१० मई २०१९ को फेसबुक के ‘Rangrez Ki Awaz News’ नामक पेज पर एक पोस्ट साझा किया है | पोस्ट में एक तस्वीर साझा की गई है | तस्वीर में एक शिक्षित युवक रिक्शा चला रहा है | रिक्शा में एक वृद्ध जोड़ा बैठा है तथा वृद्धा के सर पर पदवीदान के बाद छात्र को पहनाई जाने वाली टोपी है | वृद्ध के बदन पर पदवीदान के समय छात्र को पहनाया जाने वाला ड्रेस है | पोस्ट के विवरण में लिखा है-
रिक्शा चालक का बेटा इकराम खान बना आईएएस ऑफिसर बाप और मां को बिठा के शहर में घुमाया
क्या सच में ऐसा है? आइये जानते है इस दावे की सच्चाई |
संशोधन से पता चलता है कि…
हमने सबसे पहले पोस्ट में साझा तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया | ‘TeenEye’ सर्च से हमें एक ट्वीट मिला, जो आप नीचे देख सकते है |
Anshul Pal द्वारा यह ट्वीट इसी तस्वीर के साथ साझा दुसरे दावे के सन्दर्भ में किया गया था | उपर के ट्वीट में लिखा है कि, यह एक अभियांत्रिकी स्नातक है, जिसने डिग्री मिलने के बाद अपने रिक्शाचालक पिता व माता को घर तक खुद रिक्शा चलाकर पहुँचाया | इस ट्वीट में सुधार करते हुए अंशुल पाल ने अपने ट्वीट में लिखा है कि, एक सुधार है | इस लड़के का नाम वली उल्लाह है और वह एक किसान का बेटा है | ढाका यूनिवर्सिटी से एकाउंटेंसी में स्नातक पदवी लेने का बाद उसने अपने माता-पिता को खुद रिक्शा चलाकर घर पहुँचाया |
यह ट्वीट पढने के बाद हमने वली उल्लाह के नाम से गूगल किया | हमें ७ अक्तूबर २०१८ को ‘Daily Sun’ द्वारा प्रसारित एक खबर मिली, जिसमे ढाका यूनिवर्सिटी के पदवीदान का वर्णन है | उसमे भी उपरोक्त तस्वीर के साथ इस बात का उल्लेख है कि, इस छात्र का नाम वली उल्लाह है |
इसके बाद हमने फेसबुक पर वली उल्लाह के नाम से सर्च किया तो हमें ‘Karvaan India’ का एक पोस्ट मिला |
इस पोस्ट में भी स्पष्ट तौर पर लिखा है कि, वली उल्लाह ढाका यूनिवर्सिटी का छात्र है | पोस्ट में बांग्ला से इंग्लिश में भाषांतरित टेक्स्ट भी है, जिसमे उल्लाह ने पदवी मिलने के बाद अपनी भावना शब्दों में व्यक्त की है |
इसके बाद हमने वली उल्लाह के मूल फेसबुक पोस्ट को ढूंढा |
वली उल्लाह को जब इस बात का पता चला कि, उसकी पोस्ट की तस्वीर को गलत विवरण के साथ पोस्ट किया जा रहा है, तब उसने और एक पोस्ट साझा किया था, जिसमे उसने कहा था की वह एक किसान का बेटा है, ना की रिक्शाचालक का |
इस संशोधन से यह स्पष्ट होता है कि, उपरोक्त पोस्ट में साझा तस्वीर भारत की नहीं है | तस्वीर में रिक्शा चला रहे युवक का नाम वली उल्लाह है और वह ढाका यूनिवर्सिटी का अकाउंटेंट स्नातक है, ना की आईएएस |
जांच का परिणाम : इस संशोधन से यह स्पष्ट होता है कि, उपरोक्त पोस्ट में साझा फोटो के साथ किया गया दावा कि, “रिक्शा चालक का बेटा इकराम खान बना आईएएस ऑफिसर बाप और मां को बिठा के शहर में घुमाया ।” बिलकुल गलत है | युवक का नाम वली उल्लाह है और वह ढाका यूनिवर्सिटी का अकाउंटेंट स्नातक है |
Title:क्या एक रिक्शाचालक का बेटा इकराम खान आईएएस अफसर बना ?
Fact Check By: Rajesh PillewarResult: False
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