False

इस वीडियो का महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार के सत्ता में आने से कोई सम्बंध नहीं है |

१ दिसम्बर २०१९ को फेसबुक पर ‘Jagjivan Jot Singh Anand द्वारा की गई एक पोस्ट में एक वीडियो साझा किया गया है | पोस्ट के विवरण में लिखा है कि, “शिवसेना का सेक्युलरिज़्म शुरू | शपथ लेते ही महाराष्ट्र में सेक्युलरिज्म की बहार आ गई | मुम्बरा में जुम्मे की नमाज़ के बाद कौसा मस्जिद के बाहर बुला बुला कर तस्बीह बाँटते हुए पुलिस वाले | जय महाराष्ट्र |” इस पोस्ट में यह दावा किया जा रहा है कि – ‘शिवसेना के सत्ता में आते ही मुंबई पुलिस द्वारा मस्जिद के बाहर ताबीज़ वितरित की गई |’ क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |

सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:

FacebookPost | ArchivedLink

अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने सबसे पहले इस घटना के बारे में जानकारी के लिए सबसे पहले मुम्बरा के DCP S. S. Burse से संपर्क किया | 

इस वीडियो को देखने पर उन्होंने हमें बताया कि, यह वीडियो सांप्रदायिक सौहार्द्र के लिए किये गए सामुदायिक सेवा का है | इस वीडियो का किसी भी प्रकार का राजनितिक संबंध नहीं है |  

अधिक विस्तृत जानकारी के लिए हमें मुम्बरा के Sr.PI Madhukar Kad से संपर्क करने के लिए कहा गया |

Sr.PI Madhukar Kad से संपर्क करने पर उन्होंने हमें बताया कि, “यह वीडियो कौमी एकता सप्ताह के कार्यक्रम का है | २०१७ से यह हर साल मनाया जाता है, जहां पुलिस द्वारा जगह जगह पर सांप्रदायिक सौहार्द्र के लिए सामुदायिक सेवा की जाती है | यह वीडियो २९ नवम्बर २०१९ का कौसा मस्जिद के बाहर का है, जहाँ वीडियो में दिखने वाले पुलिस अधिकारी कौमी एकता व सांप्रदायिक सौहार्द्र के अपने सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत ताबीज़ वितरित कर रहे थे | इससे पहले २२ नवम्बर को भी हमारे द्वारा उसी मस्जिद के बाहर गुलाब भी बांटा गया था | इस घटना का महाराष्ट्र की वर्तमान सरकार व उनके शपथ ग्रहण से कोई लेना देना नहीं हैं |”

इसके बाद जब हमने गूगल पर ‘qaumi ekta week’ कीवर्ड्स को ढूंढा, तो हमें PIB द्वारा १७ नवम्बर २०१७ को प्रकाशित गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना प्राप्त हुई | इस सूचना के अनुसार १९ नवम्बर २०१७ से २५ नवम्बर २०१७ तक कौमी एकता सप्ताह मनाया जायेगा, जिसमे सांप्रदायिक सौहार्द्र के लिए सामुदायिक सेवायें की जायेंगी | पूरी जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें |

PIBPressRelease 

इसके अलावा हमें २०१९ के कौमी एकता सप्ताह कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी प्राप्त हुई जिसमे पूरे सप्ताह के कार्यक्रम की जानकारी दी गयी है |

IndiacelebratingPost | ArchivedLink

इस अफवाह पर सबसे पहले ‘TheQuint’ द्वारा 1 दिसम्बर २०१९ को फैक्ट-चेक किया गया था |

इस अनुसंधान से यह बात स्पष्ट होती है कि उपरोक्त पोस्ट में साझा वीडियो का कोई राजनैतिक संबंध नहीं है | यह वीडियो पुलिस द्वारा किये गए सामुदायिक सेवा का है और इसे गलत विवरण के साथ लोगों को भ्रमित करने के उद्देश्य से फैलाया जा रहा है |

जांच का परिणाम :  उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा “शिवसेना के सत्ता में आते ही मुंबई पुलिस द्वारा मस्जिद के बाहर ताबीज़ वितरित की गई |” ग़लत है |

Title:इस वीडियो का महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार के सत्ता में आने से कोई सम्बंध नहीं है |

Fact Check By: Natasha Vivian

Result: False

Recent Posts

इंडोनेशिया में थर्मोकोल के बॉक्स में बैठकर नदी पार करते बच्चों का वीडियो भारत का बताकर वायरल

थर्मोकोल के बॉक्स में बैठकर नदी पार करते यह बच्चें मध्य प्रदेश के नहीं है…

6 hours ago

अरुण गोविल ने पीएम मोदी की नहीं की आलोचना  ,  अधूरा वीडियो भ्रामक दावे के साथ वायरल….

सोशल मीडिया पर मेरठ से भाजपा सांसद अरुण गोविल का एक वीडियो वायरल है। दावा…

7 hours ago

सच नहीं है, ऑपरेशन सिंदूर में सात विमानों के नुकसान कबूलते CDS अनिल चौहान का वायरल वीडियो…

CDS अनिल चौहान का ऑपरेशन सिंदूर से जोड़ कर डीप फेक वीडियो किया जा रहा…

3 days ago

बिहार के सुपौल में निर्माणाधीन पुल गिरने का पुराना वीडियो हालिया बताकर वायरल…

सोशल मीडिया पर एक पुल गिरने का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो…

4 days ago

पाकिस्तान के मुज़फ़्फ़रगढ़ में हुई सामूहिक हत्याकांड का पुराना वीडियो उत्तर प्रदेश के अमरोहा के दावे से वायरल…

खून से लथपथ शवों दर्शाता वायरल वीडियो पाकिस्तान का है, उत्तर प्रदेश का नहीं। पूरी…

4 days ago

महाराष्ट्र में नाबालिग पर हुआ चाकू हमला ‘लव जिहाद’ का प्रकरण नहीं; जानिए सच

दिन दहाड़े नाबालिग स्कूली छात्रा पर चाकू से हमला करने वाले एक सिरफिरे आशिक का…

5 days ago