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आयुष मंत्रालय द्वारा पतंजलि निर्मित कोरोनिल को ६०० रुपये बेचने की स्वीकृति देने की खबर फर्जी है |

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पोस्ट में दावा किया जा रहा है अब ६०० रुपये में कोरोना का इलाज होगा | वायरल पोस्ट में एक पत्र के आधार पर दावा किया जा रहा है कि केंद्रीय आयुष मंत्रालय के तरफ से पतंजलि को कोरोना के इलाज वाली दवा बेचने की अनुमति मिल गई है |

पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “सिर्फ ₹ 600 में कोरोना का इलाज ऐसी खबर आ रही और प्रमाण पत्र भी |”

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक 

२३ जून २०२० को स्वामी रामदेव की दिव्य योग फॉर्मेसी ने कोरोना (वायरस) महामारी की दवा खोज निकाले जाने का दावा करते हुए दिव्य कोरोनिल टैबलेट को लॉन्च किया था | पतंजलि के प्रवक्ता एस.के तिजारावाल ने भी अपनी ट्विटर प्रोफाइल पर इसे साझा किया था |

आर्काइव लिंक 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

जाँच की शुरुवात हमने पतंजलि द्वारा बनायी गयी टेबलेट के बारें में जानकारी प्राप्त करने से की, जिसके परिणाम से हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा प्रकाशित एक खबर मिली जिसके अनुसार पतंजलि ने कोरोनावायरस के इलाज करने वाली दवाई “कोरोनिल” असल में ३० दिन उपयोग करने वाली किट है जिसका मूल्य केवल ५४५ रुपये है | रिपोर्ट के मुताबिक दवा को लॉन्च किए जाने के कुछ ही घंटों बाद आयुष मंत्रालय ने इसके प्रचार-प्रसार पर रोक लगा दी |

इसके बाद आयुष मंत्रालय ने पतंजलि कंपनी से दवा के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी थी | मंत्रालय ने कहा था कि जब तक दवा से जुड़े सभी दावों का परीक्षण नहीं कर लिया जाता है, तब तक विज्ञापन और प्रचार-प्रसार पर लगी रोक जारी रहेगी | इस खबर को कई मीडिया संगठनों ने साझा किया था | 

इसके पश्चात पतंजलि के प्रवक्ता एस.के तिजारावाल ने २४ जून को ट्वीट करते हुए बताया कि मंत्रालय की तरफ से मांगी गई जानकारी उन्हें दे दी गई है और सभी दस्तावेज मंत्रालय को मिल भी गए हैं | उन्होंने आयुष मंत्रालय की तरफ से २४ जून को भेजे गए ई-मेल की कॉपी को ट्वीट किया था | 

इस ई-मेल में लिखा गया है कि मंत्रालय ने जो दस्तावेज मांगे थे, उन्हें पतंजलि ने भेज दिया है और अब इन दस्तावेजों की जांच की जाएगी | पतंजलि के को- फाउंडर आचार्य बालकृष्ण ने भी इस ई-मेल की कॉपी को उनके आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से साझा किया था | 

आर्काइव लिंक

आर्काइव लिंक 

इस ई-मेल की कॉपी के स्क्रीनशॉट को सोशल मीडिया पर आयुष मंत्रालय के मंजूरी पत्र के रूप में फैलाया जा रहा है |  

द हिन्दू द्वारा प्रकाशित खबर के मुताबिक केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने कोरोनिल की बिक्री को मंजूरी दे दी है परंतु इसे कोरोना की दवा के रूप में नहीं, बल्कि इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में ही बेचा जाएगा | आयुष मंत्रालय द्वारा जारी की गयी शर्तो के मुताबिक, इन दवाओं की बिक्री व प्रचार कोरोनावायरस के इलाज की दवा के नाम से नहीं किया जाएगा |

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में इस्तेमाल ईमेल का स्क्रीनशॉट वास्तविकता में आयुष मंत्रालय द्वारा पतंजलि से मांगी गई जानकारी व दस्तावेज मिलने का स्वीकृति ईमेल है, जिसे यह दावा करते हुए फैलाया जा रहा है कि केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने पतंजलि की दवा कोरोनिल को कोरोनावायरस के इलाज करने वाली दवा के नाम से मंजूरी दे दी है | ज्ञात रहे कि कोरोनिल केवल एक इम्युनिटी बूस्टर है ना की कोरोनावायरस का इलाज करने वाली दवा | 

Title:आयुष मंत्रालय द्वारा पतंजलि निर्मित कोरोनिल को ६०० रुपये बेचने की स्वीकृति देने की खबर फर्जी है |

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False

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