४ सितम्बर २०१९ को फेसबुक के ‘United Andhbhakt’ नामक एक पेज पर एक पोस्ट साझा किया गया है जिसमें एक वीडियो दिया है | वीडियो में दिखाई देता है कि, पुलिस द्वारा बीच सड़क पर तीन लोगों को बड़ी बेरहमी से लाठी द्वारा पिटा जा रहा है और दो लोगों को जीप में बिठाकर थाने ले जाया जाता है |
पोस्ट के विवरण में लिखा गया है कि,
नए ट्रैफिक नियम लागू होते ही पुलिस का आतंक शुरू
इस पोस्ट व्दारा किया यह दावा किया जा रहा है कि, केंद्र सरकार द्वारा ट्रैफिक नियमों सम्बन्धी नया अधिनियम लाया गया है, जिसके चलते सड़क पर आम नागरिक तथा पुलिस में झडपें हो रही है | ट्रैफिक नियमों का भंग होने पर लगाये जाने वाले जुर्माने की राशी कई गुना बढ़ने से लोग नाराज-परेशान है और इसके चलते आये दिन पुलिस से लोगों की ‘तू-तू, मैं-मैं’ हो रही है तथा पुलिस लोगों पर लाठियां भी बरसा रही है | तो आइये जानते है इस वीडियो व दावे की सच्चाई |
मूल पोस्ट यहाँ देखें – ‘United Andhbhakt’ | ARCHIVE POST
अनुसन्धान से पता चलता है कि…
सबसे पहले हमने साझा वीडियो के की-फ्रेम्स को इन्विड टूल की मदद से रिवर्स इमेज सर्च किया, लेकिन हमें गूगल, बिंग व यांडेक्स सर्च से कुछ भी वांछित परिणाम नहीं मिले |
इसके बाद हमने पोस्ट के कमेंट्स को पढना शुरू किया तो एक यूजर द्वारा दी गई जानकारी हमें मिली जिसमे कहा गया है कि, यह घटना अलवर, राजस्थान में घटित हुई है | छात्र संघ चुनाव में हुई हार के बाद विरोध प्रदर्शन करते विरोधी विद्यार्थी संघटन के छात्रों के साथ हुए लाठीचार्ज का यह वीडियो है |
इस जानकारी के आधार पर हमने ‘police lathicharge on students in alwar rajasthan’ इन की-वर्ड्स के साथ सर्च किया तो परिणाम से ‘राजस्थान तक’ द्वारा २९ अगस्त २०१९ को अपलोड एक वीडियो मिला | इस वीडियो में उपरोक्त पोस्ट के साथ साझा वीडियो की क्लिप्स हुबहू मिलती है | कैप्शन में लिखा है कि, ALWAR में STUDENT UNION ELECTION 2019 के बाद प्रदर्शन करना पड़ गया महंगा, रात को पुलिसवालों ने छात्रों और स्थानीय लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा | यह वीडियो आप नीचे देख सकते है |
इसके अलावा इसी सर्च से हमें ‘S TV News Online’ द्वारा २९ अगस्त २०१९ को प्रसारित एक और वीडियो मिला | इस वीडियो से भी उपरोक्त पोस्ट के साथ साझा वीडियो की क्लिप्स हुबहू मिलती है | शीर्षक में लिखा है – पुलिस ने छात्रों पर बरसाईं लाठियां, छात्रसंघ चुनाव में छात्र पुनः मतगणना की कर रहे थे मांग | विवरण में लिखा है – “बुधवार को छात्रसंघ चुनाव की मतगणना में धांधली का आरोप लगाकर आरआर कॉलेज के गेट पर धरना देने के बाद कलेक्टर से मिलने जा रहे हारे हुए प्रत्याशियों के समर्थकों व अन्य छात्रों को पुलिस ने रात ९.३० बजे लाठीचार्ज कर खदेड़ दिया। यह घटना आरआर कॉलेज चौराहे के पास हुई। लाठीचार्ज में कई छात्रों व समर्थकों को चोटें आई हैं। पुलिस ने भूतपूर्व सैनिक अमरचंद मीणा, कपिल मीणा व श्याम चौधरी को शांतिभंग के आरोप में हिरासत में लिया, बाद में छोड़ दिया। पुलिस ने लाठीचार्ज से इनकार किया है। आरआर कॉलेज में हुए चुनाव में एबीवीपी प्रत्याशी पूजा जोरवाल अपने निकटतम प्रतिद्वंदी निर्दलीय प्रत्याशी दीपक यादव से २ वोट से हार गई। एनएसयूआई प्रत्याशी परमजीत भी १२ वोट से तीसरे नंबर पर रहे। मतगणना में प्राचार्य प्रो. विमलेश गुप्ता तथा मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रो.सषमा मित्तल सहित कॉलेज प्रशासन पर धांधली का आरोप लगाते हुए दोनों संगठनों एनएसयूआई और एबीवीपी के छात्र व उनके समर्थक परिणाम आने के बाद प्राचार्य कक्ष के बाहर धरने पर बैठ गए|” यह वीडियो आप नीचे देख सकते है |
इसके अलावा हमें ‘A1 TV News’ समाचार चैनल द्वारा अपलोड एक और वीडियो मिला | यह वीडियो भी पोस्ट में साझा वीडियो से मिलता है | शीर्षक में लिखा है – अलवर : RR कॉलेज में छात्रसंघ परिणाम का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने भांजी लाठियां | यह विडियो आप नीचे देख सकते है |
इससे यह बात स्पष्ट हो जाती है कि, यह वीडियो ट्रैफिक नियमों का भंग होने पर लगाये जाने वाले जुर्माने की राशी कई गुना बढ़ने से लोग नाराज लोगों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज का नहीं है | अलवर, राजस्थान में हुए छात्र संघ चुनावों के परिणाम का विरोध कर रहे छात्रों पर पुलिस ने २९ अगस्त को लाठियां बरसाई थी, उस समय का यह वीडियो है | १ सितम्बर २०१९ से लागू ट्रैफिक नियमों सम्बन्धी नये अधिनियम से इस वीडियो का सम्बन्ध नहीं है |
जांच का परिणाम : इस संशोधन से यह स्पष्ट होता है कि, उपरोक्त पोस्ट में साझा वीडियो के साथ किया गया दावा कि, “यह वीडियो ट्रैफिक नियम उल्लंघन की दंड राशी कई गुना बढ़ाने के बाद पुलिस द्वारा आम लोगों पर किये गए लाठीचार्ज का है |” सरासर गलत है | वीडियो अलवर, राजस्थान में छात्र संघ चुनावों के बाद २९ अगस्त को हुए लाठीचार्ज का है |
Title:क्या यह वीडियो ट्रैफिक नियम उल्लंघन की दंड राशी कई गुना बढ़ाने के बाद पुलिस द्वारा आम लोगों पर किये गए लाठीचार्ज का है ?
Fact Check By: R PillaiResult: False
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