
४ सितम्बर २०१९ को फेसबुक के ‘Azamgarh Express’ नामक एक पेज पर एक पोस्ट साझा किया गया है जिसमें तीन तस्वीरें दी गई है | तस्वीरें गम में डूबे परिवार की है, जो किसी के मृत्यु का शोक मना रहा है |
पोस्ट के विवरण में लिखा गया है कि,
कल इस मॉ से मुलाक़ात हुई जिसके बेटे का नाम साहिल था और उसे मुसलमान समझ कर मार दिया गया
24 साल का जिसका जवान बेटा चला जाय उसका गम समझा जा सकता है, साथ के लड़कों ने बताया कि स्कूटर खड़ा करने को लेकर कुछ बात हुई उसके बाद हमने दो बाए उसको बोला साहिल चल यार, यही साहिल नाम लेना जानलेवा बन गया और फिर साहिल की लाठियो से पिटाई हुई और बार कहा गया कि पंडितों की गली में आने की हिम्मत कैसे हुई उसके बाद घर आ कर दस मिनट बाद वो मर गया
बाप का पैर खराब है एक छोटी बहन और भाई है असल घर की देखभाल वही करता था
ये हिंदुस्तान की राजधानी दिल्ली है मौजपुर मेट्रो के पीछे दो अरेस्ट हुई है परिवार के मुताबिक असली लोगो को पैसे लेकर छोड़ दिया गया
नफरत की आग जब लगती है तो ये नही देखती की दीवारें किसकी है हिन्दू की या मुस्लिम की और जान तो जान है मरा तो इंसान है
United Against Hate
Nadeem Khan
इस पोस्ट व्दारा किया यह दावा किया जा रहा है कि, साहिल सिंह नामक एक २४ वर्षीय युवक की हत्या इसलिए कर दी गई की, हत्यारों को साहिल नाम मुस्लिम जैसा प्रतीत हुआ | दावा किया जा रहा है कि, यह मोब लिंचिंग का मामला है | तो आइये जानते है इस दावे की सच्चाई |
मूल पोस्ट यहाँ देखें – ‘Azamgarh Express’ | ARCHIVE POST
अनुसन्धान से पता चलता है कि…
सबसे पहले हमने साझा तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें परिणाम से ट्वीटर का एक लिंक मिला |
इस ट्वीट के थ्रेड में ‘jaane bhi do yaaro’ नामक यूजर द्वारा साझा ‘न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर का लिंक मिला | इस अख़बार की वेबसाइट पर यह खबर ३१ अगस्त २०१९ को प्रसारित की गई है | खबर के शीर्षक में लिखा है – ‘दिल्ली में रास्ते पर हुए झगडे में गई युवक की जान’ | खबर में कहा गया है कि, मरनेवाले युवक का नाम साहिल सिंह है और मौजपुर में सड़क पर रास्ता ना दिए जाने को लेकर हुई मारपीट के बाद उसकी मौत हुई |
घटना इस प्रकार घटित हुई – खबर के अनुसार, शुक्रवार, ३० अगस्त २०१९ की रात साढ़े दस बजे के करीब साहिल घर जा रहा था | रास्ते में मोटरसाइकिल को जगह देने के मुद्दे पर उसका मौजपुर इलाके के कुछ लड़कों के साथ विवाद हो गया | इसमें साहिल को कुछ चोटें आई | घर जाकर वह सो गया | रात डेढ़ बजे के करीब उसे उल्टी हुई और वह बेहोश हो गया | परिवार के लोग उसे तत्काल जीटीबी अस्पताल ले गए जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया गया | अस्पताल ने पुलिस को सुचना दी | जाफराबाद पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता के कलम ३०२, ३४ के तहत अपराध दर्ज हुआ है |
पूरी खबर यहाँ पढ़े – ‘न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ | ARCHIVE NEWS
इसके बाद हमने ‘Man dies after being beaten in road rage case in Delhi’ इन की-वर्ड्स से गूगल किया तो हमें काफी समाचार संस्थानों द्वारा प्रसारित इस खबर के लिंक मिले | इन सभी ख़बरों में कही भी मोब लिंचिंग या साहिल को नाम से मुसलमान समझकर मारने का जिक्र नहीं है | सभी ख़बरों में रास्ते में हुई लड़ाई का जिक्र किया है | साहिल बाइक पर अकेला ही आ रहा था | उसके साथ किसी दोस्त के होने की बात का किसी खबर में जिक्र नहीं है | सो दोस्त द्वारा उसका नाम पुकारे जाने की बात मनगढ़ंत लगती है |
कुछ ख़बरें आप नीचे पढ़ सकते है –
The Hindu | ARCHIVE NEWS | Outlook | ARCHIVE NEWS | TOI | ARCHIVE NEWS
इसके बाद हमने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (DCP) अतुल कुमार ठाकुर इनसे घटना के एंगल पर बात की | उन्होंने साहिल सिंह को नाम से मुस्लिम समझकर मार डालने की बात से साफ इंकार किया | उन्होंने कहा कि, “हमारी तफ्तीश में अभी तक ऐसे किसी एंगल का पता नहीं चला है | जाने के लिए रास्ता ना दिए जाने के मामूली बात पर झगडा हो गया था | जिसके बाद मारपीट हुई | दो लोगों की गिरफ़्तारी हुई है, जिनमे से एक जुवेनाइल है |”
इससे यह बात स्पष्ट हो जाती है कि, इस घटना से मोब लिंचिंग जैसा कोई एंगल जुडा नहीं है | मीडिया में प्रसारित-प्रकाशित खबरें तथा वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा की गई स्पष्टोक्ति से यह बात साफ़ हो जाती है कि, साहिल यह नाम सुनने के बाद उसे मुस्लिम समझकर मारा गया, यह बात गलत है |
जांच का परिणाम : इस संशोधन से यह स्पष्ट होता है कि, उपरोक्त पोस्ट में साझा तस्वीरों के साथ किया गया दावा कि, “इस माँ के बेटे का नाम साहिल था और उसे मुसलमान समझ कर मार दिया गया |” सरासर गलत है | पुलिस तफ्तीश में यह घटना मोब लिंचिंग की दिखाई नहीं पड़ती है |

Title:क्या दिल्ली के साहिल नामक युवक को नाम से मुस्लिम समझकर मार डाला गया ?
Fact Check By: R PillaiResult: False
