क्या प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत हर परिवार के व्यक्ति को 25000 रुपये मिल रहे है ?
भारत सरकार द्वारा २५ जुलाई २०१५ को प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुवात की गई थी, इस योजना के अंतर्गत वर्ष २०२२ तक हर उस निर्धन भारतीय परिवार को जिनका अपना घर नहीं है, उनको उनकी क्रयशक्ति के अनुसार घर का लाभ भारत सरकार द्वारा दिया जायेगा | इस योजना से सम्बंधित वर्तमान में सोशल मीडिया पर एक मैसेज काफी तेजी से वाईरल हो रहा है, मैसेज के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि २०२० के बजट के अनुसार प्रधानमंत्री अवास योजना के तहत हर परिवार के किसी भी एक व्यक्ति को २५००० रुपये सरकार द्वारा दिए जायेंगे | साथ ही कहा गया है कि अगर किसी भी परिवार के एक सदस्य को इस योजना का लाभ उठाना है तो मैसेज के साथ साझा किये गये लिंक पर क्लिक करते हुए फॉर्म भरें | इस लिंक को वायरल मैसेज के साथ संग्लित कर फैलाया जा रहा है|
http://narendramodiawasyojna.in/
अनुसंधान से पता चलता है कि..
प्राथमिक जांच हमने वायरल संदेश के साथ साझा लिंक को क्लिक करने से की, परिणाम में हमने पाया कि लिंक से सम्बंधित वेबसाइट डिलीट हो चुकी है | इसके पश्चात हमने वायरल मैसेज से संबंधित ख़बरों को कीवर्ड्स के माध्यम से गुगल पर ढूँढने से की, जिनके परिणामों में हमें कोई भी पुख्ता खबर नही मिली, जो इस बात की पुष्टी करे की प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हर परिवार के किसी भी एक सदस्य को २५००० रुपये मिल रहे है |
इसके बाद हम प्रधानमंञी आवास योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर गये, जहाँ हमे इस योजना के बारे मे पूर्ण जानकारी एक PDF में प्राप्त हुई | वेबसाइट पर दी गये जानकारी के अनुसार इस योजना (PMAY) के तहत योग्य झुग्गी झोपड़ियों के निवासीयों को अपना घर बनाने के लिए १ लाख रुपये (एक घर) दिए जायेंगे | इस वेबसाइट पर कही पर भी परिवार के एक सदस्य को २५००० रुपये देने का कोइ प्रावधान नही है |
तद्पश्चात हमें PIB Fact Check के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट द्वारा इस सन्दर्भ पर ट्वीट किया मिला, जहाँ सोशल मंचो पर फ़ैल रहे गलत वाईरल संदेशों व साथ संग्लित लिंकों का खंडन करते हुये एक स्पष्टीकरण दिया गया है, इस ट्वीट में साफ़ साफ़ लिखा गया है कि “वेबसाइट लिंक फर्जी है | यह केवल यूजर डाटा कलेक्ट कर रही है | जिसका भविष्य में दुरुपयोग हो सकता है |” साथ में ये भी स्पष्ट किया गया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 25000 रु देने का कोई प्रावधान नही है |
इसके बाद हमें गूगल पर भारतीय सरकार द्वारा संचालित वेबसाइट नियमों को ढूँढा | हमें इ-गवर्नमेंट स्टैण्डर्ड द्वारा एक सरकारी पीडीएफ का लिंक मिला, जिसमे भारतीय सरकार की वेबसाइट के दिशानिर्देश है | इस पी डी एफ के पेज नंबर ३४ – ३५ के अनुसार :
सरकार के डोमेन नाम नीति के अनुपालन में, सभी भारतीय सरकारी वेबसाइटें विशेष रूप से आवंटित ‘gov.in’ या ‘nic.in’ डोमेन का उपयोग करेंगे और यह अधिकार सरकारी वेबसाइटों तक सीमित है | भारत के सैन्य संस्थानों और संगठनों द्वारा भी gov.in/ nic.in डोमेन का इस्तेमाल किया जा सकता है |
नीचे आप कुछ सरकारी वेबसाइट के लिंक उदहारणस्वरूप देख सकते है जिसके अंत में (.gov.in) या (.nic.in) लिखा गया है |
National portal of india | https://www.india.gov.in/ |
NIC service desk | https://servicedesk.nic.in/ |
Open government data platform india | https://data.gov.in/ |
उपरोक्त तथ्यों से यह स्पष्ट होता है कि वाईरल संदेशों के साथ दिया गया वेबसाइट लिंक (http://www.narendramodiawasyojna.in/) लोगों को भ्रमित कर उनका व्यक्तिगत डेटा इकट्ठा करने के उद्देश्य से फैलाया जा रहा है|
निष्कर्षः तथ्यों के जांचे के पश्चात हमें उपरोक्त वायरल मैसेज को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर प्रधानमंञी आवास योजना के सन्दर्भ में फ़ैल रहे वाईरल मैसेज फर्जी है | प्रधानमन्त्री आवास योजना के अंतर्गत उपरोक्त दावे अनुसार कोई प्रावधान नही है | साथ ही मैसेज में उल्लेखित वेबसाइट लिंक फर्जी है जो केवल डाटा कलेक्ट करने के लिए इस्तेमाल की जा रहा है |
Title:क्या प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत हर परिवार के व्यक्ति को 25000 रुपये मिल रहे है ?
Fact Check By: Yogesh TResult: False