२६ फरवरी २०१९ की सुबह होने के कुछ घंटों पहले भारतीय वायु सेना के मिग २१ विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-महंमद के आतंकी शिविरों पर बम बरसाये | इसके बाद २७ फरवरी २०१९ से सोशल मीडिया पर यह खबर काफी चर्चा में रही व तेजी से साझा की जा रही है | पोस्ट के हैडलाइन में कहा गया है कि “पुलवामा की तस्वीरें तो बहुत देख ली अब जरा पाकिस्तान की भी देख लो आज का हाल” | पोस्ट में ५ तस्वीरें दिखाई गई है व यह दावा किया गया है कि भारतीय वायु सेना के बालाकोट हमले से बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे व मानव विनाश हुआ है |
क्या वाकई में भारतीय वायु सेना के कारण पाकिस्तान का हुआ इतना बुरा हाल? आइये जानते है क्या है इन तस्वीरों का सच |
उपरोक्त तस्वीर की स्क्रीनशॉट लेकर गूगल रिवर्स इमेज करने पर हमने पाया कि यह तस्वीर
२ नवंबर २०१४ को पाकिस्तान में दैनिक सीमा समारोह के बाद वाघा सीमा पर हुए एक आत्मघाती बम विस्फोट से संबंधित है।
वाघा सीमा के पास एक विस्फोट में रविवार, 2 नवंबर २०१४ को लगभग ६० लोग मारे गए थे, जिसकी जिम्मेदारी जुंदुल्लाह और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान – संबंधित जमात-उल-अहरार इन संगठनों ने ली थी। इस खबर को पाकिस्तानी अखबार- द डॉन ने प्रकाशित किया था ।
द डौन | आर्काइव लिंक | TimesofIndia | आर्काइव लिंक
उपरोक्त तस्वीर का स्क्रीनशॉट लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमने पाया कि यह तस्वीर भी २ नवंबर २०१४ को हुए वाघा सीमा के पास हुए आत्मघाती बम विस्फोट की है | इस खबर को रायटर्स ने जारी करने के बाद कई प्रतिष्ठित मीडिया संगठनों ने प्रकाशित किया था |
Reuters | आर्काइव लिंक | BBC | आर्काइव लिंक | CNN | आर्काइव लिंक
अब उपरोक्त तस्वीरों को भी जब हमने स्क्रीनशॉट लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो पता चला कि २६ फरवरी २०१९ को एलओसी के पार वायुसेना के ऑपरेशन से इन तस्वीरों का कोई संबंध नहीं है ।
उपरोक्त तस्वीर पर और गहराई से खोज करने से पता चला कि ये चित्र ८ ऑक्टोबर २००५ को पाकिस्तान के कई हिस्सों में आए भूकंप के बाद लिया गया था | कई मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, “अनुमानित ७५००० लोग भूकंप में मारे गए थे, जिनमे ज्यादातर पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में थे।” यह तस्वीरें भी आसपास के अन्य मीडिया संगठनों प्रकाशित की थी ।
तस्वीर की रिवर्स इमेज सर्च करने पर पता चला की यह तस्वीरे २०१५ की बीबीसी रिपोर्ट और २०१८ पाकिस्तान प्वाइंट रिपोर्ट में दिखाई गई थी ।
पाकिस्तान पॉइंट | आर्काइव लिंक
रेडियो पाकिस्तान के ट्वीट व कई मीडिया संगठनों ने पाकिस्तान में २००५ के भूकंप की वर्षपूर्ती से जुड़ी खबरें प्रकाशित की हैं जिसे आप नीचे पढ़ सकते है |
पाकिस्तान पॉइंट | आर्काइव लिंक | Geo Tv | आर्काइव लिंक
उपरोक्त तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर यह पता चला कि यह तस्वीर भी ८ अक्टूबर २००५ को पाकिस्तान में आए भूकंप के बाद खिंची गई थी ।
यह तस्वीर फोटो कैप्शन के साथ गेटी इमेज पर उपलब्ध है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह २००५ के भूकंप के बाद की तस्वीर है। पाकिस्तानी निवासियों ने उन बच्चों के शवों को लाइन में लगा दिया जो पाकिस्तानी शहर बालाकोट में ०५ अक्टूबर २००५ को आए भूकंप में मारे गए थे।
गूगल पर अधिक जांच करने पर हमने पाया कि उपरोक्त फोटो न केवल गेटी इमेज पर दिखाई देती है, बल्कि अन्य प्रकाशनों जैसे द एपोच टाइम्स में भी प्रकाशित हुई है ।
निष्कर्ष: तथ्यों कि जाच करने पर हमने पाया कि :
उपरोक्त तथ्यों से ये पूर्णतया साबित होता है कि ये पोस्ट ग़लत है व अलग अलग घटनाओं की तस्वीरों को २६ फरवरी २०१९ को पाकिस्तान बलाकोट में भारत द्वारा किए हमले की बता साझा किया जा रही है ।
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