१३ अक्टूबर २०१९ को फेसबुक पर ‘TheAzamgarhExpress’ द्वारा किये गये एक पोस्ट में कुछ तस्वीरें साझा की गयी है | इन तस्वीरों में से एक तस्वीर में प्रधानमंत्री समुद्रतट में कचरा उठाते हुए दिखते हैं, एक तस्वीर में कुछ लोग समुद्रतट पर बम ढूंढते हुए दिख रहे हैं, एक तस्वीर में कुछ लोग कचरे बोरा पकड़े दिख रहें हैं | पोस्ट के विवरण में लिखा है कि, “पहले बम की जांच फिर कचरा मंगा के डालना.. तीन दिशाओ से सूट करते कैमरे.. फिर टीशर्ट पर सर्द मौसम में पानी छिडकाव.. उसके बाद मोदी जी की एक्टिंग शुरू 3 बार गडबडी के बाद चौथी बार की एक्टिंग पेश है.. आपके सामने फिल्मों में भी इतनी अच्छी 5 घंटे में नही होती है पूरा दिन लगता है.. पीएम का पद छोड दें फिल्मों में काम करे तो सुपर हिट फिल्म होगीं..|” इस पोस्ट में यह दावा किया जा रहा है कि – ‘प्रधानमंत्री द्वारा समुद्रतट से कचरा उठाने की तस्वीर खींचने के लिए एक सुनियोजित नाटक रचा गया था |’ क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |
सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:
अनुसंधान से पता चलता है कि…
हमने सबसे पहले इस पोस्ट में दी गयी तस्वीरों को गूगल रिवर्स इमेज सर्च में एक-एक करके ढूंढा, तो हमें मिले परिणाम आप नीचें देख सकतें हैं |
पहली तस्वीर : परिणाम : TheHindu : ArchivedLink
इस तस्वीर के रिवर्स इमेज सर्च के परिणाम में हमें इस तस्वीर से सम्बंधित ११ अप्रैल २०१९ को TheHindu द्वारा प्रकाशित ख़बर मिली | इस ख़बर के अनुसार, अप्रैल में जब लोक-सभा के चुनाव के दौरे के लिए प्रधानमंत्री केरला के कोजीकोड जाने वाले थे, तो उनके आने के पहले सुरक्षा कारणों के लिए कोजीकोड बीच पर किसी भी प्रकार के विस्फोटक की तलाश की जा रही थी | पूरी ख़बर को पढने के लिए ऊपर दिए गए लिंक पर क्लिक करें |
दूसरी तस्वीर : परिणाम : TOI : ArchivedLink
इस तस्वीर के रिवर्स इमेज सर्च के परिणाम में हमें इस तस्वीर से सम्बंधित १३ अक्टूबर २०१९ को TOI द्वारा प्रकाशित ख़बर मिली | इस ख़बर के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हालही में तमिल नाडू के ममलापुरम में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एक अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए गए थे | उसी दौरान जब ममलापुरम के समुद्री तट पर १२ अक्टूबर २०१९ को ‘plogging’ कर रहे थे, यह तस्वीर उसी वक़्त ली गयी थी | कूड़े को उठाने के साथ जॉगिंग का संयोजन को ‘Plogging’ कहा जाता है | पूरी ख़बर को पढने के लिए ऊपर दिए गए लिंक पर क्लिक करें |
तीसरी तस्वीर : परिणाम : Unrelated Image
हमने अलग-अलग इमेज सर्च व कीवर्ड्स से इस तस्वीर को इन्टरनेट पर ढूँढने की कोशिश की, मगर हमें इस घटना पर कोई भी परिणाम प्राप्त नहीं हुआ | मगर जिस प्रकार का बस्ता इस तस्वीर में दर्शाए गए लोग इस्तेमाल कर रहें हैं, सामान दिखने वाला बस्ता लोगों द्वारा समुद्रतट की सफाई के कार्यक्रम में इस्तेमाल किये जाते हैं | इस संशोधन से यह पता चलता है कि यह तस्वीर भी ऐसे ही किसी सफाई अभियान के दौरान खीचा गया था |
TOIPostOnBeachCleaningDrive | ArchivedLink
चौथी तस्वीर : परिणाम : Tayscreen.com | ArchivedLink
रिवर्स इमेज सर्च के परिणाम में हमें यह तस्वीर हमें ‘Tayscreen’ नामक स्कॉटलैंड की एक मीडिया प्रोडक्शन हाउस के वेबसाइट पर मिली | जब हमने इस वेबसाइट पर उपलब्ध तस्वीर की तुलना उपरोक्त दावे में साझा तस्वीर से की, तो हमने दोनों तस्वीरों को सामान पाया | इस तुलना को आप नीचे देख सकतें हैं |
इसके बाद हमने इस तस्वीर की सत्यता जानने के लिए ‘Tayscreen’ से email द्वारा संपर्क किया, तो जवाब में हमें बताया गया कि, “यह तस्वीर अप्रैल २००५ को स्कॉटलैंड में स्थित फिफे के St. Andrews इलाके में West-Sands नामक समुद्रीतट में ली गयी थी | यह वही जगह है जहां पर UK के राजकुमार विलिअम्स ने यूनिवर्सिटी की पढ़ाई की थी और वे उनकी पत्नी से मिले थे | यह तस्वीर मेरे ही द्वारा UK के ब्रॉडकास्ट खांची गई थी-जूली क्रैक | ”
इस अनुसंधान से यह बात स्पष्ट होती है कि उपरोक्त पोस्ट में साझा तस्वीरों में से अधिकतर तस्वीरों का प्रधानमंत्री के तमिल नाडू दौरे के साथ कोई संबंध नहीं है | अलग-अलग तस्वीरों को एक साथ जोड़कर गलत विवरण के साथ लोगों को भ्रमित करने के उद्देश्य से फैलाया जा रहा है |
जांच का परिणाम : उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा “प्रधानमंत्री द्वारा समुद्रतट से कचरा उठाने की तस्वीर खाचने के लिए नियोजित नाटक किया गया था |” ग़लत है |
Title:ये तस्वीरें असम्बंधित हैं और इन तस्वीरों को प्रधानमंत्री द्वारा महाबलीपुरम तट पर किये सफ़ाई अभियान से जोड़ लोगों को भ्रमित करने की मंशा से फैलाया जा रहा है ।
Fact Check By: Natasha VivianResult: False
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