पंजाब सरकार ने इस तरह का कोई भी फैसला नहीं लिया। हमने इस बात की पुष्टि पंजाब के मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव से की।
पंजाब के पूर्व विधायक और मंत्रियों की पेंशन को लेकर एक खबर इंटरनेट पर काफी तेज़ी साझा की जा रही है। कहा जा रहा है कि पंजाब में भगवंत सिंह मान सरकार ने पूर्व विधायकों व मंत्रियों की पेंशन बंद करने का बड़ा फैसला लिया है।
वायरल हो रहे पोस्ट में यूज़र ने लिखा है, अब आए ऊंट पहाड़ के निचे। काश सभी राज्यों में भी ऐसा हो जाए। सरकारी कर्मचारीयों को पेंशन नहीं तो किसी को भी नहीं।“ (शब्दश:)
अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुवात हमने इस खबर को गूगल पर कीवर्ड सर्च कर की। परिणाम में हमें ऐसा कोई विश्वासनीय समाचार नहीं मिला। फिर फैक्ट क्रेसेंडो ने पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुध तिवारी से संपर्क किया तो उन्होंने हमें बताया कि “अभी तक पेंशन के बारे में ऐसा कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है। इस आधार पर हम कह सकते है कि यह खबर गलत है।“
आगे बढ़ते हुये इस बारे में और जानकारी हासिल करने के लिये फैक्ट क्रेसेंडो ने पंजाब के अपर सचिव ए. वेणु प्रसाद से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि “यह खबर गलत है। अभी तो सरकार नीतियाँ बना रही है और फिर उसके बाद इस बारे में घोषणा की जायेगी। पेंशन के बारे में जो चर्चा चल रही है वह बंद करने की बात नहीं कर रहे है, वे एक ही पेंशन देने की बात कर रहे है। कई बार ऐसा होता है कि जो पाँच बार या दस बार विधायक या मंत्री बनते है, उन्हें उतनी पेंशन दी जाती है। इसकी जगह सिर्फ एक ही पेंशन देने की नीति बनाने की चर्चा हो रही है।“
20 मार्च को प्रकाशित द ट्रिब्यून में बताया गया है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार एक विधायक के लिये एक ही पेंशन देने का विचार कर रही है। अब तक प्रत्येक पूर्व विधायक को जिनते बार वे विधायक बने उतनी अलग-अलग पेंशन मिलती थी।
पंजाब में कैसी है पेंशन को लेकर नीतियाँ?
पंजाब विधानमंडल सदस्य (पेंशन एवं चिकित्सा सुविधा नियमन) नियम-1977 की धारा 3(1) एवं पंजाब विधानमंडल सदस्य (पेंशन एवं चिकित्सा सुविधा नियमन) नियम-1984 के अनुसार 26 अक्टूबर 2016 को जारी की गयी अधिसूचना के अनुसार मूल मासिक पेंशन की राशि पहले कार्यकाल के लिये 15,000 रुपये और बाद के प्रत्येक कार्यकाल के लिये 10,000 रुपये है।
लाभार्थियों को मासिक पेंशन के अलावा 50 प्रतिशत विलय महंगाई भत्ता (Dearness Allowance (D.A)) और वर्तमान में लागू डी.ए भी मिलता है। इस प्रकार, पहली टर्म पेंशन का कुल योग 75,150 रुपये आता है। इसमें हर टर्म के साथ 50,100 रुपये की बढ़ोतरी होती रहती है।
एक पूर्व विधायक पेंशन के लिये तभी पात्र होता है जब वह विधानसभा का सदस्य नहीं रहता है। एक बार जब वह फिर से निर्वाचित हो जाता है, तो उसे केवल वेतन दिया जाता है और पेंशन रोक दी जाती है।
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निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रही तस्वीर के साथ किया गया दावा गलत है। पंजाब में पूर्व विधायकों व मंत्रियों की पेंशन बंद करने का निर्णय नहीं लिया गया है।
Title:पंजाब सरकार ने पूर्व विधायक और मंत्रियों की पेंशन बंद नहीं की; गलत खबर हो रही वायरल
Fact Check By: Rashi JainResult: False
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