८ अगस्त २०१९ को फेसबुक के ‘Aam Press’ नामक एक पेज पर एक पोस्ट साझा किया गया है | पोस्ट में चार तस्वीरें साझा की गई है | एक तस्वीर में कश्मीरी महिला का हाथ पकडे एक बालक जवानों के साथ खेलते हुए दिखाई दे रहा है | दूसरी तस्वीर में एक परिवार जवान की तरफ देखकर ख़ुशी का इजहार करते हुए दिखाई दे रहा है | तीसरी तस्वीर में सड़क पर कुछ लड़के एक जवान की निगरानी में क्रिकेट खेलते हुए दिखाई देते है | चौथी तस्वीर में एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति जवान से मिठाई लेते हुए दिखाई देता है |
पोस्ट के विवरण में लिखा गया है कि,
धारा 370 हटने के बाद हमारे कश्मीरी भाई बहनो मे खुशी की लहर
इस पोस्ट व्दारा किया यह दावा किया जा रहा है कि, यह तस्वीरें हाल ही में राष्ट्रपति द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद ३७० हटाये जाने के बाद वहां की जनता में दौड़ पड़ी ख़ुशी की लहर बयान करती है | घाटी में अभी भी तनाव की ख़बरें आ रही है, और ऐसी कोई तस्वीर किसी समाचार पत्र द्वारा प्रकाशित नहीं की गई है, ना ही किसी समाचार चैनल ने दिखाई है | तो आइये जानते है इस पोस्ट व दावे की सच्चाई |
मूल पोस्ट यहाँ देखें – ‘Aam Press’ | ARCHIVE POST
संशोधन से पता चलता है कि…
सबसे पहले हमने पोस्ट में साझा तस्वीरों को रिवर्स इमेज सर्च किया, तो हमें सभी तस्वीरों का सच पता चला | पहली तस्वीर के गूगल सर्च परिणाम से हमें ट्वीटर का एक लिंक मिला | आदित्य राज कौल के आधिकारिक अकाउंट से यह ट्वीट १० जून २०१७ को किया गया था | यह ट्वीट आप नीचे देख सकते है |
इससे यह बात साबित हो जाती है कि, अगर यह तस्वीर सोशल मीडिया में २०१७ से साझा की गई थी, तो वह अनुच्छेद ३७० रद्द करने के बाद की नहीं हो सकती |
अब हमने दूसरी तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया | गूगल सर्च परिणाम से हमें यह तस्वीर rediff.com वेबसाइट पर मिली | ३ नवम्बर २०११ को rediff द्वारा प्रसारित एक लेख में इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था |
लेख यहाँ पढ़े – rediff.com | ARCHIVE REDIFF
इससे यह बात साबित हो जाती है कि, अगर यह तस्वीर २०११ में प्रसारित की गई थी, तो वह अनुच्छेद ३७० रद्द करने के बाद की नहीं हो सकती |
इसके बाद हमने तीसरी तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया | यह तस्वीर हमें एक बांग्ला समाचार वेबसाइट banglahunt.com द्वारा घाटी की अन्य तस्वीरों के साथ प्रसारित की गई मिली | लेकिन तस्वीरों का कोई कैप्शन नहीं दिया गया है और ना ही किसी फोटो को क्रेडिट | इसके अलावा हमें यह तस्वीर पब्लिक डोमेन में कहीं भी दिखाई नहीं दी |
पूरी खबर यहाँ देखें – banglahunt.com | ARCHIVE NEWS
साथ ही यह भी बात गौर करने लायक है कि, यह तस्वीर घाटी के मौजूदा सुरक्षा इंतजामात की बाकि तस्वीरों से मेल नहीं खाती है | समाचार चैनलों पर या अख़बारों में वर्तमान में जो तस्वीरें पेश की जा रही है, उनमे बड़ी संख्या में जवान दिखाई देते है | लेकिन इस तस्वीर में एक ही जवान दिखाई देता है, जिससे इस तस्वीर के ३७० हटाने के बाद की होने पर शक होता है |
इसके बाद हमने चौथी तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया | यह तस्वीर हमें ‘इंडिया टुडे’ द्वारा २६ जून २०१७ को प्रसारित एक खबर में इस्तेमाल की गई मिली |
पूरी खबर यहाँ पढ़ें – ‘इंडिया टुडे’ | ARCHIVE NEWS
यह तस्वीर वास्तव में भारतीय जवानों द्वारा २०१७ में ईद के मौके पर कश्मीरी जनता को मिठाई बांटे जाने की है | इससे यह बात साबित हो जाती है कि, यह तस्वीर ३७० रद्द करने के बाद की नहीं हो सकती |
अतः इस संशोधन से यह पुख्ता तौर पर स्पष्ट होता है कि, उपरोक्त पोस्ट के साथ साझा की गई सभी तस्वीरें जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद ३७० रद्द करने के बाद की नहीं है | भ्रम पैदा करने के लिये पुरानी तस्वीरें इस्तेमाल कर अलग ही दावे के साथ साझा की गई है |
जांच का परिणाम : इस संशोधन से यह स्पष्ट होता है कि, उपरोक्त पोस्ट में साझा तस्वीरों के साथ किया गया दावा कि, “धारा 370 हटने के बाद हमारे कश्मीरी भाई बहनो मे खुशी की लहर |” सरासर गलत है | पोस्ट में साझा तस्वीरें पुरानी है और पोस्ट में किये गए दावे के साथ सम्बंधित नहीं है |
Title:क्या यह तस्वीरें जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद ३७० हटाने के बाद कश्मीरी जनता द्वारा ख़ुशी मनाये जाने की है ?
Fact Check By: R PillaiResult: False
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