False

२०१८ में ज़मीन विवाद से जुड़ी पारिवारिक हिंसा के वीडियो को वर्तमान में सांप्रदायिक रूप देकर फैलाया जा रहा है |

२ दिसम्बर २०१९ को फेसबुक पर ‘Mahimaram Bhargav द्वारा किये गये पोस्ट में एक वीडियो साझा किया गया है, जिसमें ८-१० लोग एक युवक को डंडे से पीटते हुए दिख रहें हैं | पोस्ट के विवरण में लिखा है कि, “#WATCH राजपूत समाज के कायरो ने एक बेकसूर दलित युवक को पीट पीटकर मार ङाला उसकी बेरहमी से हत्या कर दी, घटना की अभी तक FIR दर्ज नही हुई है पुलिस प्रशासन मामले की लीपा पोती मे लगी है | [घटना करनाल जिले में निसिंग के पास गोंदर गांव की है] #thedalitvoice |” इस पोस्ट में यह दावा किया जा रहा है कि – ‘करनाल जिले में निसिंग के पास गोंदर गांव में राजपूतों ने एक दलित को पीट-पीट कर मार डाला |’ क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |

सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:

FacebookPost | ArchivedLink

अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने सबसे पहले इस घटना के बारे में जानकारी के लिए निस्सिंग पुलिस थाने के SHO सुरेंद्र सिंह से संपर्क किया, जिन्होंने यह वीडियो देखकर हमें बताया कि यह घटना वर्तमान की नहीं है | वर्तमान में दावे अनुसार एक मारपीट की घटना २४ नवम्बर २०१९ को घटी तो थी, मगर वीडियो उस घटना का नहीं है | इसके अलावा वर्तमान में घटी मारपीट की घटना में प्राथमिकी क्र. ३९३/१९ भी दर्ज हुई है और ७ मे से ६ लोगों को गिरफ़्तार कर उनपर कार्यवाही भी की जा रही है | 

इसके बाद जब हमने karnal के IGP (करनाल रेंज) योगिंदर सिंह से संपर्क किया | उन्होंने यह वीडियो देखते ही इसे गलत वीडियो बताते हुए इस दावे को खारिज कर दिया | उन्होंने हमें बताया कि वर्तमान में घटी मारपीट की वारदात रात के समय की थी, मगर वीडियो में साफ़ दिख रहा है कि यह दिन की घटना थी | इसके अलावा यह वीडियो पिछले साल का है, जब ज़मीन से जुड़े पारिवारिक बैर के चलते परिवार के एक सदस्य को उसके ही रिश्तेदार ने गुंडों से पिटवाया था | मगर यह वर्तमान का कतई नहीं है | किया गया दावा सरासर अफवाह है और इस वीडियो में दिखने वाली घटना का कोई भी सांप्रदायिक संबंध नहीं है |

इसके बाद हमने साझा वीडियो का InVidTool की मदद से स्क्रीनग्रैब लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च में ढूंढा, तो हमें भास्कर द्वारा ३ नवम्बर २०१८ को प्रकाशित इस घटना पर ख़बर मिली, इस ख़बर के अनुसार एक ज़मीनी विवाद के चलते करनाल के नीलोखेड़ी कस्बे के संडीर गांव में हरविंदर सिंह को उसके ताऊ ने गुंडों से पिटवाया था | इस पर पुलिस द्वारा कार्यवाही भी दर्ज की गयी थी और आरोपियों को गिरफ़्तार भी किया गया था | पूरी ख़बर को पढने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें |

BhaskarPost | ArchivedLink

इस घटना की अधिक जानकारी के लिए जब हमने बुटाना पुलिस थाने के SHO इंस्पेक्टर संदीप से संपर्क किया, तो उन्होंने हमें बताया कि, यह घटना २०१८ की है | हरविंदर सिंह (पिता : मलविंदर सिंह ) को उसके ताउजी दलबीर सिंह (पिता : करतार सिंह ) ने, उनके पारिवारिक ज़मीनी विवाद के चलते, गुंडों के साथ पीटा था | इस घटना पर ३ नवम्बर २०१८ को हरविंदर सिंह ने तहरीर दे कर FIR (प्राथमिकी क्र. ५२०/१८) दर्ज करवाई थी, यह घटना १ नवम्बर २०१८ को घटी थी | इस घटना में आरोपियों पर IPC की १३८, १३९, ३०७, ३२३, ३२५ व ५०७ धाराओं के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज  हुई थी | 

इस अनुसंधान से यह बात स्पष्ट होती है कि उपरोक्त पोस्ट में साझा वीडियो का वर्तमान व किसी प्रकार के सांप्रदायिक विवाद से कोई संबंध नहीं है | यह वीडियो २०१८ में एक ज़मीनी विवाद के कारण  घटी घटना है जिसे वर्तमान का बताकर गलत विवरण के साथ लोगों को भ्रमित करने के उद्देश्य से फैलाया जा रहा है |

जांच का परिणाम :  उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा “करनाल जिले में निसिंग के पास गोंदर गांव में राजपूतों ने एक दलित को पीट-पीट कर मार डाला |” ग़लत है |

Title:२०१८ में ज़मीन विवाद से जुड़ी पारिवारिक हिंसा के वीडियो को वर्तमान में सांप्रदायिक रूप देकर फैलाया जा रहा है |

Fact Check By: Natasha Vivian

Result: False

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