Political

क्या मेरठ पुलिस ने “भाजपा कार्यकर्ताओं को अंदर जाना मना है” का बोर्ड लगाया है? जानिये सच…

मेरठ पुलिस ने इस बात का खंडन किया कि यह बोर्ड उन्होंने नहीं लगाया था, बल्की कुछ शरारती तत्वों ने लगाया था।

इन दिनों इंटरनेट पर एक तस्वीर तेज़ी से वायरल हो रही है। उसमें आप देख सकते है कि मेरठ पुलिस थाना की दीवार पर “भाजपा कार्यकर्ताओं का थाने में आना मना है।” इस बोर्ड में थाना प्रभारी संतशरण सिंह का नाम भी लिखा हुआ है। दावा किया जा रहा है कि यह बोर्ड पुलिस ने लगाया है।

वायरल हो रहे पोस्ट के साथ यूज़र ने लिखा है, “भाजपा कार्यकर्ताओं का थाने में आना मना हैं। जनता के साथ साथ अब अधिकारी भी परेशान हो चुके हैं। सलाम हैं ऐसे दबंग अधिकारियों को।“

फेसबुक | आर्काइव लिंक

आर्काइव लिंक


Read Also: क्या बीजेपी में शामिल होते ही हार्दिक पटेल को थप्पड़ मारा गया? पुराना वीडियो गलत दावे के साथ वायरल


अनुसंधान से पता चलता है कि…

इसकी जाँच हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च कर की। परिणाम में हमें अमर उजाला का लेख मिला, उसमें इस तस्वीर के पीछे का पूरा प्रकरण बताया गया है। 

इसमें बताया गया है कि भाजपा के कुछ लोग एक विधवा की दुकान पर किये गये अवैध कब्जा हटवाने की मांग को लेकर मेरठ के मेडिकल थाने गये थे। परंतु भाजपाई पुलिस की कार्रवाई से नाखुश थे इसलिये उन्होंने थाने में हंगामा शुरू कर दिया। जिस वजह से उन्हें थाना प्रभारी संतशरण सिंह ने बाहर जाने को कहा। 

इसपर भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिसकर्मियों अभद्रता करने का आरोप लगाया व उनपर कार्रवाई करने की मांग की। फिर उन्हीं लोगों ने तस्वीर में दिख रहा बैनर पुलिस थाने की दीवार पर लगाया। बताया गया है कि इसमें पुलिस ने उन कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया।

फैक्ट क्रेसेंडो ने मेडिकल थाने के प्रभारी संतशरण सिंह से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि “इस तस्वीर के साथ किया गया दावा गलत है। पुलिस थाने के बाहर यह बैनर पुलिस ने नहीं लगाया था। कुछ असामाजिक तत्वों ने इस बैनर को लगाया था। उनमें से हमने सात लोगों को गिरफ्तार किया था और अब उनकी जमानत हो गयी है।“

इसके बाद आगे की जाँच करने पर हमें मेरठ पुलिस के हैंडल से 27 मई को किया गया ट्वीट मिला। उसमें उन्होंने इस दावे का खंडन करते हुये बताया कि इस तस्वीर में दिख रहा बैनर असामाजिक तत्वों ने पुलिस की छवी खराब करने के लिये थाने की दीवार पर लगाया था। ये बैनर पुलिस ने नहीं लगाया है।

आर्काइव लिंक

हमें इसके साथ एक और ट्वीट मिला जिसमें मेरठ के पुलिस अधिक्षक का वीडियो शेयर किया गया है जिसमें वे पूरे प्रकरण के बारें में जानकारी बता रहे है। और उन्होंने वायरल दावे को गलत बताया है।

आर्काइव लिंक


Read Also: ये तस्वीरें हाल ही में हुये उत्तरकाशी बस दुर्घटना की नहीं; पुरानी तस्वीरें वायरल


निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रही तस्वीर के साथ किया गया दावा गलत है। यह बैनर पुलिस ने नहीं लगाया है।

Title:क्या मेरठ पुलिस ने “भाजपा कार्यकर्ताओं को अंदर जाना मना है” का बोर्ड लगाया है? जानिये सच…

Fact Check By: Samiksha Khandelwal

Result: Misleading

Recent Posts

बकरीद पर कुर्बानी के लिए घर में गाय के बछड़े को बांधने का फर्जी दावा वायरल, पड़ताल में पढ़े पूरा सच।

मो. सगीर नाम के इस शख्स ने बकरीद पर कुर्बानी के लिए अपने घर में…

16 hours ago

टैंकर ब्लास्ट का  ये वीडियो भारत का नहीं बल्कि पाकिस्तान का है।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक पेट्रोल पंप में आग…

2 days ago

कंगना रनौत को अभद्र इशारे करने के दावे से वायरल वीडियो पाकिस्तान का है…

मंच पर लाइव परफॉर्म करती एक महिला को अभद्र इशारे करती भीड़ का वीडियो सोशल…

2 days ago

ऋषिकेश में राफ्टिंग हादसे के नाम पर बोस्निया का वीडियो वायरल…

राफ्टिंग हादसे का वायरल वीडियो बोस्निया का है ऋषिकेश का नहीं,  फर्जी है वायरल दावा।…

2 days ago

पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने वालों की यूपी पुलिस ने नहीं की पिटाई, भ्रामक है वायरल दावा…

Byline- एक कांस्टेबल पर हमले के आरोप में आंध्र प्रदेश पुलिस ने बीच सड़क पर…

3 days ago

2023 में नेपाल के यति एयरलाइंस विमान हादसे के दौरान का पुराना वीडियो, अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया AI171 विमान दुर्घटना के नाम पर वायरल…

अहमदाबाद में क्रैश हुये एयर इंडिया क़े प्लेन में आख़री क्षणों में वीडियो बनाने के…

4 days ago