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ये वीडीयो एक इन्फ़र्मेशन वीडीयो के तहत आर्मी द्वारा सर्च अभियान के दौरान उनकी रणनीती को प्रदर्शित करता है।

कश्मीर में मौजूदा हालात के चलते सोशल मीडिया पर काफ़ी सारे वीडीयो और फोटुयें पोस्ट की जा रही हैं,ये वीडीयो और छायाचित्र या तो पुराने हैं या फिर ग़लत हैं, इनको अलग अलग वर्तमान के दावों के साथ शेयर किया जा रहा है।

ऐसे ही एक वीडीयो की जाँच हमारी टीम द्वारा की गयी, ये वीडीयो 

४ अगस्त २०१९ को फेसबुक पर ‘Chakrawarti Vikramaditya’ नामक फेसबुक यूजर ने साझा किया है, इस पोस्ट में भारतीय सेना एक गांव की तलाशी लेते हुए सर्च अभियान करती दिख रही है, और कुछ भागते हुये आतंकवादियों पर गोलियां चलाती हैं| इस वीडियो के साथ पोस्ट के विवरण में लिखा है कि – ‘आतंकवादियों को भारतीय-सेना द्वारा 72 हूर तक पहुंचाने का लाइव वीडियो ! मोदीजी कश्मीर को जन्नत बनाने में लग गए हैं |‘ पोस्ट का दावा की – ‘यह आर्मी द्वारा कश्मीर में आतंकवादियों को ढूंढकर मारने का लाइव वीडियो है |’ क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |

सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:

FacebookPost | ArchivedLink

अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने सबसे पहले वीडियो के साथ किये गए दावे को अलग-अलग कीवर्ड्स से गूगल पर ढूंढा, तो ‘dd news coverage on how do army check for terrorists in village’ कीवर्ड्स से हमें २६ अक्टूबर २०१६ को प्रसारित एक वीडियो मिला | यह वीडियो उपरोक्त वीडियो से हूबहू मिलता है |

जब हमने इस वीडियो को देखा तो यह वीडियो न केवल पुराना था, बल्कि यह वीडियो एक  इन्फ़र्मेशन वीडीयो के तहत आर्मी द्वारा सर्च अभियान के दौरान उनकी रणनीती को प्रदर्शित करता दिखावटी वीडीयो है।

यह वीडियो दर्शाता है कि जम्मू कश्मीर के इलाकों में जब सेना को आतंकवादियों के छुपे रहने की खबर मिलती है, तब सेना इन घुसपैठियों को किस प्रकार ढूंढती है और पकड़ती है | आतंकवादी के पकडे जाने पर और बाकी की जांच पड़ताल के बाद एक सिविक एक्शन दल आता है और गांव वालों को दवा और खाद्य पद्दार्थ देकर माहौल को स्थिर करता है |   

हमने जब पोस्ट में किये दावे के वीडीयो और यूटूब पर मिले दूरदर्शन न्यूज़ के वीडियो की तुलना की तो पाया कि उपरोक्त वाइरल पोस्ट के दावे वाले वीडीयो से शुरू के २२ सेकंड की जानकारी को निकाल कर, २३ सेकंड से १:२० सेकंड तक ही सिर्फ लिया गया है | हमारे द्वारा किये गए वीडियो की तुलना को अपन नीचे देख सकतें हैं |

इस संशोधन से यह बात स्पष्ट होती है कि पोस्ट में साझा वीडियो २०१६ का एक पुराना वीडियो है, जिसमे सेना द्वारा अपने सर्च अभियान की रणनीती को दर्शाया गया है, वीडियो का वर्तमान की कश्मीर में घटित घटनाओं से कोई सम्बन्ध नहीं है | इस पुराने वीडियो को वर्तमान में साझा कर भ्रम फैलाया जा रहा है।

जांच का परिणाम : उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा ‘यह आर्मी द्वारा कश्मीर में आतंकवादियों को ढूंढकर मारने का लाइव वीडियो है |’ ग़लत है |

Title:ये वीडीयो एक इन्फ़र्मेशन वीडीयो के तहत आर्मी द्वारा सर्च अभियान के दौरान उनकी रणनीती को प्रदर्शित करता है।

Fact Check By: Natasha Vivian

Result: False

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