कोरोनोवायरस संचालित लॉकडाउन के बाद सैकड़ों प्रवासी श्रमिक अपने गृह राज्यों तक पहुंचने के लिए राजमार्गों पर लंबी दूरी तय कर रहे हैं | योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार और विपक्षी कांग्रेस पार्टी के बीच राजनीतिक उधेड़बुन की पृष्ठभूमि में एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई है | अनेक राज्यों में प्रवासी श्रमिकों से जुड़ी दुर्घटनाओं के मद्देनज़र प्रियंका गाँधी ने उत्तरप्रदेश सरकार से एक अपील कर इन परेशान प्रवासियों को कोंग्रेस द्वारा एकत्रित १००० बसों से उनके सम्बंधित ग्रामों में पहुँचाने का आग्रह योगी सरकार से किया था , जिसके पश्चात यूपी सरकार ने १८ मई २०२० को प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा लॉकडाउन के कारण फंसे प्रवासियों के लिए १००० बसें चलाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी थी |
इसी संदर्भ में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर को साझा करते हुए दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में श्रमिकों को अपने घर वापस लाने के लिए प्रियंका गाँधी द्वारा आयोजीत १००० बस को योगी आदित्यनाथ जी निकलने की अनुमति नही दे रहे है जिस वजह से वे उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर लाइन से खड़ीं है |
पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “#शर्मनाक यह कोई रेल नहीं है #मोड़ी_टी यह कोई जाम नहीं है #उत्तरप्रदेश मे #प्रियंका_गाँधी जी ने 1000 बस तैयार कर रखी है मजदूरो को घर पहुँचाने के लिए लेकिन योगी जी परमिशन नही दे रहे |”
अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुवात हमने उपरोक्त तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम से हमें पता चला कि यह तस्वीर उत्तर प्रदेश से है व २०१९ को कुम्भ के मेले के समय की है |
समाचार एजेंसी एशियन न्यूज़ इंटरनेशनल (ANI) ने उत्तर प्रदेश से २८ फरवरी २०१९ को बसों के बेड़े की तस्वीरों को ट्वीट कर कहा था कि, उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम ने वर्ल्ड रिकॉर्ड तोडा है जिसे पहले संयुक्त अरब अमीरात द्वारा ३९० बसों का जुलुस निकलते हुए बनाया था |
यूपी सरकार के प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने बसों की सबसे बड़ी परेड के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह बनाई थी, जब कुंभ में लोगो की सुविधा के लिये ५०० बसों का उपयोग किया था जिससे जिले में ३.२ किमी तक लम्बी क़तर लगी थी |
आर्काइव लिंक
वायरल फोटो को NDTV इंडिया के पत्रकार उमाशंकर सिंह ने भी ट्वीट की थी, जिसके माध्यम से उन्होने यह बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कांग्रेस द्वारा भेजी गई बसों को चलाने की अनुमति दे दी है | हालांकि, बाद में उन्होंने यह स्पष्टीकरण देते हुए ट्वीट किया कि उन्होंने ट्वीट में इस तस्वीर का प्रतिनिधित्व चित्र के रूप में इस्तेमाल किया था और यह कुंभ मेले के दौरान खींची गई थी |
निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सड़क के किनारे बसों की लम्बी कतार दिखाने वाली एक पुरानी तस्वीर को इस गलत दावे के साथ साझा किया जा रहा है कि यह उत्तर प्रदेश सीमा पर वर्तमान में कोंग्रेस द्वरा उपलब्ध कराई बसों को दर्शाती है जिसे कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों को घर तक पहुँचाने के लिए एकत्रित किया गया था|
Title:२०१९ कुम्भ से सम्बंधित एक तस्वीर को वर्तमान में कांग्रेस द्वारा प्रवासियों के लिए उपलब्ध कराई बसें बताकर फैलाया जा रहा है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
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