ये तस्वीरें २०१४ व २०१७ से हैं, और ये वर्तमान गाज़ा बमबारी से कोई सम्बन्ध नहीं रखती |

False International Social

१७ नवम्बर २०१९ को फेसबुक पर ‘Shailendra Kumar Sharma द्वारा की गई एक पोस्ट में एक तस्वीर साझा की गयी है | पोस्ट के विवरण में लिखा है कि, “गाजा पट्टी में इजराइली सेना की बमबारी मासूम बच्चों के साथ मानवता के खिलाफ अपराध कर रही है |” 

इसके अलावा हमें २४ नवम्बर २०१९ को ‘Jai Phulle Jai Bhim’ द्वारा की गई एक पोस्ट में सामान तरीके की तस्वीर साझा की गयी मिली, जिसके विवरण में लिखा है कि, “फिलिस्तीनी लड़की की यह तस्वीर, “गाजा” शहर की है। जो दुनिया की सबसे प्रभावशाली तस्वीर है, में अपने घर पर बमबारी के बाद उसे अपनी किताबें एकत्रित करते हुए दिखाया गया है |” 

इन पोस्ट में यह दावा किया गया है कि – ‘यह वर्तमान में गाज़ा पर हुई बमबारी में आहत बच्चों की तस्वीरें है |’ 

यह तस्वीरें काफ़ी वाइरल हो रही है | क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |

सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:

FacebookPost | ArchivedLink

FacebookPost | ArchivedLink

अनुसंधान से पता चलता है कि…

वर्तमान में इस्राइली सेना द्वारा फिलिस्तीन में फिर से बमबारी की जा रही है | इस बमबारी के वजह से कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वाइरल हो रही है, ऐसी ही कुछ तस्वीरों को हमने काफ़ी वाइरल होता पाया | हमने इन तस्वीरों को गूगल रिवर्स इमेज सर्च व यांडेक्स इमेज सर्च में ढूंढा | हमें मिले परिणाम आप नीचे देख सकतें हैं |

पहली तस्वीर : गूगल रिवर्स इमेज सर्च : Russian.rt.com : ArchivedLink

यह तस्वीर हमें Russian.rt.com नामक एक वेबसाइट पर ६ अगस्त २०१४ को प्रकाशित मिली | इस ख़बर के अनुसार सीरिया मे २०१४ के युद्ध के दौरान कई बच्चे आहत व बेघर हुए थे | यह तस्वीर उसी वक़्त सीरिया की राजधानी डमस्कस के दौमा इलाकी में एक अस्पताल में आहत बच्चे के इलाज के दौरान ली गयी थी | इसके अलावा यह ख़बर प्रोथोमालो नामक एक समाचार वेबसाइट पर भी ४ अगस्त २०१४ को प्रकाशित मिली |

ProthomAlo.comPost | ArchivedLink

दूसरी तस्वीर : यांडेक्स इमेज सर्च : Mynewsdesk.com : ArchivedLink

हमें यह तस्वीर Mynewsdesk.com नामक एक वेबसाइट पर ११ जून २०१७ को प्रकाशित मिली | इस ख़बर के अनुसार २०१७ में काबुल में हुए आतंकी हमले में हज़र नामक एक बालक जिसे इरान से निर्वासित किया गया था, इस आतंकी हमले में मारा गया था| इस ख़बर में हमें उपरोक्त दावे में साझा तस्वीर प्रकाशित मिली | इसके अलावा यह ख़बर Forumgozde नामक एक वेबसाइट पर भी ३१ अक्टूबर २०१७ को प्रकाशित मिली | इस ख़बर को पूरा पढने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें |

ForumgozdePost | ArchivedLink

इस अनुसंधान से यह बात स्पष्ट होती है कि उपरोक्त पोस्ट में साझा तस्वीरों का वर्तमान में गाज़ा हमले के साथ कोई संबंध नहीं है | सीरिया व काबुल की पुरानी तस्वीरें को गलत विवरण के साथ वर्तमान में गाज़ा का बताकर लोगों को भ्रमित करने के उद्देश्य से फैलाया जा रहा है |

जांच का परिणाम :  उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा “यह वर्तमान में गाज़ा पर हुई बमबारी में आहत बच्चों की तस्वीरें हैं |” ग़लत है |

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Title:ये तस्वीरें २०१४ व २०१७ से हैं, और ये वर्तमान गाज़ा बमबारी से कोई सम्बन्ध नहीं रखती |

Fact Check By: Natasha Vivian 

Result: False