यह घटना जोधपुर में वर्ष 2016 में हुई थी। इसमें पुलिस कांस्टेबल के साथ बदतमीजी कर रहा शख्स मुस्लिम समुदाय से नहीं है।

इंटरनेट पर सांप्रदायिकता का रूप देकर एक तस्वीर को साझा किया जा रहा है। उसमें आप एक शख्स को एक पुलिस कांस्टेबल के शर्ट की कॉलर पकड़े हुये देख सकते है। कहा जा रहा है कि हाल ही में जोधपुर में अतिक्रमण हटाने के लिये एक पुलिस कांस्टेबल रास्ते पर खड़े ठेलों को हटा रहा था। तभी कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने उन्हें घेर लिया और बदतमीजी की। उस पुलिसकर्मी का नाम शोभाराम है।
आप इस वायरल हो रही पोस्ट को नीचे देख सकते है।

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अनुसंधान से पता चलता है कि…
इस तस्वीर की सच्चाई जानने के लिये हमने इसको गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें जोधपुर पत्रिका के आधिकारिक फेसबुक पेज पर यह तस्वीर 28 मई 2016 को प्रकाशित की हुई मिली। इसके साथ दी गयी जानकारी में बताया गया है कि ठेले हटाने पर इस शख्स ने पुलिस कांस्टेबल के साथ बदतमीजी की।

इससे हमें समझ गया कि यह तस्वीर अभी की नहीं पुरानी है।
फिर हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया व इस घटना के बारे में और जानकारी पाने की कोशिश की। दैनिक भास्कर के लेख के मुताबिक यह घटना जोधपुर के घंटाघर इलाके की है। वहाँ नगर निगम ने विशेष अतिक्रमण अभियान के तेहत इस क्षेत्र को नो ठेला जोन घोषित कर दिया था। परंतु बाद में ठेलाधारकों को घंटाघर में स्थान प्रदान किया गया। जिसके बाद वे अपने स्थान के साथ और जगह अपने कब्ज़े में ले रहे थे। जिसकी वजह से वहाँ यातायात व्यवस्था बिगड़ रही थी। इसको देखकर हेड कांस्टेबल शोभाराम अपने दो साथियों के साथ ठेले वालों को वहाँ से हटाने गये। उनके इस कदम से ठेलाधारक आक्रोशित हो गये व सब एकत्रिक हो गये। उन्होंने पुलिस को घेर लिया व इस बीच एक ठेला वाले ने कांस्टेबल शोभाराम के साथ बदतमीजी की। फिर वहाँ मौजूद लोगों ने बीचबचाव कर पुलिस को वहाँ से निकाला।
दैनिक भास्कर के ही दूसरे लेख में बताया गया है कि क्रेन प्रभारी ट्रैफिक हेड कांस्टेबल शोभाराम की रिपोर्ट पर ठेलाचालक के खिलाफ मारपीट व राजकार्य में बाधा डालने के लिये मामला दर्ज किया गया। सदर कोतवाला थाना में आरोपी ठेलाचालक प्रेमचंद माली के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
इन सबूतों से हमें यह समझ आया कि ठेलाचालक का नाम प्रेमचंद माली थी और इससे हम कह सकते है कि वह मुस्लिम समुदाय से नहीं है।
फिर फैक्ट क्रेसेंडो ने जोधपुर ट्रैफिक पुलिस के सहायक उप निरीक्षक शोभाराम ने संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि “यह तस्वीर वर्ष 2016 की है। जिस शख्स ने मेरा कॉलर पकड़ा हुआ है वह मुस्लिम नहीं बल्की हिंदु था। मैंने इस घटना के बाद सभी ठेलाचालकों पर मुकदमा दर्ज करवाया था और उन्हें सज़ा भी हुई थी। इस घटना को सांप्रदायिक रंग देना गलत बात होगी।“
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रही तस्वीर के साथ किया गया दावा गलत है। इसमें दिख रही घटना वर्ष 2016 में घटी थी। इसमें दिख रहा शख्स मुस्लिम समुदाय से नहीं है।

Title:पुलिस कांस्टेबल के साथ बदतमीजी कर रहा यह शख्स मुस्लिम नहीं है; जानिए सच
Fact Check By: Rashi JainResult: False
