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तेलंगाना में कांग्रेस शासन के दौरान महिलाओं ने नहीं लगाया राम मंदिर तोड़ने का नारा, दावा फर्जी है…

सोशल मीडिया पर राम मंदिर के खिलाफ नारे लगाती कुछ मुस्लिम महिलाओं का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस शासित राज्य तेलंगाना में लगे “राम मंदिर तोड़ेंगे” के नारे। वीडियो को शेयर करते हुए लोग राहुल गांधी और कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं। 

वायरल वीडियो के साथ यूजर ने लिखा है- “तोड़ेंगे-तोड़ेंगे राममंदिर तोड़ेंगे” ऐसे कट्टरपंथी ही कांग्रेस कों वोट देकर सरकार बनवाते हैं, इसीलिए कांग्रेस का कोई बड़ा नेता अयोध्या नहीं गया। तेलंगाना कीं तरह जहाँ भी ऐसे अलगाववादी लोग हैं वहां कांग्रेस आज भी मजबूत है।

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो के बारे में जानने के लिए अलग अलग की-वर्ड के साथ सर्च किया। परिणाम में वायरल वीडियो हमें 21 News यूट्यूब चैनल पर मिला। जिसमें वीडियो को 4 साल पहले यानी 14 नवंबर 2019 को अपलोड किया गया था। 

इस वीडियो में वायरल वीडियो वाले नारे “बाबरी मस्जिद ले के रहेंगे” और “राम मंदिर तोड़ेंगे” सुने जा सकते हैं। लगभग 10 मिनट के इस वीडियो में वायरल वीडियो वाला हिस्सा भी देखा जा सकता है।  चैनल के कैप्शन में लिखा है- सैदाबाद थानांतर्गत उजलेशा ईदगाह में पुलिस नाकेबंदी के बीच बाबरी मस्जिद की विशेष नमाज अदा की गई। 

इस वीडियो में महिलाओं को रिपोर्टर के साथ बात करते भी सुना जा सकता है। 

मिली जानकारी की मदद लेते हुए हमने आगे की सर्च की। हमें ‘सियासत टीवी’ नाम के यूट्यूब चैनल पर वायरल वीडियो मिला। वीडियो को 14 नवंबर 2019 को अपलोड किया गया था। खबर के अनुसार हैदराबाद के सैदाबाद में जुम्मे के मौके पर महिलाओं ने नमाज अदा की और पुलिस की नाकेबंदी के बीच राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। .

हमें इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट मिली, जिसके मुताबिक ये घटना 14 नवंबर 2019 को उजालेशा ईदगाह में हुई थी।  यहां महिलायें बाबरी मस्जिद-राम मंदिर विवाद पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करने के लिए इकट्ठा हुई थीं।  

मिली खबरों से ये साफ है कि वायरल वीडियो अभी का नहीं बल्कि 2019 का है। और साल 2019 में तेलंगाना में कांग्रेस की नहीं बल्कि तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की सरकार थी।  बता दें कि तेलंगाना में 3 दिसंबर 2023  को कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव जीता था जिसके बाद रेवंत रेड्डी को मुख्यमंत्री बनाया गया । इससे यह साफ हो गया है कि वायरल वीडियो में गलत दावों के साथ कांग्रेस पर निशाना साधा जा रहा है। कांग्रेस के शासन काल में महिलाओं ने राम मंदिर तोड़ने का नारा नहीं दिया है।

निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद हमने पाया कि, वायरल वीडियो 2019 का है, जब तेलंगाना में कांग्रेस की नहीं बल्कि टीआरएस की सरकार थी। कांग्रेस के शासन काल में महिलाओं ने राम मंदिर तोड़ने का नारा नहीं दिया है।

Title:तेलंगाना में कांग्रेस शासन के दौरान महिलाओं ने नहीं लगाया राम मंदिर तोड़ने का नारा, दावा फर्जी है…

Fact Check By: Sarita Samal

Result: False

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