२५ नवम्बर २०१९ को फेसबुक पर ‘अरविंद सिंह राष्ट्र्रक्षक’ द्वारा किये गये एक पोस्ट में तीन तस्वीरें साझा की गयी है | पोस्ट के विवरण में लिखा है कि, “जब देश संकट में होता है तब क्या हालात होते है यह सीरिया से आई इस तस्वीर को देखकर बखूबी एहसास किया जा सकता है । बेहद अफसोस है कि देश में कुछ लोग अपने निहित स्वार्थो को पूरा करने के लिए असहिष्णुता के नाम पर शांत लोगो को अशांत कर देश को अस्थिर और खंडित करने का कुत्सित प्रयास कर रहे है । ऐसे लोग भूल रहे है कि जब ” आग लगती है तो वह यह नहीं देखती की उसमे कौन जल रहा है ” तात्कालिक लाभ आप जरूर ले लेंगे लेकिन कल आप भी अपने ही द्वारा लगाईं गई या भड़काई गई आग में जरूर झुलसेंगे | जागो हिंदू जागो अभी नहीं तो कभी नहीं ( देशहित सर्वोपरि ) |” इस पोस्ट में यह दावा किया जा रहा है कि – ‘यह तस्वीरें सीरिया की है, जहां जंग के चलते लोग अपनी जान बचाने के लिए भाग रहें है |’ क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |
सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:
अनुसंधान से पता चलता है कि…
हमने सबसे पहले साझा तस्वीरों को यांडेक्स इमेज सर्च में ढूंढा, तो हमें Izismile.com नामक एक वेबसाइट पर ये तस्वीरें मिली| इस तस्वीर के शीर्षक में ऐतिहासिक तस्वीरें के साथ विवरण में लिखा था ‘८ अगस्त १९९१ को बारी के इतालवी बंदरगाह में मालवाहक जहाज वलोरा से अल्बानियाई शरणार्थी |’
इसके बाद हमने गूगल पर ‘Albanians on port Bari, Italy, 1991’ कीवर्ड्स से ढूंढा, तो हमें व्लोरा नामक एक मालवाहक जहाज के बारे में जानकारी मिली | यह जहाज सबसे ज़्यादा विख्यात १९९१ में हुआ, जब इस जहाज में लगभग १५,००० अल्बानियाई शरणार्थीयों को ८ अगस्त १९९१ के दिन इटली के पोर्ट बारी में लाया गया था |
इसके अलावा हमें Historydaily.org नामक एक ऐतीहासिक घटनाओं पर जानकारी एकत्रित करने वाली एक वेबसाइट मिली | इस वेबसाइट पर ९ जनवरी २०१७ को प्रकाशित ख़बर के अनुसार जब ८ अगस्त १९९१ को इटली के पोर्ट बारी में लगभग १५,००० अल्बानियाई शरणार्थी व्लोरा नामक एक मालवाहक जहाज में आये थे, उस वक़्त की दुर्लभ तस्वीरें प्रकाशित की गयी है | हमें Historydaily.org पर प्रकाशित तस्वीरों व उपरोक्त पोस्ट में साझा तस्वीरों में हुबहू समानता मिली| पूरी ख़बर को पढने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें |
Historydaily.orgPost | ArchivedLink
इसके अलावा हमें ३ नवम्बर २०१५ को Demographymatters.blogspot.com नामक एक वेबसाइट पर ऐसी ही एक खबर मिली, जिसके मुताबिक़ १९९१ की इटली की इन तस्वीरों को सीरिया के नाम से फैलाया जा रहा था, ख़बर में लेखक ने १५ सितम्बर २०१५ को Observers.france24 द्वारा किये गए फैक्ट-चेक का भी सन्दर्भ दिया था | पूरी ख़बर पढने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें |
DemographymattersPost | ArchivedLink | Observers.france24Post | ArchivedLink |
इस अनुसंधान से यह बात स्पष्ट होती है कि उपरोक्त पोस्ट में साझा तस्वीरें १९९१ से इटली के पोर्ट बारी की है व सीरिया से इन तस्वीरों का कोई संबंध नहीं है | इन तस्वीरों को गलत विवरण के साथ फैलाया जा रहा है |
जांच का परिणाम : उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा “यह तस्वीरें सीरिया की है, जहां जंग के चलते लोग अपनी जान बचाने के लिए भाग रहें है |” ग़लत है |
Title:ये तस्वीरें १९९१ से अल्बानियाई शरणार्थियों की हैं जब वे इटली के पोर्ट बारी बंदरगाह पर पहुंचे थे |
Fact Check By: Natasha VivianResult: False
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