१८ सितम्बर २०१९ को फेसबुक पर ‘Zaman Hussain’ द्वारा किये गये पोस्ट में एक वीडियो साझा किया गया है, जिसमे एक आदमी को जनता पकड़कर ले जाती दिख रही है | पोस्ट के विवरण में लिखा है कि, “Baccha chor pakda gaya khanti muftiganj |” इस पोस्ट में यह दावा किया जा रहा है कि – ‘वीडियो में दिखाया गया व्यक्ति बच्चा चोर है, जिसे मुफ्तीगंज में पकड़ा गया है |’ क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |
सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:
अनुसंधान से पता चलता है कि…
बच्चा चोरी के सन्दर्भ में फ़िलहाल सोशल मीडिया में कई दावे वायरल हो रहे हैं | अक्सर ऐसे मामलों में लोग ग़लतफ़हमी का शिकार होते जा रहें है और वृद्ध, ग़रीब या मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों को बच्चा-चोर समझकर पीटते हुये पुलिस थाने ले जा रहे हैं | हमने हाल ही में ऐसे कई गलत दावों का पर्दाफाश किया है | इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए हमने इस पोस्ट की सत्यता की जांच की |
इस वीडियो को गौर से देखने पर हमें इस वीडियो में ‘UP32’ नंबरप्लेट की गाड़ी दिखी | ऑनलाइन ढूंढने पर पता चला की यह नंबर लखनऊ आर.टी.ओ का है| चूँकि ये मामला लखनऊ शहर से सम्बंधित हो सकता था इसके चलते हमने लखनऊ के SP City अनुराग वत्स से संपर्क किया | उन्होंने इस वीडियो के संबंध में हमें बताया कि यह घटना लखनऊ से ही है परन्तु जिस क्षेत्र में यह घटना घटी है वो लखनऊ पश्चिम से है व वो इलाका लखनऊ पश्चिम पुलिस अधीक्षक के अधिकार-क्षेत्र में आता है |
इसके पश्चात हमने लखनऊ के पश्चिम विभाग के SP विकास चन्द्र त्रिपाठी से संपर्क किया, उन्होंने हमें बताया कि, “यह व्यक्ति मानसिक रूप से अस्वस्थ था | कुछ बच्चे इसे देखकर डर गए | हर जगह बच्चा चोरी की अफवाह और दहशत तो वैसे भी फैली हुई है | जब पूछताछ पर कोई जवाब ना मिला, तो संदेह में बच्चा चोर समझ कर लोग ग़लतफ़हमी का शिकार हो गए | फिर इस आदमी को लेकर ठाकुरगंज पुलिस थाने लाया गया था | जब पता चला की यह आदमी मानसिक रूप से अस्वस्थ है, तब ना ही किसी ने कोई शिकायत दर्ज कराई ना ही इस पर कोई कार्रवाही हुई |”
इसके बाद हमने ठाकुरगंज पुलिस थाने के SHO नीरज ओझा से संपर्क साधा | उन्होंने हमें बताया कि, “यह व्यक्ति बिहार से आया था और मानसिक रूप से अस्वस्थ है | लोग बच्चा चोर की अफ़वाह से इतने भ्रमित हो चुके हैं, कि मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्तियों को भी संदेह की दृष्टी से देखने लगें है | इस व्यक्ति के साथ भी ऐसा ही हुआ | कुछ बच्चे इसको चुप चाप बैठा देख डर गए और फिर गांव वालों ने इसे पुलिस के हवाले कर दिया | जब थाने में डॉक्टर से इस व्यक्ति का चिकित्सक निरिक्षण करवाया गया, तब ये सुनिश्चित हुआ कि यह व्यक्ति मानसिक रूप से अस्वस्थ है | फिर थोड़ी देर के बाद खुद ही कहीं चला गया | गांव वालों ने कोई भी शिकायत दर्ज नहीं करायी | यह व्यक्ति कहा गया, हमें पता नहीं है |”
इस अनुसंधान से यह बात स्पष्ट होती है कि पोस्ट में दर्शाया गया व्यक्ति बच्चा चोर नहीं है और यह घटना लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके की है | यह व्यक्ति मानसिक रूप से अस्वस्थ है और लोगों ने संदेह के चलते इसे बच्चा चोर समझा | मगर इस व्यक्ति की मानसिक स्थिति के बारे में पता चलने पर सारा मामला रफादफा हो गया |
जांच का परिणाम : उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा “वीडियो में दिखाया गया व्यक्ति, मुफ्तीगंज का बच्चा चोर है |” ग़लत है |
Title:लखनऊ के ठाकुरगंज गांव में मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति को बच्चा चोर समझकर लोगों ने पुलिस के हवाले किया |
Fact Check By: Natasha VivianResult: False
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