१६ अक्टूबर २०१९ को फेसबुक पर ‘Shabab Alam’ द्वारा किये गये एक पोस्ट में एक तस्वीर साझा की गयी है, जिसमें एक बैंक की पासबुक दर्शाया गयी है | पोस्ट के विवरण में लिखा है कि, “ HDFC bank ने अब पास बुक पर stamp के माध्यम से लिखना आरंभ कर दिया है कि बैंक के दिवालिया होने की परिस्थिति में केवल एक लाख रुपये का भुगतान किया जायेगा |” इस पोस्ट में यह दावा किया जा रहा है कि – ‘HDFC बैंक द्वारा घोषित किया जा रहा है की अगर बैंक दिवालिया हो गया तो बैंक के खाताधारकों को सिर्फ़ एक लाख रुपये का हर्जाना मिलेगा |’ क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |
सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:
अनुसंधान से पता चलता है कि…
उपरोक्त दावा के बारे में जांच करते वक़्त हमें फेसबुक पर एक और सामान पोस्ट मिला, जिसमें उपरोक्त तस्वीर के साथ HDFC बैंक द्वारा जारी एक स्पष्टीकरण पत्र भी मिला | यह पोस्ट ‘Rajesh Kumar’ नामक एक यूजर द्वारा ११ अक्टूबर २०१९ को डाली गयी थी और इसमें १७ अक्टूबर २०१९ को बैंक का स्पष्टीकरण पत्र जोड़ा गया था |
इसके बाद हमने गूगल पर ‘HDFC Head of Corporate Communication’ कीवर्ड्स से ढूंढा, तो हमें नीरज झा का नाम मिला |
इसी अनुसंधान में हमें नीरज झा का आधिकारिक ट्विटर का अकाउंट भी मिला |
नीरज झा के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट में १६ अक्टूबर, १७ अक्टूबर व १८ अक्टूबर २०१९ को इस दावा को खारिज करते हुए कहा कि, यह सूचना २०१७ को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, सभी लघु वित्त बैंक व पेमेंट बैंक के deposit insurance cover के लिए जारी की गयी थी और वर्तमान में इसे गलत दावे के साथ लोगों को भ्रमित करने के लिए फैलाया जा रहा है |
इस स्पष्टीकरण के साथ नीरज ने RBI द्वारा २२ जून २०१७ को जारी की गयी सूचना को साझा किया था |
इसके बाद हमने HDFC Bank Ltd के Head, (Corporate Communication) नीरज झा से संपर्क किया | इस दावा के बारे में पूछने पर हमें बताया गया कि, “हालही में PMC बैंक की घटना के बाद लोग काफ़ी परेशान है और हम यह समझ सकतें हैं | सोशल मीडिया पर वाइरल होने वाली पासबुक की तस्वीर पुरानी है | DICGC १९६१ से कार्यात्मक है | DICGC द्वारा जमा राशि की बीमा रकम (एक लाख रुपये) का नियम बहुत पुराना नियम है और २२ जून २०१७ को RBI ने यह अनिवार्य नियम सभी बैंकों के लिए लागू किया था कि बैंक के खाते की पासबुक में यह नियम लिखा होना चाहिए और सभी लोगों को इसके बारे में पता रहना चाहिए | तो हमें RBI द्वारा लागू नियम के चलते २०१७ के पहले के जितने खाते थे, सब के पासबुक में इस नियम का सिक्का लगाना पड़ा था | २०१७ के बाद के जितने खाते हैं, उन में यह नियम डिजिटली प्रिंटेड रहता है | यह नियम सभी बैंक के लिए लागू किया गया था | इस तस्वीर को गलत तरीके से वर्तमान की घटनाओं के साथ जोड़कर लोगों में भ्रम और डर पैदा करने की कोशिश की जा रही है | हम आपके पाठकों से यह निवेदन करतें हैं कि बैंक या RBI द्वारा जारी नियमों को पढ़कर, समझने की कोशिश करें | इस प्रकार के गुमराह करने वाले विवरण पर यकीन ना करें | यह घटनाएँ भ्रम पैदा करने के उद्देश्य से फैलाई जा रही है |”
इस अनुसंधान से यह बात स्पष्ट होती है कि उपरोक्त पोस्ट में साझा तस्वीर २०१७ के RBI द्वारा जारी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, सभी लघु वित्त बैंक व पेमेंट बैंक के deposit insurance cover(जमा राशि की बीमा) के सम्बन्ध में जारी किया गया था और वर्तमान स्थिति में इस नियम को गलत विवरण के साथ लोगों को भ्रमित करने के उद्देश्य से फैलाया जा रहा है |
जांच का परिणाम : उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा “HDFC बैंक द्वारा अपनी पासबुक पर ये छापा जा रहा है की अगर बैंक बंद पड़ गया तो सिर्फ़ एक लाख रुपये का हर्जाना मिलेगा |” गलत है जबकि ये नियम DICGC द्वारा जमा राशि की बीमा रकम (एक लाख रुपये) का बहुत पुराना नियम है और २२ जून २०१७ को RBI ने यह अनिवार्य नियम सभी बैंकों के लिए लागू किया था कि बैंक के खाते की पासबुक में यह नियम लिखा होना चाहिए|
Title:२०१७ को RBI द्वारा जारी ‘Deposit Insurance Cover’ की सूचना को वर्तमान में बैंक की सूचना का बताकर फैलाया जा रहा है |
Fact Check By: Natasha VivianResult: Mixture
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