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असंबंधित तस्वीर असम के डिटेंशन कैम्प के नाम से हुई वायरल |

हाल ही में संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम के मद्देनजर, एक तस्वीर सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ साझा की जा रही है कि यह तस्वीर वास्तविकता  में असम के अवैध प्रवासियों के लिए एक निग्रह शिविर(detention camp) के भीतर की स्थिति दर्शाती है | नागरिकता संशोधन अधिनियम, २०१९  ने भारत की नागरिकता के लिए पात्रता से अवैध तौर पर रह रहे मुस्लिम प्रवासियों को बाहर रखने वाले इस कानून के प्रावधानों को लेकर, विशेष रूप से पूर्वोत्तर राज्यों  में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं| इस पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “असम में डिटेंशन कैंप की स्थिति की जाँच करे  |”

फेसबुक पोस्ट 

अनुसंधान से पता चलता है कि….

जाँच की शुरुआत हमने तस्वीर का स्क्रीनग्रैब लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम में हमें एक डोमिनिकन रिपब्लिक वेबसाइट एल टायपो पर प्रकाशित एक लेख मिला, जिसमें तस्वीर का एक क्रॉप वर्शन था | यह लेख १५ फरवरी, २०१९  को प्रकाशित  किया गया था | लेख में दिए गये  विवरण के अनुसार, यह तस्वीर कैरिबियाई राष्ट्र में ला रोमाना जेल में कैदियों की स्तिथि दर्शाती है | 

आर्काइव लिंक

डोमिनिकन रिपब्लिक के एक मीडिया कंपनी लॉसमोकोनोस के फेसबुक पेज पर भी यही तस्वीर उपलब्ध मिली, तस्वीर  के विवरण में लिखा गया है कि, “३० कैदियों की अधिकतम क्षमता वाली ये ला रोमाना की निवारक जेल है लेकिन वर्तमान में यहाँ ११४ कैदियों को रखा गया है | यह जेल उस शहर के प्रांगण में स्थित है |” इस पोस्ट को ७  अप्रैल, २०१९ को अपलोड  गया था | इस तस्वीर को  Quisqueyano Donde Quiera नामक एक मीडिया संगठन ने भी सामान विवरण के साथ अपलोड किया है |

आर्काइव लिंक | आर्काइव लिंक

इसके आलावा हमें ११ मई, २०१८  को एल टिएम्पो नामक मीडिया वेबसाइट पर इस तस्वीर के सम्बन्ध में एक लेख के द्वारा इन कैदियों की दयनीय  स्तिथि को बताया गया है और ये स्पष्ट किया है कि ये तस्वीर ला रोमियो जेल से है | 

आर्काइव लिंक

निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | हम स्वतंत्र रूप से तस्वीर की उत्पत्ति का पता नहीं लगा सके, परंतु यह तस्वीर अप्रैल २०१८ से ही ऑनलाइन उपलब्ध है और रिपोर्टों के अनुसार, डोमिनिकन गणराज्य में ला रोमाना जेल से संबंधित है |

Title:असंबंधित तस्वीर असम के डिटेंशन कैम्प के नाम से हुई वायरल |

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False

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