२०११ में खाने में पेशाब मिलाती नौकरानी का वीडियो सांप्रदायिक दावे के साथ हुआ वायरल |

Coronavirus False Political

सोशल मीडिया पर कई घटनाओं को सांप्रदायिक रूप देकर लोगों को भ्रमित करने के उद्देश्य से फैलाया जा रहा है | इसी बीच एक बेहद आपत्तिजनक वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए दावा किया जा रहा है कि भोपाल के मुकेश सूरी नामक एक व्यक्ति ने “हसीना” नामक एक मुसलमान नौकरानी को काम पर रखा था परंतू वह अपना थूक और पेशाब मिलाकर खाना बनाती थी | यह वीडियो एक सी.सी.टी.वी फुटेज है |

इस वीडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि “भोपाल में मुकेश सूरी जी ने हसीनानामक मुस्लिम नौकरानी को काम पर रखा और नौकरानी ने अपने अनुसार आचरण करना शुरू कर दिया!! अपने थूक और पेशाब से बना कर खिलाती थी खाना |”

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक

अनुसंधान से पता चलता है कि..

जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो से संबंधित ख़बरों को गूगल पर कीवर्ड्स के माध्यम से ढूँढने से किया, जिसके परिणाम में हमें १८ अक्टूबर २०११ को टाइम्स ऑफ़ इंडिया द्वारा प्रकाशित एक खबर मिली, जिसके अनुसार नौकरानी को पुलिस ने उस भोजन में कथित तौर पर मूत्र मिलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था जिसे उसके इंटीरियर  डिजाइनर मालिक को परोसा जाना था | रिपोर्ट में कहा गया है कि नौकरानी का नाम आशा कौशल था जो ५५ साल की थी |

पुलिस पूछताछ का हवाला देते हुए, रिपोर्ट में कहा गया है कि आशा ने यह काम करने  के कई कारणों का उल्लेख किया, जिसमें उसके मालिक द्वारा उसकी युवा बेटी के प्रति कथित अवांछनीय व्यवहार शामिल है, जिसके लिए वह उसे सबक सिखाना चाहती थी |

उस नौकरनी के मालिक मुकेश सूरी द्वारा शिकायत दर्ज करने के बाद आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 270 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो एक घातक कार्य है, जो संक्रमण या बीमारी फ़ैलाने से संबंधित  है, जो कि जीवन के लिए खतरा है | यह एक  गैर-जमानती अपराध है |

आर्काइव लिंक 

इस घटना पर हमें १८  अक्टूबर, २०११ को “जागरण” द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट भी मिली, इस लेख में भी नौकरानी का नाम आशा कौशल बताया गया है |

फैक्ट क्रेसेंडो ने भोपाल (जोन १) के ए.एस.पी रजत सकलेचा से संपर्क किया, उन्होंने हमें बताया कि “इस घटना के साथ संप्रदायिकता का कोई संबंध नही है | यह वीडियो २०११ का है और इस मामले में केस बेग सेवनिया पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था | यह महिला हिन्दू समुदाय से थी | सोशल मीडिया पर एक पुराने और आपत्तिजनक वीडियो को गलत तरीके के सांप्रदायिक रंग देते हुए फैलाया जा रहा है |” 

निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो लगभग ९ साल पुरानी घटना का है , मौजूदा वक़्त में जहाँ एक और एक विशिष्ठ समुदाय के लोगों के खिलाफ कई गलत व भ्रामक पोस्ट सोशल मंचो पर काफी प्रचलित हैं वहीँ उस समुदाय को इस कृत से जोड़ सांप्रदायिक द्वेष फैलाना सरासर निंदनीय है, उक्त घटना का संप्रदायिकता से कोई संबंध नही है | वीडियो में दिखाई गयी नौकरानी का नाम “हसीना” नहीं बल्कि आशा कौशल है |

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Title:२०११ में खाने में पेशाब मिलाती नौकरानी का वीडियो सांप्रदायिक दावे के साथ हुआ वायरल |

Fact Check By: Aavya Ray 

Result: False