१९ नवंबर २०१९ को “Pankaj Chavda” नामक फेसबुक यूजर ने एक तस्वीर पोस्ट की, जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “JNU क्या हाल बना दिया है..जहा बच्चे अपने करियर बनाने हेतु शिक्षा लेने जाते है..मगर तकलीफ यह है कि JNU के विद्यार्थी सही और गलत समज लगे है..और मनु वादियों के निति के खिलाफ आवाज़ उठा रहे है..इसलिए अज उनका यह हाल है..TV और मीडिया सत्य लोग न समझे इसीलिए असत्य और झूठ को फैलाया जा रहा है |” तस्वीर में हम एक बेहद घायल आदमी को देख सकते है | जे.एन.यू के छात्र २ हफ्ते से हॉस्टल फीस बढ़ाने के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन कर रहे है | इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ फैलाया जा रहा है कि यह तस्वीर वर्तमान में चलते जे.एन.यू के प्रदर्शन से है जहाँ छात्रों को इस तरह से पीटा गया है | फैक्ट चेक किये जाने तक यह पोस्ट ३४०० प्रतिक्रियाएं प्राप्त कर चुकी थी |
अनुसंधान से पता चलता है कि..
जाँच की शुरुआत हमने इस तस्वीर का स्क्रीनग्रैब लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च की, जिसके परिणाम से हमें Avax News नामक एक वेबसाइट का लिंक मिला जहाँ यह तस्वीर उपलब्ध है | इस तस्वीर के शीर्षक में लिखा गया है कि “एक आदमी चोटों को प्रदर्शित करते हुए कहता है कि कश्मीर में हिंसा के कुछ सप्ताह बाद श्रीनगर के पास सुरक्षा बलों द्वारा की गई पिटाई से उसका यह हाल हुआ है | यह १८ अगस्त २०१६ की घटना |” साथ ही लिखा गया है कि रॉयटर्स के फोटोग्राफर कैथल मैकनौवटन ने इस तस्वीर को खिंचा है |
इसके आलावा हमें १९ अगस्त २०१६ को रॉयटर्स द्वारा प्रकाशित खबर मिली जहाँ इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है |
रॉयटर्स के फोटोग्राफर: कैथल मैकनौवटन |”
निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | यह तस्वीर २०१६ से इन्टरनेट पर उपलब्ध है और यह कश्मीर से सम्बंधित है| इस तस्वीर का जे.एन.यू से कोई संबंध नही है |
Title:कश्मीर से एक पुरानी तस्वीर को जे.एन.यू के घायल छात्र का बताया जा रहा है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
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