
२ मार्च २०१९ को फेसबुक पर ‘ठाकुर जितेन्द्र पटवाल’ नामक एक यूजर द्वारा साझा की गई यह पोस्ट बहुत ज्यादा चर्चा में है | पोस्ट में एक फोटो साझा किया है जिसमे सड़क किनारे एक आदमी पड़ा हुआ दिखता है और सड़क से कारों का कोई काफिला गुजरता नजर आता है | सड़क के दोनों तरफ कुछ लोग खड़े हुए दिखाई देते है | पोस्ट के टेक्स्ट में लिखा गया है की – ‘सड़क दुर्घटना के बाद तड़पते युवक को किनारे कर आगे निकला अमित शाह का काफिला!’ फैक्ट चेक किये जाने तक इस पोस्ट को ३६ हजार से ज्यादा प्रतिक्रियाएं मिल चुकी थी | आइये जानते है इसकी सच्चाई |
दुसरे सोशल प्लेटफ़ॉर्म पर ढूंढने से हमें ट्वीटर पर इस सन्दर्भ में कुछ ट्वीट भी मिले |
संशोधन से पता चलता है कि…
सबसे पहले हमने इस पोस्ट के फोटो का स्क्रीन शॉट लेकर गूगल तथा यांडेक्स रिवर्स इमेज सर्च किया | हमें जो सर्च रिजल्ट्स मिले वह आप नीचे देख सकते है |
सर्च से हमें यह पता चलता है की यह फोटो सही है व इस तरह की घटना वाकई में हुई थी | मगर जो काफिला है वह बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह का नहीं है, बल्कि तेलंगाना के मंत्री आदिवासी कल्याण मंत्री अजमीरा चंदुलाल इनका था तथा यह घटना दिसम्बर २०१६ में हुई थी |
इस घटना की ख़बरें कई समाचार पत्रों ने कवर की थी व उस समय यह मामला काफी गरमाया था | सबसे पहले हिंदुस्तान टाइम्स ने यह खबर दी थी |
इसके बाद एक ट्वीट भी हिंदुस्तान टाइम्स ने किया था, जो आप नीचे देख सकते है |
इसके पश्चात् india times ने यह खबर दी थी |
समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस ने भी यह खबर प्रकाशित की थी |
इसके अलावा thenewsminutes इस समाचार वेबसाइट पर भी यह खबर प्रकाशित हुई थी |
समाचार वेबसाइट enewsworld ने इस घटना का एक विडियो भी अपनी खबर में दिया था | यह विडियो आप नीचे देख सकते है |
जांच का परिणाम : इस संशोधन से यह स्पष्ट होता है कि, उपरोक्त पोस्ट में किया गया दावा की ‘सड़क दुर्घटना के बाद तड़पते युवक को किनारे कर आगे निकला अमित शाह का काफिला!’, सरासर गलत है | यह खबर २०१६ की है तथा काफिला अमित शाह का नहीं था | तेलंगाना के मंत्री आदिवासी कल्याण मंत्री अजमीरा चंदुलाल इनका यह काफिला था, तथा यह घटना घटी थी |

Title:क्या ‘सड़क दुर्घटना के बाद तड़पते युवक को किनारे कर आगे निकला अमित शाह का काफिला?
Fact Check By: Rajesh PillewarResult: False
