स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में नहीं पड़ी है दरार, 2018 की तस्वीर झूठे दावे से वायरल…
गुजरात के नर्मदा नदी के किनारे बनी ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रही है। वायरल तस्वीर में प्रतिमा के पैर के पास कुछ गैप नज़र आ रहे हैं। जिसको शेयर करते हुए दावा किया जा रहा कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में दरारे’ पड़नी शुरू हो गई हैं। लिहाज़ा प्रतिमा कभी भी गिर सकती है।
वायरल पोस्ट के साथ यूजर ने लिखा है- कभी भी गिर सकती है। दरार पड़ना शुरू हो गयी।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
पड़ताल की शुरुआत मे हमने वायरल पोस्ट के बारे में जानने के लिए अलग की-वर्ड के साथ सर्च करना शुरु किया। साथ ही वायरल हो रही तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में वायरल तस्वीर हमें साल 2018 में छपी कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में मिली। इससे ये साफ है कि वायरल हो रही तस्वीर हालिया नहीं है, करीब 6 साल पुरानी है।
प्रकाशित खबर के अनुसार यह तस्वीर प्रतिमा के बनने के वक्त की है। तस्वीर का क्रेडिट यूरोपियन प्रेस फोटो एजेंसी (EPA) से जुड़े दिव्यकांत सोलंकी को दिया गया था।
इसके अलावा अमेरिकी मीडिया संस्थान ‘The Washington Post’ में 29 अक्टूबर, 2018 को भी वायरल पोस्ट की तस्वीर है। इससे ये बात तो साफ है कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी टूटने के दावे से वायरल तस्वीर हाल की bilkulनहीं है।
इसके अलावा भारत सरकार के प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेकिंग यूनिट ने भी वायरल दावे का खंडन किया है। PIB ने ट्वीट कर बताया कि यह सरदार पटेल की प्रतिमा में दरार पड़ने का दावा सही नहीं है।
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की 143वीं जयंती यानी 31 अक्टूबर 2018 को उनकी प्रतिमा का उद्घाटन किया था। साफ है कि तस्वीर प्रतिमा के बनने की समय का है।
निष्कर्ष-
तथ्य-जांच के बाद हमने पाया कि, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की प्रतिमा में 'दरार' पड़ने का झूठा दावा करते हुए 6 साल पुरानी तस्वीर शेयर की गई है। यह उस वक़्त की तस्वीर है जब प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा था।