Political

२ साल पुरानी असंबंधित तस्वीर को जामिया मिलिया के विरोध से जोड़ वायरल किया जा रहा है|

देश भर के छात्र पिछले हफ्ते से नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का विरोध कर रहे हैं, जिसके चलते जे.एम.आई.यू और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रशासन को कठोर कदम उठाते हुये बल प्रयोग करना पड़ा, जिसमें कुछ छात्र घायल हुये, इसी दौरान सोशल मंचो पर एक बुर्क़ाधारी बहुरूपिये की तस्वीर व्यापक रूप से वायरल हो रही है जिसके माध्यम से दावा किया गया है कि यह बहुरूपिया जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय (JMIU) के प्रदर्शनकारियों में से एक है , कहा जा रहा है कि यह आदमी बुर्का पहनकर महिला के वेश में विरोध प्रदर्शन कर रहा था | 

पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “जो सलमा बनकर जामिया दिल्ली में दंगे करवा रही थी वो अंदर से सलीम चच्चा निकले |”

फेसबुक पोस्ट 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

जाँच की शुरुवात हमने इस तस्वीर का स्क्रीनग्रैब लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से किया, जिसके परिणाम में हमने पाया कि यह तस्वीर एक ऐसे व्यक्ति की है, जिसे दो साल पहले मिस्र में एक महिला रूप की आड़ में बच्चों के अपहरण करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था | साथ ही, हमें कई समाचार रिपोर्टों का लिंक मिला, जो इस सम्बंध में सूचना देते हैं, उनके अनुसार ये व्यक्ति काहिरा में आयोजित एक सभा में, बच्चों के अपहरण करने की मंशा लेकर बुर्का पहन कर आया था, ये आरोपी नॉर्थ ९० स्ट्रीट पर स्थित एक मॉल के गेट नंबर ८ से कैरो फेस्टिवल सिटी के निवासियों द्वारा पकड़ा गया, जिन्हें उसके हाव-भाव पर शक हो गया | बाद में उसे पुलिस को सौंप दिया गया |

आर्काइव लिंक | वेबसाइट लिंक | आर्काइव लिंक  

ये तस्वीर मिस्र, शार्किया टुडे नामक एक समाचार वेबसाइट पर भी पाई गयी, यहाँ ये ध्यान दिया जा सकता है कि रिपोर्ट २५  अगस्त, २०१७ को प्रकाशित की गई है, और इसके शीर्षक में लिखा गया है कि “सभा में बच्चों का अपहरण करने के लिए एक  युवक खुद को महिला के रूप में वेश बदलकर गया और लोगों ने उसे पकड़कर उसे पुलिस को सौंप दिया था (अरबी से अनुवादित) |” घटना काहिरा में घटी थी |

आर्काइव लिंक

उक्त प्रकरण पर हमें एक और समाचार रिपोर्ट मिली | अखबारक नामक वेबसाइट ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के माध्यम से इस खबर को प्रकाशित किया था |  

आर्काइव लिंक | आर्काइव लिंक 

निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | उपरोक्त तस्वीर २०१७ से है, और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के वर्तमान विरोध से संबंधित नहीं है | तस्वीर में दिखाया गया व्यक्ति मिस्र में एक बच्चा अपहरणकर्ता की है | 

Title:२ साल पुरानी असंबंधित तस्वीर को जामिया मिलिया के विरोध से जोड़ वायरल किया जा रहा है|

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False

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