मोंडेलेज़ इंडिया के प्रवक्ता ने फैक्ट क्रेसेंडो से पुष्टि की कि भारत में कैडबरी डेरी मिल्क शाकाहारी उत्पाद है।
सोशल मीडिया पर प्रसारित एक ग्राफिक पोस्टर में दावा किया गया है कि कैडबरी डेरी मिल्क के सारे उत्पाद हिन्दुओं के लिए वर्जित है क्योंकि यह ‘बीफ (गौ मांस)’ से बना है। इस पोस्टर को शेयर करते हुए यूजर ने बताया कि कैडबरी डेरी मिल्क ने खुद इस बात पर सहमति जताई है कि उनके प्रोडक्ट में गौ मांस है और उनके सारे उत्पाद हलाल सर्टिफाइड है।
वायरल पोस्ट के कैप्शन में लिखा गया है की “आप सभी देशवासियों से अनुरोध है कि केडबरी डेरीमिल्क चाकलेट का बहिष्कार करें ना खाये ना खिलाये । क्योंकि कि केडबरी डेरीमिल्क चाकलेट कंपनी ने यह स्वीकार किया है कि चाकलेट गौ मांस से बनती है।”
अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुवात हमने वायरल तस्वीर में दिख रहे वेबसाइट (https://www.cadbury.com.au/) को ढूँढने से की, परिणाम में हमें पता चलता की ये ऑस्ट्रेलिया में कैडबरी का वेबसाइट है। वेबसाइट पर दिए गए पते के अनुसार ये कंपनी ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न में स्थित है।
इस वेबसाइट पर हलाल संबंधित दिए गये जानकरी के अनुसार वेबसाइट पर मौजूद प्रोडक्ट हलाल सर्टिफाइड है और इसमें बीफ (गौ मांस) है। इससे हम स्पष्ट हो सकते है की वायरल स्क्रीनशॉट कैडबरी ऑस्ट्रेलिया के वेबसाइट का है।
कैडबरी डेरी मिल्क कंपनी का इस बारे में क्या कहना है?
आगे हमने फैक्ट क्रेसेंडो ने मोंडेलेज इंडिया फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के मोंडेलेज इंडिया के प्रवक्ता- राखी बंसल से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि “भारत में निर्मित और बेचे जाने वाले सारे उत्पाद 100% शाकाहारी हैं। रैपर पर हरे रंग की बिंदी इसका प्रतीक है। जैसा कि आप अच्छी तरह से कल्पना कर सकते हैं, इस तरह के नकारात्मक पोस्ट, हमारे सम्मानित और प्रिय ब्रांडों में उपभोक्ता विश्वास को नुकसान पहुंचाते हैं। हम अपने उपभोक्ताओं से अनुरोध करते हैं कि कृपया उन्हें आगे साझा करने से पहले हमारे उत्पादों से संबंधित तथ्यों को सत्यापित करें।”
आगे हमें कैंडबरी डेयरी मिल्क के ट्विटर अकाउंट से एक यूजर को दिया गया जवाब मिला, जिसमे उन्होंने लिखा है की “वायरल स्क्रीनशॉट भारत में बनने मोंडेलेज प्रोडक्ट का नहीं है। भारत में बनने और बिकने वाले सभी उत्पाद 100 फीसदी शाकाहारी हैं। रैपर पर बना हरा बिंदू इस बात की पहचान है।”
इसके आलावा हमें कैंडबरी डेयरी मिल्क द्वारा उनके ट्विटर अकाउंट पर दिया गया स्पष्टीकरण मिला जहाँ कैडबरी इंडिया के सारे उत्पादों को शाकाहारी बताया गया है।
हरा बिंदु क्या दर्शाता है?
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) अलग-अलग रंगीन डॉट्स का उपयोग करते हुए ये बताने की कोशिश करते है कि उत्पाद शाकाहारी है, मांसाहारी है या इसमें अंडे हैं।
एफएसएसएआई (FSSAI) की वेबसाइट में कहा गया है कि शाकाहारी भोजन के प्रत्येक पैकेज पर ये घोषणा एक प्रतीक और ‘ग्रीन’ रंग कोड द्वारा इस उद्देश्य के लिए इंगित की जाएगी कि उत्पाद शाकाहारी भोजन है। प्रतीक में एक हरे रंग का भरा हुआ चक्र होगा।
वेबसाइट में यह भी उल्लेख किया गया है कि पोर्क फैट, लार्ड और बीफ फैट या उसके अर्क वाले उत्पादों को उनके विशिष्ट नामों से घोषित किया जाएगा।
नीचे आप Amazon India पर बिक्री के लिए उपलब्ध कैडबरी डेरी मिल्क चॉकलेट का पैकेट देख सकते हैं। इसमें FSSAI द्वारा अनिवार्य रूप से हरे रंग की बिंदी है।
हलाल प्रोडक्ट क्या है?
हलाल की उत्पत्ति अरबी शब्द हल्ला, याहिल्लु, हिलन और वहलालन से हुई है, जिसका अर्थ इस्लामी शरीयत कानून द्वारा अनुमत या अनुमेय है। जब भोजन या सामान को हलाल के रूप में वर्णित किया जाता है कि भोजन या सामान एक मुसलमान द्वारा उपभोग या उपयोग किया जा सकता है। ऐसी अभिव्यक्ति का अर्थ है कि भोजन या सामान हैं:
1. इस्लामिक शरीयत कानून और फतवे के अनुसार कुछ भी अशुद्ध / ‘नजिस’ नहीं है
2. इसमें इंसान का कोई हिस्सा या उसकी उपज शामिल नहीं है जो इस्लामी शरीयत कानून और फतवा द्वारा अनुमति नहीं है
3. खाद्य उत्पादों में कुछ भी अशुद्ध या नजिस नहीं होना चाहिए जिसे 3 श्रेणियों में विभाजित किया जा सके:
क) (गंभीर) जैसे कुत्ते, सूअर और उनके वंशज या उनमें से किसी एक से जन्म;
ख) (मध्यम) जो उपरोक्त दोनों के अपवाद के साथ है, जैसे रक्त, मवाद, मल और आदि; और
ग) (हल्का) अर्थात् एक बच्चे का पेशाब जो पूरी तरह से स्तनपान कर रहा है और दो साल की उम्र तक नहीं पहुंचा है।
निष्कर्ष-
तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने वायरल ग्राफ़िक कार्ड के माध्यम से किए गए दावे को गलत पाया है। कैडबरी डेरी मिल्क के सारे उत्पाद भारत में हिन्दुओं के लिए वर्जित नहीं है। भारत में मोंडेलेज़ इंडिया फूड्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित कैडबरी डेरी मिल्क शाकाहारी मूल के हैं। इसमें बीफ नहीं होता है।
Title:कैडबरी डेरी मिल्क के उत्पाद में “बीफ़” होने का दावा करने वाला ग्राफिक फर्जी है!
Fact Check By: Drabanti GhoshResult: False
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