ब्लैक बोर्ड की एडिटेड तस्वीर, मदरसे में सांप्रदायिक और हिंदू विरोधी शिक्षा दिए जाने के फेक दावे से वायरल….

Communal False

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें दावा किया गया है कि मदरसे की कक्षा में हिंदू विरोधी विषय पढ़ाया जा रहा है।वायरल पोस्ट में  ब्लैकबोर्ड पर हिंदू धर्म और इस्लाम के बीच “तुलना” लिखी हुई है। कथित तस्वीर में, “हिंदू धर्म” खंड के अंतर्गत सूचीबद्ध “ योग ”, “ जनेऊ ” और “ मगलसूत्र ” सभी को “गलत” के रूप में चिह्नित किया गया है, जबकि “इस्लाम” कॉलम के अंतर्गत उल्लिखित “ हलाला , “ खतना ” और “ बुर्का ” को सही के रूप में चिह्नित किया गया है।

वायरल वीडियो के साथ यूजर ने लिखा है- मदरसे की पढ़ाई जोरों पर है, नफरत पढ़ाते हो तुम और हिंदू मुस्लिम करता हू मैं … है ना !!

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल पोस्ट  के कुछ तस्वीरों का रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में वायरल तस्वीर हमें  ANI UP & उत्तराखंड के एक्स हैंडल पर मिला। यहां पर ये पोस्ट अप्रैल 2018 में अपलोड किया गया था। जिसमें ब्लैकबोर्ड पर अलग-अलग कंटेंट के साथ यही फोटो दिखाई गई थी।पोस्ट के साथ  कैप्शन में लिखा है कि गोरखपुर के दारुल उलूम हुसैनिया मदरसा में संस्कृत और दूसरे विषय पढ़ाए जाते हैं।

 इस फोटो में ब्लैकबोर्ड पर वायरल फोटो में दिख रहे हिंदी टेक्स्ट से अलग लिपि लिखी है, जिससे पुष्टि होती है कि वायरल फोटो को एडिट किया गया है।

एनडीटीवी , बिजनेस स्टैंडर्ड , आउटलुक मैगजीन जैसे कई अन्य समाचार संगठनों ने भी 2018 में यूपी में इस संस्थान के बारे में खबर को कवर किया।इन खबरों में कुछ में वायरल फोटो भी मौजूद है।  मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में दारुल उलूम हुसैनिया मदरसा ने विज्ञान, गणित, अंग्रेजी और यहाँ तक कि संस्कृत जैसे विषयों सहित आधुनिक शिक्षा शुरू करने के लिए ध्यान आकर्षित किया। मदरसा यूपी शिक्षा बोर्ड के तहत काम करता है और यह राज्य भर में मदरसा शिक्षा को आधुनिक बनाने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।

पड़ताल में वायरल फोटो और मूल फोटो की तुलना करने पर पता चलता है कि दोनों में लोगों की स्थिति और आस-पास की चीजें दिखने में एक जैसी हैं। हालांकि, वायरल वर्जन में ब्लैकबोर्ड की सामग्री को डिजिटल रूप से बदल दिया गया है।

इसके अलावा YouTube वीडियो रिपोर्ट  में भी वायरल फोटो को दिखाया गया है। वीडियो में ब्लैकबोर्ड पर लिखा गया टेक्स्ट वायरल वर्जन से बिल्कुल अलग है, जिससे पुष्टि होती है कि वायरल इमेज को डिजिटल  एडिट किया गया है।

निष्कर्ष-

तथ्य-जांच के बाद हमने पाया कि , हिन्दू विरोधी शिक्षा को दर्शाने और फेक सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल पोस्ट में दिख रही ब्लैक बोर्ड की तस्वीर एडिटेड है।  मूल तस्वीर गोरखपुर के एक मदरसे की है, जहाँ संस्कृत, अंग्रेजी और विज्ञान जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं।

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Title:ब्लैक बोर्ड की एडिटेड तस्वीर, मदरसे में सांप्रदायिक और हिंदू विरोधी शिक्षा दिए जाने के फेक दावे से वायरल….

Fact Check By: Sarita Samal  

Result: False