३० जनवरी, २०२० को दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के २१ वर्षीय मास कम्युनिकेशन के छात्र शादाब फारूक नाजर को एक सशस्त्र कथित नाबालिग द्वारा नागरिक विरोधी संशोधन अधिनियम (सीएए), २०१९ के विरोध करने के कारण विश्वविद्यालय के सामने गोली मारकर घायल कर दिया गया था |
उसी दिन, समाचार एजेंसी A.N.I ने एक सी.बी.एस.ई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) की अखिल भारतीय वरिष्ठ माध्यमिक परीक्षा (ए.आई.एस.एस.ई) मार्कशीट को ट्वीट करते हुए कहा, “दिल्ली: कथित रूप से नाबालिग बंदूकधारी की सी.बी.एस.ई मार्कशीट है जिसने आज जामिया क्षेत्र में खुले में गोलीबारी की | इस घटना में एक छात्र घायल हुआ |” मार्कशीट के अनुसार, शूटर की जन्म तिथि ८ अप्रैल, २००२ है और इसलिए वह नाबालिग है |
ए.एन.आई ने जो मार्कशीट ट्वीट की उसमें छात्र का नाम, उसका रोल नंबर, माता-पिता का नाम धुंधला था, ताकि कानून के अनुसार नाबालिग की पहचान उजागर न हो | जब से ए.एन.आई ने मार्कशीट निकाली, तब से कई ट्विटर यूजर्स ने इसकी सत्यता पर संदेह जताया है | कुछ ट्विटर उपयोगकर्तायों ने ट्वीट किया कि सी.बी.एस.ई की वेबसाइट के अनुसार, स्कूल में कक्षा IX और X में कोई भी नामांकित छात्र नहीं है | साथ ही यह भी दावा किया गया है कि ANI द्वार प्रकाशित मार्कशीट नकली है क्योंकि सीबीएसई की वेबसाइट के अनुसार इस स्कूल का सीबीएसई बोर्ड के साथ संबद्धता भी नहीं है |
तो क्या ANI ने नाबालिग शूटर की फर्जी मार्कशीट दिखाई?
जी नही |
फैक्ट क्रेस्सन्डो को रायटर्स के पत्रकार देवज्योत घोषाल द्वारा एक ट्वीट मिला, जहाँ इस बच्चे के नाबालिग होने के सत्यता पर ट्विटर उपयोगकर्ता द्वारा सवाल का जवाब देते हुए रायटर्स के पत्रकार देवज्योत घोषाल ने कहा कि “स्कूल अधिकारियों ने पुष्टि की कि यह मार्कशीट वैध है |” पत्रकार देवज्योत घोषाल ने ३१ जनवरी २०२० को एक विस्तृत रिपोर्ट लिखी है जिसे आप यहाँ पढ़ सकते है |
आर्काइव लिंक
इसके पश्चात फैक्ट क्रेस्सन्डो ने CBSE बोर्ड के मीडिया PR हेड रमा शर्मा से संपर्क किया उन्होंने हमें बताया कि “सत्यापन के लिए बोर्ड को संदर्भित मार्कशीट *नाबालिग छात्र का नाम* छात्र उम्मीदवार को जारी की गई है | जैसा कि स्कूल कोड के बारे में सवाल उठाया गया है – वर्ष 2019-20 से, सीबीएसई के अब १६ क्षेत्रीय कार्यालय हैं और तदनुसार स्कूल कोड में बदलाव किया गया है | स्कूल आज (७ फ़रवरी २०२०) को बोर्ड से संबद्ध है |”
इससे यह स्पष्ट है कि मार्कशीट में उल्लेखित “जेवर पब्लिक स्कूल” अज भी CBSE बोर्ड से संबद्ध है |
तद्पश्चात फैक्ट क्रेस्सन्डो ने जेवर पब्लिक स्कूल के मैनेजर और फिजिक्स टीचर नरेंद्र शर्मा से संपर्क किया, उन्होंने हमें बताया कि यह मार्कशीट १०० प्रतिशत प्रामाणिक है और सम्बंधित छात्र की ही है | साथ ही उन्होंने हमें यह भी बताया कि स्कूल कोड पर किये गये सवाल निराधार है, जेवर पब्लिक स्कूल पहले देहरादून में आता था परंतु CBSE के क्षेत्रीय कार्यालय खुलने के बाद यह स्कूल नॉएडा के भीतर आता है | क्योंकि स्कूल कोड एक यूनिक आई.डी है, इसीलिए नॉएडा के क्षेत्र में स्कूल का कोड बदल चूका है | जेवर पब्लिक स्कूल CBSE बोर्ड से संबद्ध है |
इसके पश्चात हम जेवर पब्लिक स्कूल के आधिकारिक वेबसाइट पर गये जहाँ CBSE बोर्ड का ऐफीलिएशन नंबर- 2132092 मिला | इस नंबर को सीबीएसई के वेबसाइट पर ढूँढने पर हमें पता चला की यह स्कूल CBSE बोर्ड के वेबसाइट पर भी उपलब्ध है |
निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर इस नाबालिग बच्चे की मार्कशीट को लेकर किये गये दावे गलत है |
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