
केरल के पलक्कड़ में २७ मई को एक गर्भवती हथिनी की निर्ममता पूर्वक की गई हत्या के बाद सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर काफी चर्चा व रोष व्यक्त किया जा रहा है| इन्ही चर्चाओं के बीच सोशल मंचों पर एक तस्वीर को फैलाते हुए यह दावा किया जा रहा है कि, तस्वीर में हम केरल की उस मृत गर्भवती हाथिनी के अंतिम संस्कार को देख सकते है | तस्वीर में एक गड्ढे के अंदर एक हाथी का शव व कई पुजारी देखे जा सकते है |
पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “गर्भवती हथनी की अंतिम विदाई की तस्वीर.. श्रधांजलि |”
फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक
अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुवात हमने इस तस्वीर के स्क्रीनशॉट को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम से हमें कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिली | तद्पश्चात हमें तस्वीर में हाथी के पैर पर “तरलाबलू” जो एक कन्नड़ा शब्द है लिखा हुआ नज़र आया | फेसबुक पर कन्नड़ कीवर्ड्स के माध्यम से सर्च करने पर हमें १२ नवंबर २०१५ को “तरलाबलू जगद्गुरु ब्रिहन्माथ” नामक एक फेसबुक पर अपलोड की गई तस्वीर मिली | इस तस्वीर के शीर्षक में कन्नड़ भाषा में लिखा गया है कि “तरलाबलू मूट की हथिनी गोवरी अब और नही रही |” इस विवरण के अनुसार इस हाथनी का नाम गोवरी है |
इसके पश्चात हमने कन्नड़ भाषा में गूगल पर उपरोक्त विवरण के मदद से इस घटना से संबंधित ख़बरों को ढूँढा जिसके परिणाम से हमें १३ नवंबर २०१५ को वन इंडिया द्वारा प्रकाशित खबर मिली | इस रिपोर्ट के अनुसार गौरी, श्री तरालबालु जगद्गुरु मठ की एक हाथनी थी, जिसकी उस महीने की शुरुवात में मृत्यु हो गई थी | इस हाथी ने टीएस नागभरण द्वारा निर्देशित फिल्म “कल्लारी फूल” में भी एक भूमिका निभाई थी, जिसमें भावनापूर्ण संदेश था | दल ने हाथी का नाम ‘गौरी’ रखा था |
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात् हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | कर्नाटक में हुये एक अंतिम संस्कार समारोह की लगभग पांच साल पुरानी छवि को गर्भवती हाथी के अंतिम संस्कार के रूप में पारित किया जा रहा है|

Title:२०१५ की तस्वीर को केरल की गर्भवती हाथनी के अंतिम संस्कार का बता फैलाया जा रहा है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
