False

ब्राजील के इस वाईरल वीडियो का प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान से कोई सम्बन्ध नहीं है

५ अप्रैल २०२० रविवार की रात भारत भर के निवासियों ने प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान के फलस्वरूप कोरोनावायरस के खिलाफ अपनी एकजुटता व भारत के संकल्प को व्यक्त करने के लिये मोबाइल फोन का टोर्च, दीए, मोमबत्तियां और टॉर्च की रोशनी दिखाते हुए शामिल हुए | इसी सम्बन्ध में एक ४२ सेकंड का वाइरल वीडियो जिसमे लोग हाथों में मोमबत्तियां लिए और अपने फोन की फ्लैश लाइट को जलाते हुए हिला रहे हैं और गाना गा रहे हैं काफी चर्चा में है| इस वीडियो को सोशल मीडिया पर फैलाते हुए दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि ब्राज़ील में भी लोगों ने मोमबत्तियां और फोन के फ्लैश लाइट जलाया है |

पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि ब्राज़ील के टेलीविज़न चैनलों ने भारत के प्रधानमंत्री मोदी का भाषण अपने देश में दिखाया और कल रात यानी ४ अप्रैल को ही ब्राज़ीलिओ ने ये कर दिखाया |”

फेसबुक पोस्ट

अनुसंधान से पता चलता है की…

जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो को इन्विड टूल का इस्तेमाल करते हुए गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम से हमें यह वीडियो “NAME above all names” नामक एकफेसबुक पेज पर ये वीडियो उपलब्ध मिला | इस वीडियो को फेसबुक पर २८ मार्च २०२० को अपलोड करते हुए लिखा गया है कि “देखो ब्राज़ील के सडकों पर लोग यशु से प्रार्थना कर रहे है |” इससे यह बात स्पष्ट है कि यह वीडियो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान से पहले का है |

इसके आलावा हमें यह वीडियो “ब्राज़ील पारा क्रिस्तो” नामक एक फेसबुक पेज पैर २७ मार्च २०२० को उपलब्ध मिला | इस वीडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि “यह दृश्य सुंदर था |” 

फैक्ट क्रेसेंडो ने ब्राज़ील से इस फेसबुक पेज से संपर्क किया, उन्होंने हमें बताया कि “यह घटना २६ मार्च २०२० को ब्राज़ील के सडकों से है जहाँ कोरोनावायरस के संकट के चलते लोगों ने अपने घर के को मोमबत्तियां जलाई थी और उनकी फ्लैशलाइट ऑन करके भगवान यीशु की प्रार्थना स्वरूप गीत गाये थे |” 

निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | यह वीडियो प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान से पहले का है | वीडियो ब्राजील का है जहां लोगों ने करोना के खिलाफ एकजुट हो प्रतीकात्मक रूप से हाथों में मोमबत्तियां लेकर प्रभु के गीत गाये थे | यह वीडियो इन्टरनेट पर ३ अप्रैल २०२० को प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान से पहले से ही उपलब्ध  है |

Title:ब्राजील के इस वाईरल वीडियो का प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान से कोई सम्बन्ध नहीं है

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False

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