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वीडियो का उत्तर प्रदेश बॉर्डर या प्रवासी मजदूरों से कोई सम्बन्ध नहीं है|

सैकड़ों प्रवासी कामगार कोरोनावायरस लॉकडाउन के बीच अपने गृह राज्यों तक पहुंचने के लिए राजमार्गों पर अलग अलग साधनों से लंबी दूरी तय कर रहे हैं , लॉकडाउन के अपने तीसरे चरण में, कई राज्यों ने व्यापार और वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध को कम कर दिया है | इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो को साझा करते हुए दावा किया जा रहा है कि किस तरह उत्तर प्रदेश के बॉर्डर में लोग सामाजिक दुरी के नियमों का उल्लंघन कर रहे है | इस वीडियो में हज़ारों लोगों को एक जगह इकठ्ठा हुये देखा जा सकता है साथ ही हम पुलिस बल को भी इस भीड़ को नियंत्रण में लाने के कोशिश में लाठी चार्ज करते हुए देख सकते है |

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक 

अनुसंधान से पता चलता है कि..

जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो को इन्विड टूल की मदद से यांडेक्स रिवर्स इमेज सर्च करने से किया, जिसके परिणाम में हमें यह वीडियो यूट्यूब पर अक्टूबर २०१९ से उपलब्ध मिला | वीडियो के अनुसार, वीडियो उत्तर प्रदेश के फैजाबाद में प्रादेशिक सेना (टेरीटोरियल आर्मी) द्वारा आयोजित भर्ती अभियान के लिए उमड़ी भारी भीड़ को दर्शाता है | १५ अक्टूबर २०१९ को अपलोड किये गये इस वीडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि “फैजाबाद ता सेना रैली भारती 2019” |

इसके पश्चात यूट्यूब पर “फैजाबाद” “सेना भर्ती” जैसे कीवर्ड्स को सर्च करने पर हमें इसी घटना का एक दूसरा वीडियो प्राप्त हुआ जिसे अलग एंगल से रिकॉर्ड किया गया है |

इस घटना के बारें में अधिक जानकारी ढूँढने पर हमें पता चला कि उम्मीदवारों की एक बड़ी संख्या अक्टूबर २०१९ में आयोजित प्रादेशिक सेना भर्ती ड्राइव के लिए फैजाबाद पहुंची थी, जिसके चलते पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने से लिए बल प्रयोग करना पड़ा | हमें अक्टूबर में भर्ती अभियान के दौरान हुई बर्बरता की घटना पर एक वीडियो रिपोर्ट भी प्राप्त हुई |

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो उत्तर प्रदेश बॉर्डर में सामाजिक दुरी के नियमों का उल्लंघन या फिर प्रवासी मजदूरों का नहीं है, बल्कि यह वीडियो कोरोनावायरस के प्रकोप से पहले का है | यह वीडियो उत्तर प्रदेश के फैजाबाद में प्रादेशिक सेना द्वारा आयोजित भर्ती अभियान के लिए इकठ्ठा हुई भीड़ का है | इस वीडियो का कोरोनावायरस, लॉक डाउन या प्रवासी मजदूरों से कोई संबंध नही है |

Title:वीडियो का उत्तर प्रदेश बॉर्डर या प्रवासी मजदूरों से कोई सम्बन्ध नहीं है|

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False

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