष मिले। इन अवशेषों में कई नक्काशीदार पत्थर हैं जिन पर रहस्यमयी शिलालेख बने हैं। इस खोज को जर्मन- इजिप्शियन विशेषज्ञों की एक टीम ने अंजाम दिया। ये अवशेष हेलियोपोलिस में मटेरिया(Mataria) साइट पर पाए गए हैं। प्राचीन काल में माटराया(Mataraya) प्राचीन हेलियोपोलिस का एक हिस्सा था।
ये नक्काशीदार पत्थर और टुकड़े बेसाल्ट से बने हैं और माना जाता है कि यह पश्चिमी और उत्तरी मोर्चे के राजा नैक्टानेबो के मंदिर से संबंधित हैं। राजा नैक्टानेबो ने चौथी शताब्दी ईसा पूर्व में प्राचीन मिस्र में अंतिम राजवंश की स्थापना की थी। जर्मन- इजिप्शियन के आर्कियोलॉजिकल टीम का कहना है कि ये नक्काशीदार पत्थर राजा नेक्टेनेबो के शासनकाल का साल के हैं।
कौन हैं राजा नेकटेनबो. .
राजा नैक्टानेबो राजवंश मिस्र का अंतिम शाही घराना था। इसका इतिहास 342 ईसा पूर्व में समाप्त हुआ जब देश पर फ़ारसी सैनिकों द्वारा कब्जा कर लिया 2015 में जर्मन- इजिप्शियन के आर्कियोलॉजिकल टीम ने उनके द्वारा बनाए गए मिस्र मंदिर के पूर्वी हिस्से की खुदाई की, जिसमें पत्थर के स्लैब, देवी बास्टेट की मूर्तियाँ और एक कार्यशाला के अवशेष पाए गए। स्लैब पर शिलालेख मुख्य रूप से शहर के शासक को समर्पित हैं, साथ ही देवी हाथोर का भी उल्लेख है।
प्रेसिडेंसी ऑफ द मिस्र काउंसिल ऑफ मिनिस्ट्री आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर भी वायरल तस्वीर प्रकाशित की गई है। जिससे यह साबित होता है कि वायरल हो रही तस्वीर का सऊदी अरब या फिर हिंदू धर्म के अवशेष से कोई संबंध नहीं है। वायरल तस्वीरों में दिखाई दे रहा पत्थर मिस्र के राजा के मंदिरों का अवशेष हैं।
सऊदी अरब में मिला पुराना हिंदू मंदिर. . .
साऊदी अरब के पुरातत्त्व विभाग ने खुदाई के दौरान मंदिर के अवशेषों को खोजा है। मंदिर का अवशेष जहां मिले हैं वो स्थान रियाद के दक्षिण में स्थित है। मंदिर के अवशेषों से जानकारी मिलती है कि उस समय जो लोग यहां पर रहते थे वो पूजा-अनुष्ठान करते थे। बताया जा रहा है तुवाईक पहाड़ के किनारे स्थित इस मंदिर का नाम रॉक कट है। मंदिर के अलावा पुरातत्त्व विभाग को 2807 कब्र भी मिली हैं। सऊदी अरब में खोजे गए प्राचीन मंदिर में धार्मिक शिलालेख भी पाए गए हैं। पुरातत्त्व विभाग ने अल-फाओ में यह खोज की है जो कभी किंडा राज्य की राजधानी हुआ करती थी।
निष्कर्ष-
तथ्यों की जांच के पश्चात हमने पाया कि वायरल वीडियो में दिखरहा पथर असल में मिस्र के राजा द्वारा बनाए गए मंदिरों का अवशेष हैं। तस्वीर का सऊदी अरब या फिर हिंदू धर्म से कोई संबंध नहीं है।
Title:वायरल तस्वीर मिस्र में मिले अवशेषों की है; सऊदी अरब में भगवान शिव की मूर्ति मिलने का दावा झूठा
Fact Check By: Saritadevi SamalResult: False
भारतीय सेना की तरफ से पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई के दावे से वायरल वीडियो अप्रैल…
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने भारत में…
यह वीडियो पहलगाम आतंकी हमले से सम्बंधित नहीं है, यह वैष्णो देवी रोपवे के विरोध…
पहलगाम हमले के बाद सोशल मीडिया पर एबीपी न्यूज की एक वीडियो रिपोर्ट के जरिए…
CAA प्रदर्शन के दौरान की पुरानी तस्वीरों को फर्जी कम्युनल एंगल से शेयर किया जा…
बीआर आंबेडकर की यह प्रतिमा चीन की नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा की है,…