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देवी-देवताओं की तस्वीरों को जलाने वाला वीडियो पुराना है, इसका CAA/NRC विरोध से कोई संबंध नहीं है ।

नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का कहीं विरोध हो रहा है और कहीं समर्थन । इन विरोध और समर्थन प्रदर्शनों से सम्बंधित सोशल मिडिया पर कई गलत व भ्रामक खबरें भी फैलाई जा रहीं हैं । ऐसे ही एक विरोध प्रदर्शन का वीडियो हमें 2 जनवरी 2020 को फेसबुक पर ‘Pradeepk Mandal द्वारा किये गये एक पोस्ट में मिला, जिसमें हिन्दू देवी देवताओं की तस्वीरों को जलाया जा रहा है । इस पोस्ट के द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि – CAA के विरोध में हिंदू देवी देवताओं की तस्वीरों को जलाया गया ।’ 

क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई ।

सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

यांडेक्स इमेज सर्च की मदद से हमें TV10Kannada द्वारा 11 अगस्त 2018 को Youtube पर अपलोड किया गया वीडियो मिला । इस विडियो के शीर्षक में कन्नड़ में मनुवादियों के खिलाफ़…हिंदू भगवान की तस्वीरों को जलाया ।’ लिखा है ।

TV10Kannada की वेबसाइट पर 11 अगस्त 2018 को प्रकाशित ख़बर के अनुसार 9 अगस्त 2018 को आज़ाद सेना व आरक्षण विरोधी पार्टी ने दिल्ली में संसद भवन के सामने विरोध प्रदर्शन किया था इसी दौरान दो प्रदर्शनकर्ताओं ने संविधान की प्रतियों को जलाया था । उनके इस कृत्य के खिलाफ पूरे देश में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किये गए । कर्नाटक के मैसूर शहर में भी ऐसा एक आंदोलन हुआ, जिसमें दलितों द्वारा अशोकपुरम के बल्लाल सर्कल पर 11 अगस्त 2018 को हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें जलाकर विरोध दर्शाया गया ।

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इस बारे पर अधिक जानकारी के लिये हमने अशोकपुरम पुलिस थाने से संपर्क किया, वहाँ के मुंशी गिरीश जी ने यह वीडियो देखकर पुष्टि करते हुए कहा कि, यह वीडियो अगस्त 2018 को दिल्ली में संविधान की प्रतियाँ जलाने की वजह से दलित समाज द्वारा किये गए विरोध का ही है । यह घटना 11 अगस्त 2018 को बल्लाल सर्किल के पास हुई थी । देवी-देवताओं की तस्वीरों को जलाने के कारण उन हिंसक प्रदर्शनकर्ताओं पर लक्ष्मीपुरम पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया व उनपर कार्यवाही भी की गयी थी ।

इस अनुसंधान से यह बात स्पष्ट होती है कि उपरोक्त पोस्ट में साझा वीडियो का नागरिकता संशोधन अधिनियम से कोई संबंध नहीं है । मैसूर के एक साल पुराने वीडियो को गलत विवरण के साथ फैलाया जा रहा है ।

जांच का परिणाम :  उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा “CAA के विरोध में हिंदू देवी देवताओं की तस्वीरों को जलाया गया ।” ग़लत है ।

Title:देवी-देवताओं की तस्वीरों को जलाने वाला वीडियो पुराना है, इसका CAA/NRC विरोध से कोई संबंध नहीं है ।

Fact Check By: Natasha Vivian

Result: False

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