सोशल मीडिया पर कोरोनावायरस से संबंधित गलत वीडियो और तस्वीरों की संख्यांयें लगातार बढ़ती ही जा रहीं है | इसी बीच एक वाइरल वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है, इस वीडियो को फैलाते हुए दावा किया जा रहा है कि लोग सड़क पर पैसे और नोटों को फेंककर कोरोनावायारस का संक्रमण फ़ैलाने की कोशिश कर रहे है | वीडियो में हम पुलिसकर्मियों को सड़क पर पड़े हुए नोटों को उठाते हुये देख सकतें हैं, इस वीडियो में दावा किया गया है कि गिरे हुये नोटों से कोरोनोवायरस फैलाने की साजिश की जा रही है |
वीडियो में पुलिसकर्मियों को दस्ताने और लाठी का उपयोग करते हुए नोट उठाते और प्लास्टिक की थैली में इकट्ठा करते हुए देखा जा सकता है, जबकि कुछ लोग उन्हें घेर कर खड़े हैं |
पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “सिंगल सोर्स वायरस को फैलाने के लिए कई नवीन तरीके खोजता है | थूक लगाना अभी पुराने जमाने का तरीका को गया है और आप इससे वायरल हो सकते हो, इसीलिए नई तकनीक यह है कि नोट फेंकदो रस्ते पर और पुलिस कभी भी आपको ढूंढ नहीं पाएगी |”
यह वीडियो हमें फैक्ट क्रेसेंडो के whatsapp number ९०४९०५३७७० पर सत्यता जांचने के लिए भी भेजा गया था |
अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो को संबंधित कीवर्ड्स को गूगल पर खोजने से की , इसके परिणाम से हमें १६ अप्रैल २०२० को NDTV द्वारा प्रकाशित एक खबर मिली जहा वीडियो में दिखाए गये दृश्यों को देखा जा सकता है | इस खबर के शीर्षक में लिखा गया है कि लॉकडाउन के बीच मध्य प्रदेश में इंदौर के रोड पर गिरे नोट मिले | यह घटना गुरुवार दोपहर की है जब स्थानीय निवासियों ने सड़क पर लावारिस पड़े २०,५०,१००, २०० और ५०० रुपये के करेंसी नोटों को देखा, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई |
इस घटना पर टाइम्स ऑफ़ इंडिया द्वारा प्रकशित खबर के अनुसार यह घटना हीरा नगर थाने क्षेत्र से है जहां के स्टेशन इन चार्ज को कुल मिलाकर ६४८० रुपये मिले थे | पुलिस ने इन नोटों को बाद मे स्वच्छ किया गया |
फैक्ट क्रेसेंडो ने इंदौर में हीरा नगर पुलिस स्टेशन के स्टेशन इन चार्ज राजीव भदोरिया से संपर्क किया, उन्होंने हमने बताया कि “सोशल मीडिया पर इस वीडियो को फैलाते हुए गलत कथन जोड़ा जा रहा है | यह पैसे राम नरेंद्र यादव के रूप में पहचाने जाने वाले एक व्यक्ति के हैं, जो खाने बनाने वाली गैस की डिलीवरी करता है | यह पैसे उसके पॉकेट से साइकिल चलाते वक़्त सड़क पर गिर गये थे | राम नरेंद्र यादव ने दहशत फैलने की खबर सुनने के बाद हम से संपर्क किया और हमें सूचित किया कि ये पैसा उसके हैं जो उससे भूल से गिर गये थे | इसके आलावा हमने घटनास्थल पर मौजूद सीसीटीवी फुटेज को एक्सामिन किया और पता लगाया कि नोट इसी आदमी की जेब से गिरे थे | यह नोट कोई कोरोनावायारस का संक्रमण फ़ैलाने के लिए नही फेंके गये थे |”
निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो मध्य प्रदेश के इंदौर से है | इस वीडियो के माध्यम से किये गये दावे गलत है क्योंकि सड़क पर पाये गये नोट कोरोनावायारस के संक्रमण को फ़ैलाने के उद्देश्य से नही रखे गये थे | यह पैसे एक गैस सिलिंडर डिलीवर करने वाले व्यक्ति के पॉकेट से गिर गये थे
Title:इंदौर में डिलीवरी एजेंट की जेब से गिरे नोटों का वीडियो गलत कथन के साथ हुआ वाइरल |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
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