४ अगस्त २०१९ को “पुलिस न्यूज़ यूपी” नामक एक फेसबुक पेज ने एक पोस्ट अपलोड किया, जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “बाराबंकी: ASP से सवाल करना छात्रा को पड़ा भारी, स्कूल जाने पर लगी रोक | इस पोस्ट के साथ पुलिस न्यूज़ यूपी द्वारा लिखित एक खबर का लिंक भी संग्लित किया गया था। पोस्ट में लिखा गया है कि यूपी के बाराबंकी जिले में स्थित आनंद भवन स्कूल की छात्रा, मुजिबा किदवाई ने हाल ही में उन्नाव के ए.एस.पी से उन्नाव गैंग रेप केस का हवाला देते हुए महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल पूछा था जिसके कारण उसके परिवार ने पूछे गए सवाल के डर के चलते छात्रा का स्कूल जाना रोक दिया था, इस खबर के शीर्षक को पढने के पश्चात ऐसा प्रतीत होता है की यह बच्ची पुलिस को पूछे गए सवाल के डर के कारण से स्कूल नही जा रही है |

इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर काफ़ी तेजी से साझा किया जा रहा है | फैक्ट चेक किये जाने तक यह पोस्ट ७० प्रतिक्रियाएं प्राप्त कर चुका था।

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव पोस्ट | पुलिस न्यूज़ यूपी | आर्काइव न्यूज़

क्या था सवाल?

आनंद भवन स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा ने ए.एस.पी से सवाल पूछा था कि अगर कोई वादी आम आदमी है तो हम उसकी शिकायत कर सकते हैं लेकिन अगर वह नेता है और ताकतवर शख्स है तो उसका विरोध कैसे किया जा सकता है? हम ये जानते हैं कि अगर हम किसी हाई प्रोफाइल व्यक्ति के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे तो उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। हमने देखा है कि उन्‍नाव की लड़की अस्पताल में हैं। ऐसे में अगर हम विरोध जताते हैं तो इस बात की क्या गारंटी है कि हमें न्याय मिलेगा। क्या गारंटी है कि हम सुरक्षित रहेंगे... क्या गारंटी है कि हमारी साथ कुछ नही होगा.. अगर उन्‍नाव पीड़िता की तरह हमारे साथ भी हादसा हो गया तो | बता दें, छात्रा की इस सवाल से एएसपी ने चुप्पी साध ली थी |

संशोधन से पता चलता है कि...

जांच की शुरुआत हमने उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के उत्तरी ए.एस.पी, राम सेवक गौतम से संपर्क किया, उन्होंने हमें बताया की “सोशल मीडिया पर गलत दावे फैलाया जा रहा है, बीच में छात्रा के स्वास्थ्य ख़राब रहने के कारण वह स्कूल नही गई थी परंतु अब यह बच्ची रोज स्कूल जा रही है और तो और आज भी स्कूल गयी है | ऐसे अनावश्यक अफ़वाह फैलाने वालों के ख़िलाफ़ उचित विधिक कार्यवाही की जाएगी” |

इसके पश्चात हमने छात्रा के स्कूल से संपर्क किया, आनंद भवन स्कूल के ऑफिस डिपार्टमेंट के सलाउद्दीन सिद्दीकी ने हमें बताया कि “सोशल मीडिया पर फैलाई गई अफवाह गलत है, यह बच्ची रोज़ स्कूल आ रही है, और इस वक़्त भी क्लास मैं हैं, ख़राब तबियत व परीक्षा की तैयारी के कारण उसने एक या दो दिन स्कूल मिस किया था, और ५ अगस्त से हमारे विद्यालय में परीक्षा शुरू हो चुकी है | स्पष्ट रहे की छात्रा को किसी भी प्रकार का कोई भी सवाल से जुड़ा डर नही है” |

इस पोस्ट में पुलिस द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण का उल्लेख भी किया है और लिखा गया है कि “इस बात की जानकारी होते ही जब मामले की जांच की गई तो पता चला कि छात्रा की तबीयत खराब होने की वजह से वह स्कूल नहीं जा रही है | इस पर बाराबंकी पुलिस ने सोशल मीडिया पर ट्वीट भी किया है” |

इसके पश्चात हमें उत्तर प्रदेश बाराबंकी पुलिस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट द्वारा किया गया ट्वीट मिला | इस प्रकरण का स्पष्टीकरण देते हुए लिखा गया है कि ““कुछ कतिपय लोगों द्वारा “उन्नाव कांड पर सवाल पूछने वाली लड़की ने स्कूल जाना बन्द किया”जैसे आरोप लगा रहे है | जिसके सम्बन्ध पुलिस अधीक्षक बाराबंकी व अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी द्वारा उक्त लड़की के माता-पिता से उनके समक्ष जाकर बात की गयी तो उनके द्वारा ऐसी किसी भी बात से इन्कार किया गया तथा बताया कि उनकी बड़ी लड़की की तबीयत खराब थी, जिस कारण स्कूल नहीं गयी | अत: इस तरह के लगाये गये आरोप असत्य एवं निराधार है” |

आर्काइव लिंक

निष्कर्ष: तथ्यों के जांच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट के शीर्षक को गलत पाया है क्योंकि पोस्ट का शीर्षक “बाराबंकी: ASP से सवाल करना छात्रा को पड़ा भारी, स्कूल जाने पर लगी रोक” गलत है, यह शीर्षक लोगों को गलत संदेश देता है | यह लेख पाठकों को भ्रमित करता है |

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Title:अस्वस्थ होने के कारण इस छात्रा ने एक दिन स्कूल मिस किया था |

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False Headline