
२७ मई २०१९ को फेसबुक पर ‘Anish Jain’ नामक एक यूजर ने एक पोस्ट साझा किया है | पोस्ट में लिखा है- चुनाव आयुक्त अशोक लवासा का कार से भयंकर एक्सीडेंट
पर बाल बाल बचे | बाकी सब चुप रहे |
क्या सच में ऐसा हुआ है? आइये जानते है इस दावे की सच्चाई |
संशोधन से पता चलता है कि…
हमने सबसे पहले पोस्ट में किये गए दावे को की वर्ड्स बनाकर गूगल सर्च किया तो हमें जो परिणाम मिले, वह आप नीचे देख सकते है |
इस सर्च के परिणाम से हमें इस तरह की कोई खबर नहीं मिली, जिसमे की अशोक लवासा के साथ किसी दुर्घटना का जिक्र हो | जाहिर है अगर ऐसी कोई घटना होती तो मीडिया में जरुर प्रसारित होती |
फिर हमने चुनाव आयोग के आधिकारिक प्रवक्ता शेफाली शरन के ट्वीटर अकाउंट को चेक किया | हमें अशोक लवासा के बारे में सबसे ताजा जानकारी २५ मई २०१९ को किये गए ट्वीट से मिलती है, जो भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा किया गया है | ट्वीट में लिखा है कि, चुनाव आयोग के सभी तीनों आयुक्त ने राष्ट्रपति से भेंट की |
इसके पहले प्रवक्ता शेफाली शरन का ट्वीट भी हमें मिला | इस ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि, चुनाव आयोग के सभी तीनों आयुक्त ने, मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोरा, चुनाव आयुक्त अशोक लवासा तथा चुनाव आयुक्त सुशिल चंद्रा ने राष्ट्रपति से भेंट की तथा उन्हें १७ वी लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए सदस्यों की लिस्ट सौंपी |
गूगल सर्च से हमें एक और खबर मिली, जिसकी वजह से लवासा चर्चा में आये | १८ मई २०१९ को ‘इकोनोमिक टाइम्स’ द्वारा प्रसारित खबर में कहा गया है कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के भाषणों को क्लीन चिट देने के विरोध में लवासा ने आयोग की आदर्श चुनाव आचारसंहिता से सम्बंधित बैठक से किनारा कर लिया था |
इसके अलावा आयोग के तीनों आयुक्तों में मतभेद इस बात को लेकर भी थे, की जब कोई फैसला २:१ के बहुमत से लिया जाता है, तब अलग विचार रखने वाले आयुक्त का मत फैसले में रखा जाए या नहीं | लवासा का कहना था कि, उनका भी मत फैसले में लिखा जाना चाहिए, जबकि बाकि दो आयुक्त इसके खिलाफ थे | मीडिया में इस बात पर चर्चा होने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोरा ने पत्र जारी कर बाजु सँभालने की कोशिश की थी | ANI के ट्वीट से यह बात पता चलती है |
हमें काफी सर्च करने के बावजूद किसी दुर्घटना में उनके बाल बाल बचने सम्बंधित कोई खबर नहीं मिली | ‘फॅक्ट क्रेसेंडो’ने इसके बाद चुनाव आयोग से भी संपर्क किया | आयोग के एक सूत्र ने हमें इस प्रकार की किसी घटना से इंकार किया | उन्होंने कहा कि, वह ऑफिस में ही है तथा मीटिंग अटेंड कर रहे है | इससे यह पता चलता है कि, यह अफवाह जान बुझकर फैलाई जा रही है |
जांच का परिणाम : इस संशोधन से यह स्पष्ट होता है कि, उपरोक्त पोस्ट में किया गया दावा कि, “चुनाव आयुक्त अशोक लवासा का कार से भयंकर एक्सीडेंट पर बाल बाल बचे | बाकी सब चुप रहे ।” बिलकुल गलत है | उनके साथ ऐसी कोई दुर्घटना नहीं हुई है |

Title:क्या चुनाव आयुक्त अशोक लवासा भयानक कार दुर्घटना में बाल बाल बचे?
Fact Check By: Rajesh PillewarResult: False
