क्या इस तस्वीर में महात्मा गांधी ब्रिटिश सेना के साथ खड़े है? जानिये सच्चाई…

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यह तस्वीर ब्रिटिश सेना की नहीं, बल्की दक्षिण अफ्रिका में स्थित पैसिव रेसिस्टर्स नामक फूटबॉल टीम की है।

महात्मा गांधी की एक तस्वीर इंटरनेट पर वायरल हो रही है। उसमें आप उनके साथ और भी कई लोगों को देख सकते है। दावा किया जा रहा ह कि ये ब्रिटिश सेना है और महात्मा गांधी भी सेना का एक हिस्सा है।

वायरल हो रहे पोस्ट में लिखा है, “आप जानते हैं? महात्मा गांधी कभी ब्रिटिश आर्मी में सार्जेंट मेजर थे और उन्हें ब्रिटिश सेना में शानदार काम करने के लिए दो पदक भी मिले थे! लेकिन हां, कांग्रेसी की नजर में गद्दार तो सावरकर जी है! साहस की विजय।”

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

इसकी जाँच हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च कर की। हमें यही तस्वीर 27 जून 2010 को प्रकाशित मिंट के वेबसाइट पर पोस्ट की हुई मिली। 

इसके साथ दी गयी जानकारी में बताया गया है कि यह तस्वीर 1913 में दक्षिण अफ्रिका के पैसिव रेसिस्टर्स फूटबॉल टीम की है। इसमें महात्मा गांधी उनकी सचिव सोनिया स्लेसिन के साथ पीछे की लाइन में बाएं से छठे स्थान पर खड़े है। 

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आप देख सकते है कि इस तस्वीर के साथ दी गयी जानकारी में “Photo: Dinodia” लिखा हुआ है। इसको ध्यान में रखकर हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया और dinodia.com वेबसाइट पर हमें यह तस्वीर प्रकाशित की हुई मिली। आप नीचे देख सकते है।

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इसके साथ दी गयी जानकारी में भी यही लिखा है कि यह तस्वीर दक्षिण अफ्रिका की पैसिव रेसिस्टर्स टीम की है।

क्या महात्मा गांधी कभी भी ब्रिटिश सेना का हिस्सा थे?

24 दिसंबर 2008 को प्रकाशित हिंदुस्तान टाइम्स के लेख में महात्मा गांधी ब्रिटिश सेना का हिस्सा थे, इस बात का खंडन किया गया है। इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने इस दावे को खारिज किया था कि गांधी एक ब्रिटिश सैनिक थे। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी को कभी भी ब्रिटिश सेना द्वारा नियोजित नहीं किया गया था। उन्होंने ब्रिटिश सैनिकों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिये केवल एक स्वैच्छिक एम्बुलेंस कोर की स्थापना की थी। जिसमें विशुद्ध रूप से गैर-लड़ाकू शामिल थे। 

टाइम्स ऑफ इंडिया के लेख में बताया गया है कि द्वितीय बोअर युद्ध और में ज़ुलु युद्ध के दौरान गांधी ने भारतीय एम्बुलेंस कोर की स्थापना की थी, जिसमें उन्होंने ब्रिटिश सेना के सार्जेंट-मेजर के रूप में कार्य किया था। उन्हें इसके लिये कैसर-ए-हिंद पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। परंतु उन्होंने जालियांवाला बाग हत्याकांड के बाद उसे लौटा दिया था।


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निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रही तस्वीर के साथ किया गया दावा गलत है। यह ब्रिटिश सेना की तस्वीर नहीं, बल्की दक्षिण अफ्रिका के पैसिव रेसिस्टर्स फूटबॉल टीम के खिलाडियों की तस्वीर है।

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Title:क्या इस तस्वीर में महात्मा गांधी ब्रिटिश सेना के साथ खड़े है? जानिये सच्चाई…

Fact Check By: Samiksha Khandelwal 

Result: False