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पी.एम मोदी द्वारा हिंदू राष्ट्र का समर्थन करने के लिए यूपी के सीएम को धन्यवाद देने वाला यह पत्र फर्जी है |

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र की छायाप्रति सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ साझा की जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “‘हिंदू राष्ट्र’ का समर्थन करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना के साथ ही प्रधान मंत्री कार्यालय की तरफ से राम मंदिर के निर्माण के लिए ५० करोड़ रुपये प्रदान किये गयें हैं |”

वायरल पत्र में लिखा गया है कि “मैं इस पत्र को आपको और आपकी टीम द्वारा हिंदू राष्ट्र के निर्माण में किये गये बहुमूल्य योगदान के लिये बधाई देने से शुरू करता हूं | राम मंदिर के निर्माण में माईल स्टोन को पूरा करने के लिए आपकी ईमानदार और स्थिर कड़ी मेहनत के लिए हिंदू हमेशा आपके और आपकी टीम के आभारी रहेंगे, यह हिंदू राष्ट्र के लिए नया इतिहास रचने वाला है | मैं आपको और आपकी टीम को आपके भविष्य में होने वाले चुनाव २०२२  के लिए शुभकामनाएं देता हूं और एक बार फिर आपको इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं | इस महत्वपूर्ण समय में अद्भुत समर्थन के लिए धन्यवाद और प्रधान मंत्री कार्यालय से, मैं राम मंदिर के निर्माण के लिए ५० करोड़ रुपये भेज रहा हूं |” यह पत्र कथित तौर पर ७ अगस्त २०२० को लिखा गया था | इस पत्र के नीचे हम प्रधानमंत्री मोदी के हस्ताक्षर भी देख सकते है |

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक 

अनुसंधान से पता चलता है कि….

जाँच की शुरुवात हमने इस पत्र को बारीकी से जाँच करने से की, जिससे हमें इस पत्र में कई गलतियाँ नज़र आई | तद्पश्चात हमने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लिखे गए एक दुसरे पत्र को ढूँढा जिसके साथ हमने सोशल मीडिया पर वायरल पत्र की तुलना की | इससे हमें यह स्पष्ट हो गया है कि सोशल मीडिया पर वायरल पत्र फर्जी है | नीचे आप दोनों पत्रों में दिख रहे अंतर को देख सकते है |

  1. नकली पत्र में लिखा है कि “प्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ” जब मोदी के अधिकांश आधिकारिक पत्र में वे ‘श्री’ या ‘जी’ जैसे सम्मानों का उपयोग करते हैं |
  2. फर्जी पत्र में ‘नई दिल्ली’ के बाद शीर्ष दाईं ओर शालिवाहन शक कैलेंडर की तारीख नहीं है। शक संवत, भारतीय राष्ट्रीय कैलेंडर है और मोदी द्वारा लिखे गए पत्र में हमेशा ग्रेगोरियन प्रणाली के अलावा कैलेंडर के अनुसार तिथि और वर्ष का उल्लेख होता है |
  3. फर्जी पत्र से मोदी के हस्ताक्षर में भी अंतर है। मूल पत्र में N में कोई वक्र नहीं है, जबकि नकली पत्र में N में कई वक्र हैं | ‘N’ अक्षर के चारों ओर का लूप भी अलग है |

तद्पश्चात हमें पी.आई.बी फैक्ट चेक द्वारा प्रकाशित ट्वीट मिला जिसमे उन्होंने वायरल पत्र का खंडन करते हुए इसे फर्जी बताया है |

आर्काइव लिंक

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोत्क पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल पत्र फर्जी है | 

Title:पी.एम मोदी द्वारा हिंदू राष्ट्र का समर्थन करने के लिए यूपी के सीएम को धन्यवाद देने वाला यह पत्र फर्जी है |

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False

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