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भारतीय सेना के खिलाफ दिल्ली में किसी भी राजनितिक दल द्वारा कोई विरोध प्रदर्शन नही किया गया है |

लद्दाख में भारत और चीन की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद सोशल मीडिया पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं की तस्वीर वायरल होती दिख रही है | इस तस्वीर में हम लोगों को विरोध प्रदर्शन करते हुए देख सकते है | तस्वीर के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि भारतीय सेना द्वारा चीनी सैनिकों को गोली मारने के विरोध में दिल्ली में इन नेताओं ने भारतीय सेना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है |

आर्काइव लिंक 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

जाँच की शुरुवात हमने उपरोक्त तस्वीर को कीवर्ड्स के माध्यम से ढूँढकर की, जिसके परिणाम हमें ये तस्वीरें सीपीआई (एम्) के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर उपलब्ध मिलीं | १६ जून को ट्विटर हैंडल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, सीपीएम के नेताओं ने नरेंद्र मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया था |

आर्काइव लिंक

इस घटना से संबंधित कीवर्ड्स के माध्यम से हमें कुछ न्यूज़ रिपोर्ट मिलीं जिसके मुताबिक मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कोरोना वायरस के संक्रमण और आर्थिक मंदी की स्थिति से निपटने में कथित तौर पर विफल रही नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ १६ जून को अखिल भारतीय विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था |

सीपीआई के ट्विटर अकाउंट पर प्रकाशित तस्वीरों में सीपीएम के नेताओं के हाथों में बैनर और पोस्टरों को देखा जा सकता है। सीताराम येचुरी ने अपने गले में एक बैनर को लटका रखा है, जिस पर लिखा हुआ है, ‘आयकर सीमा से नीचे के सभी परिवारों को फौरन तीन महीने तक हर महीने 7,500 रुपये दो |’

एक दूसरी तस्वीर में नेताओं के पीछे एक बोर्ड को देखा जा सकता है। बोर्ड पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), केंद्रीय कमेटी कार्यालय लिखा हुआ है |

हालाकिं, लद्दाख में हुई हिंसक घटना के सम्बन्ध में सीताराम येचुरी ने अपने ट्विटर प्रोफाइल से १६ जून को एक ट्वीट जारी कर लद्दाख में शहीद हुए भारतीय सेना के जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की थी |

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | दिल्ली में सीपीएम नेताओं ने कोरोना संक्रमण से निपटने में सरकार की विफलता और आर्थिक मंदी के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए विरोध प्रदर्शन किया था | इस विरोध को भारतीय सेना के खिलाफ किए गए विरोध प्रदर्शन के नाम से लोगो को भ्रमित करने के उद्देश्य से फैलाया जा रहा है।

Title:भारतीय सेना के खिलाफ दिल्ली में किसी भी राजनितिक दल द्वारा कोई विरोध प्रदर्शन नही किया गया है |

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False

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